पाकिस्तान जाने वाली चिनाब नदी का पानी घुटनों तक पहुंच गया है। दरअसल, भारत ने सोमवार को रियासी में सलाल बांध को बंद कर दिया, जिससे चिनाब नदी का पानी तेजी से घट गया है। आलम यह है कि आंशिक रूप से सूखे नदी तल साफ तौर पर देखा जा सकता है। हालांकि, भारत सरकार की ओर से ऐक्शन न लेने से पहले चिनाब नदी का नजारा कुछ और ही था। नदी पानी से एकदम भरी रहती थी।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लोगों को जम्मू के अखनूर सेक्टर में चिनाब नदी को पैदल पार न करने की चेतावनी दी। यह चेतावनी ऐसे समय में जारी की गई है जब नदी में पानी का बहाव सबसे कम हो गया है।
सैकड़ों ग्रामीण नदी के पास जमा हो गए हैं। उनमें से कुछ लोग सोने-चांदी के आभूषण और सिक्के खोजते नजर आए।
अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर में गिरावट का कारण रामबन और रियासी जिलों में बगलिहार व सलाल बांधों से नदी में जलप्रवाह पर रोक लगाया जाना है।
केंद्र सरकार ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के मद्देनजर सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की थी। यह संधि 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु और उसकी सहायक नदियों के पानी के उपयोग को नियंत्रित करती रही है।
पिछले सप्ताह गाद निकालने का अभियान चलाने के बाद, जलाशयों को फिर से भरने के लिए बगलिहार और सलाल बांधों के द्वार सोमवार को बंद कर दिए गए। इसके कारण चिनाब नदी के निचले हिस्से, विशेषकर अखनूर सेक्टर में जलस्तर में काफी गिरावट आई।
जलप्रवाह कम होने पर कई स्थानों पर सैकड़ों लोग पैदल चिनाब नदी पार करते हुए वीडियो बनाने के लिए उमड़ पड़े। नदी में कई उत्सुक स्थानीय लोगों ने टखने तक गहरे पानी में सोने-चांदी के आभूषण और सिक्के भी तलाशने शुरू कर दिए।
खतरे को भांपते हुए, अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस दल लोगों को निकालने के लिए आगे आए, क्योंकि दोपहर बाद जल स्तर फिर बढ़ने लगा।