Guru Purnima Kab Hai Date Time Puja Vidhi Shubh Muhurat Guru Purnima : गुरु पूर्णिमा कब है? नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
Hindi Newsधर्म न्यूज़Guru Purnima Kab Hai Date Time Puja Vidhi Shubh Muhurat

Guru Purnima : गुरु पूर्णिमा कब है? नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि

आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। मानव जाति के प्रति उनके योगदान को देखते हुए उनके जन्मोत्सव को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 6 May 2025 02:01 PM
share Share
Follow Us on
Guru Purnima : गुरु पूर्णिमा कब है? नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि

Guru Purnima Kab Hai : आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। मानव जाति के प्रति उनके योगदान को देखते हुए उनके जन्मोत्सव को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। महर्षि वेदव्यास ने ही पहली बार मानव जाति को चारो वेदों का ज्ञान दिया था। इसलिए इन्हें प्रथम गुरु की उपाधि दी जाती है। हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा और वेद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस साल गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई को है। गुरु पूर्णिमा का महत्व गुरु और शिष्य के पवित्र संबंध का प्रतीक है। इस दिन शिष्य अपने गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनके ज्ञान और मार्गदर्शन के लिए उनका सम्मान करते हैं।

मुहूर्त-

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - जुलाई 10, 2025 को 01:36 ए एम बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त - जुलाई 11, 2025 को 02:06 ए एम बजे

गुरु पूर्णिमा पूजा-विधि:

इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। जो लोग पवित्र नदियों में स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं वे नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें।

नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।

सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।

पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है।

इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें।

भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।

इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें।

गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेद व्यास जी की पूजा- अर्चना करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है।

इस दिन अपने-अपने गुरुओं का ध्यान करें।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु कृपा से व्यक्ति का जीवन आनंद से भर जाता है।

पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।

चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें।

चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है।

इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें।

शुभ मुहूर्त-

ब्रह्म मुहूर्त 04:10 ए एम से 04:50 ए एम

प्रातः सन्ध्या 04:30 ए एम से 05:31 ए एम

अभिजित मुहूर्त 11:59 ए एम से 12:54 पी एम

विजय मुहूर्त 02:45 पी एम से 03:40 पी एम

गोधूलि मुहूर्त 07:21 पी एम से 07:41 पी एम

सायाह्न सन्ध्या 07:22 पी एम से 08:23 पी एम

अमृत काल 12:55 ए एम, जुलाई 11 से 02:35 ए एम, जुलाई 11

निशिता मुहूर्त 12:06 ए एम, जुलाई 11 से 12:47 ए एम, जुलाई 11

ये भी पढ़ें:15 मई को मेष से वृषभ में होगा सूर्य का प्रवेश, इन राशियों को होगा लाभ
जानें धर्म न्यूज़ , Rashifal, Panchang , Numerology से जुडी खबरें हिंदी में हिंदुस्तान पर| हिंदू कैलेंडर से जानें शुभ तिथियां और बनाएं हर दिन को खास!