शंभू पुलिस स्टेशन का घेराव करने निकले किसान, सुरक्षा बलों की भारी तैनाती; क्या मांगें
जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, ‘दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने उन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज करना शुरू कर दिया जो किसानों के लापता सामान का पता लगाने में सहायता कर रहे थे।

किसानों ने पंजाब सरकार के खिलाफ एक बार फिर हल्ला बोला है। पंजाब और हरियाणा सीमा पर स्थित शंभू पुलिस स्टेशन के बाहर मंगलवार को प्रदर्शन बुलाया गया। इससे पहले, आज पटियाला में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। शंभु पुलिस स्टेशन की ओर जाने वाली सभी सड़कों को पहले से ही भारी बैरिकेडिंग के साथ बंद कर दिया गया। गाड़ियों को केवल सघन जांच के बाद ही गुजरने की इजाजत दी जा रही है। पटियाला के एसएसपी वरुण शर्मा सहित दूसरे सीनियर पुलिस अधिकारी मैदान में तैनात हैं। यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि कोई भी किसान शंभु पुलिस स्टेशन तक न पहुंच सके।
प्रदर्शनकारी किसान 19 मार्च को शंभु में पुलिस कार्रवाई के दौरान गायब हुए सामानों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं। उनका दावा है कि सामान बाद में वे आप नेताओं और पुलिस कर्मियों से जुड़े व्यक्तियों के पास पाए गए। इससे पहले, किसानों ने दावा किया कि जगजीत सिंह डल्लेवाल समेत संयुक्त किसान मोर्चा के कई नेताओं को शंभू थाने के बाहर नजरबंद कर दिया गया। मार्च में शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थलों से प्रदर्शनकारी किसानों को हटाया गया था। इसके लिए दमनकारी तरीकों के इस्तेमाल के विरोध में 6 मई को उन्होंने पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का आह्वान किया था। किसान नेताओं ने दावा किया कि पंजाब पुलिस के जवान उन्हें हिरासत में लेने के लिए सुबह-सुबह उनके घर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि पुलिस उन्हें मंगलवार के प्रदर्शन के लिए लोगों को जुटाने से रोकना चाहती थी।
किसानों का नजरबंद किए जाने का दावा
एक किसान नेता ने कहा, ‘डल्लेवाल को फरीदकोट जिले में उनके घर पर सुबह करीब 4 बजे नजरबंद कर दिया गया।’ उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में कई अन्य किसान नेताओं को भी इसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा। हिरासत में लिए गए लोगों में मंजीत सिंह राय और दविंदर सिंह शामिल हैं। किसान संगठन ने मंगलवार को शंभू थाने के बाहर प्रदर्शन करने की घोषणा की थी और उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की थी जिन्होंने प्रदर्शनकारियों को हटाए जाने के बाद उनका काफी सामान चुरा लिया था। नजरबंदी के बाद कथित तौर पर डल्लेवाल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया। डल्लेवाल ने अप्रैल में अपना लंबा अनशन समाप्त किया था। उन्होंने कहा, ‘मैं अब भी कमजोर हूं और अब भी मैं मुश्किल से चल पाता हूं। फिर भी, उन्होंने मुझे मेरे घर तक ही सीमित कर दिया है।’
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