वारिस होने के बाद भी अभिलेखों में नाम नहीं हो रहा दर्ज
Moradabad News - मुरादाबाद, मुख्य संवाददाता। मुख्यमंत्री भले ही निर्विवाद विरासत दर्ज करने के लिए सख्त हों। पंद्रह दिन के अंदर विरासत दर्ज करने के लिए निर्देश दे रहे ह

मुख्यमंत्री भले ही निर्विवाद विरासत दर्ज करने के लिए सख्त हों। पंद्रह दिन के अंदर विरासत दर्ज करने के लिए निर्देश दे रहे हों पर यहां तो किसान महीनों से चक्कर लगा रहे हैं। उनके दावे मामूली बात पर खारिज हो जाते हैं। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद अब हलचल मची है। मुरादाबाद जिला मुख्यालय में जिलाधिकारी से लेकर कमिश्नरी तक इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। जिसमें लेखपाल किसानों को टरकाते रहते हैं। इस पर अधिकारी संबंधित एसडीएम को निर्देशित करते हैं। सही दावों को भी तहसील स्तर पर खारिज कर दिया जाता है। बड़ी संख्या में किसान वरासत के लिए परेशान होते हैं।
दो से तीन महीने तक के पुराने प्रकरण भी सामने आ रहे हैं। मुरादाबाद सदर, बिलारी, ठाकुरद्वारा और कांठ सभी तहसीलों में निर्विवाद विरासत के मामले अटके हैं। शासन की मंशा है कि दावों का सही निस्तारण हो और पंद्रह दिन में वरासत दर्ज हो जाए। एडीएम प्रशासन गुलाब चंद्र ने बताया कि निर्विवाद वरासत पर सख्ती की जा रही है जो लेखपाल या संबंधित अधिकारी ढिलाई कर रहे हैं उन पर एक्शन भी लिया जा रहा है। जो दावे बिना किसी वजह के खारिज कर दिए गए हैं उन दावों पर दोबारा से संज्ञान लेकर उनको दुरुस्त करवाया जा रहा है।
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