शिक्षकों की नई भर्ती निकालेगी ममता सरकार, 31 मई तक अधिसूचना; नौकरी गंवाने वालों को मिलेगी छूट
बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में रिश्वतखोरी और फर्जी नियुक्तियों के कारण 25,753 नियुक्तियां रद्द कर दी गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने गैर-दोषी शिक्षकों को नई भर्ती तक पढ़ाने की अनुमति दी थी।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार शिक्षकों की नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी, साथ ही नौकरी गंवाने वालों की बहाली के लिए पुनर्विचार याचिका भी दायर करेगी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि जिन शिक्षकों की नौकरी चली गई है, उन्हें नई भर्ती प्रक्रिया में उनके अनुभव और आयु में छूट का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई भर्ती के लिए अधिसूचना 31 मई तक जारी की जाएगी।
बनर्जी ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि जिन शिक्षकों की नौकरी चली गई है, उन्हें वापस नौकरी मिल जाए। लेकिन हमें 31 मई तक अधिसूचना जारी करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश का भी पालन करना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पुनर्विचार याचिका और अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया दोनों एक साथ चलेंगी।’’
बनर्जी का यह बयान सरकारी स्कूलों के उन शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच आया है, जिन्होंने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले में उच्चतम न्यायालय के आदेश के कारण अपनी नौकरी खो दी थी। नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के लिए राहत की घोषणा करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘उम्र कोई बाधा नहीं होगी। जिन लोगों की नौकरी चली गई है, उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी, भले ही वे सामान्य आयु सीमा पार कर चुके हों। उन्हें अपने अनुभव का भी लाभ मिलेगा।’’
यह घटनाक्रम बेरोजगार शिक्षकों के चल रहे आंदोलन के बीच सामने आया है। ये शिक्षक स्थायी बहाली की मांग कर रहे हैं और भर्ती के नए दौर में शामिल होने की अनिच्छा व्यक्त कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने रविवार को आंदोलनकारी शिक्षकों से राज्य सरकार पर भरोसा रखने का आग्रह किया। बसु ने आग्रह किया कि वे विपक्षी राजनीतिक दलों के बहकावे में न आएं। एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बातचीत में बसु ने कहा कि एक वरिष्ठ अधिकारी उन शिक्षकों से मिलकर उनकी मांगों के बारे में जानेंगे जो पिछले कई दिनों से शिक्षा विभाग के मुख्यालय विकास भवन के सामने आंदोलन कर रहे हैं।
क्या है बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला?
पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) द्वारा आयोजित शिक्षक और गैर-शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में व्यापक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से संबंधित है। सीबीआई जांच में सामने आया कि इस घोटाले में रिश्वतखोरी, फर्जी नियुक्तियां और प्रक्रिया में धांधली शामिल थी, जिसमें कुछ उम्मीदवारों ने बिना परीक्षा दिए नौकरी हासिल की। सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल 2025 को इस प्रक्रिया को "व्यवस्थित धोखाधड़ी" करार देते हुए 25,753 नियुक्तियों को रद्द कर दिया, लेकिन 17 अप्रैल 2025 को उन शिक्षकों को राहत दी जो घोटाले में शामिल नहीं थे, उन्हें नई भर्ती प्रक्रिया तक पढ़ाने की अनुमति दी। इस मामले ने ममता बनर्जी सरकार को सवालों के घेरे में ला दिया, और बीजेपी ने उनके इस्तीफे की मांग की।
(इनपुट एजेंसी)
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