राहुल गांधी पहुंचे करनाल, पहलगाम में मारे गए विनय नरवाल के परिजनों से मुलाकात की
पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर और लक्षित गोलीबारी की, जिसे भारत की एकता और पर्यटन पर हमला माना जा रहा है। हमले के बाद भारत ने सख्त कदम उठाए, जिसमें सिंधु जल समझौता रद्द करना और पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश शामिल है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहलगाम में आतंकवादी हमले में मारे गए नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के परिजनों से मंगलवार को हरियाणा के करनाल में मुलाकात की। लोकसभा में विपक्ष के नेता दोपहर हरियाणा के करनाल पहुंचे। राहुल जब नरवाल के करनाल स्थित आवास पर पहुंचे तो वहां मौजूद पार्टी नेताओं में रोहतक से कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल थे। राहुल और नरवाल के परिजनों के बीच क्या बातचीत हुई, इसके बारे में अभी तक डिटेल नहीं मिल पाई है।
कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘विपक्ष के नेता राहुल गांधी हरियाणा के करनाल पहुंच गए हैं। वह पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए भारतीय नौसेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल जी के परिवार से मुलाकात करेंगे।’ दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पर्यटन के लिए मशहूर पहलगाम के पास बैसरन में 22 अप्रैल को आतंकवादियों की ओर से की गई गोलीबारी में 26 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे। इनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
विनय नरवाल के बारे में जानिए
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल 26 साल के थे। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए। हरियाणा के करनाल निवासी विनय कोच्चि में दक्षिणी नौसेना कमान में तैनात थे। उनकी शादी 16 अप्रैल 2025 को हिमांशी से हुई थी और वे हनीमून के लिए पहलगाम गए थे। बैसरन घाटी में आतंकियों ने धर्म पूछकर पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिसमें विनय समेत 26 लोग मारे गए। विनय ने निहत्थे होने के बावजूद आतंकियों का मुकाबला किया, जिसकी उनके दादा हवा सिंह ने सराहना की। उनकी बहन सृष्टि और पत्नी हिमांशी ने शहीद का दर्जा देने की मांग की। हिमांशी ने मुस्लिमों और कश्मीरियों के खिलाफ नफरत न फैलाने की अपील की, जिसके बाद उन्हें ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। हरियाणा सरकार ने उनके परिवार को 50 लाख रुपये और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।