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हनुमान चालीसा: इस दोहे में की गई है सभी कष्ट मिटाने की प्रार्थना, हर मंगलवार को करना चाहिए पाठ

मंगलवार यानी हनुमान जी का दिन। इस दिन कुछ लोग मंगलवार का व्रत करते हैं और हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ हर मंगलवार और शनिवार को करना चाहिए

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तानTue, 17 June 2025 10:02 AM
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हनुमान चालीसा: इस दोहे में की गई है सभी कष्ट मिटाने की प्रार्थना, हर मंगलवार को करना चाहिए पाठ

मंगलवार यानी हनुमान जी का दिन। इस दिन कुछ लोग मंगलवार का व्रत करते हैं और हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ हर मंगलवार और शनिवार को करना चाहिए, इससे मानसिक शांति मिलती है, भय से मुक्ति होती है और नेगेटिव एनर्जी का नाश होता है। इसके अलावा आपके जीवन की कई परेशानियों का अंत होता है। हनुमान चालीसा में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि ऐसा कोई आशीर्वाद नहीं है, जो हनुमान जी नहीं दे सकते हैं। हनुमान जी आठ प्रकार की सिद्धियां (अष्ट सिद्धि) और नौ प्रकार के वैभव (नवनिधि) के स्वामी हैं। खुद माता सीता ने हनुमान जी को ये वरदान दिए थे। हनुमान चालीसा के शुरू में ही एक दोहा है, जिसमें हनुमान जी से प्रार्थना की गई है, जिसमें पढ़ने वाला उनसे बल, बुद्धि, विद्या देने और जीवन के हर कलेश को दूर करने के लिए प्रार्थना करता है। पढ़ें संपूर्ण हनुमान चालीसा-

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श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।

बुद्धिहीन तनु जानिकै, सुमिरां पवनकुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार।।

मैं अपने प्रभु (गुरु) के चरणों की धूल से अपने हृदय रूपी दर्पण को स्वच्छ करके, श्री राम के निर्मल यश का वर्णन करता हूं जो चार कामनाओं को देने वाले है। मैं स्वयं को बुद्धिहीन जानकर पवनकुमार हनुमान का स्मरण (याद)करता हूं कि वे मुझे बल, बुद्धि और विद्या प्रदान करें और मेरे शरीर के कष्टों और विकारों (परेशानियों )को दूर करें। --तुलसीदास कृत हनुमान चालीसा

आपको बता दें कि हनुमान चालीसा को 40 छंदों में संरचित किया गया है जिन्हें चौपाई के रूप में जाना जाता है। इसमें कुल 43 छंद हैं, शुरुआत में 2 दोहे, चौपाई के रूप में 40 छंद और फिर चालीसा के अंत में एक दोहा है। इसके हर शब्द को अच्छे से अर्थ समझकर पाठ किया जाए तो हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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