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Apara Ekadashi Vrat : अपरा एकादशी कब है? नोट कर लें डेट, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और व्रत पारण टाइम

Apara Ekadashi Vrat : ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। अपरा एकादशी के दिन अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान करना शुभ होता है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 12 May 2025 11:25 AM
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Apara Ekadashi Vrat : अपरा एकादशी कब है? नोट कर लें डेट, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और व्रत पारण टाइम

Apara Ekadashi Vrat : हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में 2 बार एकादशी पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और जीवन सुखमय हो जाता है। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। अपरा एकादशी के दिन अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान करना शुभ होता है। अपरा एकादशी व्रत और दान को करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। धार्मिक कथाओं के अनुसार पांडवों ने भी अपरा एकादशी का व्रत किया था। आइए जानते हैं, अपरा एकादशी डेट, पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त-

अपरा एकादशी डेट- इस साल अपरा एकादशी 23 मई को है।

मुहूर्त-

एकादशी तिथि प्रारम्भ - मई 23, 2025 को 01:12 ए एम बजे

एकादशी तिथि समाप्त - मई 23, 2025 को 10:29 पी एम बजे

पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 05:26 ए एम से 08:11 ए एम

पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 07:20 पी एम

अपरा एकादशी पूजा-विधि:

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।

भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।

अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।

भगवान की आरती करें।

भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।

इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।

इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

एकादशी पूजा सामग्री लिस्ट

श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति

पुष्प

नारियल

सुपारी

फल

लौंग

धूप

दीप

घी

पंचामृत

अक्षत

तुलसी दल

चंदन

मिष्ठान

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