Navratri 9th Day : नवरात्रि के 9वें दिन मां सिद्धिदात्री की होती है पूजा, नोट कर लें पूजन-विधि, भोग, आरती, मंत्र
- Navratri 9th Day Maa siddhidatri Puja : 6 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का अंतिम यानी 9वां दिन है। नवरात्रि के 9वें दिन मां दुर्गा के के नवमं स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। नव दुर्गाओं में मां सिद्धिदात्री अंतिम हैं।

Navratri 9th Day Maa Siddhidatri Puja : 6 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का अंतिम यानी 9वां दिन है। नवरात्रि के 9वें दिन मां दुर्गा के के नवमं स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। नव दुर्गाओं में मां सिद्धिदात्री अंतिम हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सिद्धिदात्री भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं और उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान करती हैं। शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है। मां सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करने वाली हैं। सभी देवी-देवताओं को मां से ही सिद्धियों की प्राप्ति हुई हैं। भगवान शिव ने भी मां की तपस्या कर सिद्धियों को प्राप्त किया। मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हो गया और वह अर्धनारीश्वर कहलाए। नवरात्र में नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के बाद नवरात्र का समापन माना जाता है।
पूजा-विधि:
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
मां को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को सफेद रंग पसंद है।
मां को स्नान कराने के बाद सफेद पुष्प अर्पित करें।
मां को रोली कुमकुम लगाएं।
मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें।
माता सिद्धिदात्री को प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, नौ प्रकार के पुष्प और नौ प्रकार के ही फल अर्पित करने चाहिए।
मां सिद्धिदात्री को मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा अतिप्रिय है। कहते हैं कि मां को इन चीजों का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं।
माता सिद्धिदात्री का अधिक से अधिक ध्यान करें।
मां की आरती भी करें।
नवमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन कन्या पूजन भी करें।
मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र- ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।
कन्या पूजन अति उत्तम-ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करना अति उत्तम माना जाता है। कहते हैं कि नवरात्रि के आखिरी दिन कन्या पूजन करने से मां सिद्धिदात्री प्रसन्न होती हैं।
मां सिद्धिदात्री की आरती
जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता।
तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता।
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।
जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।
तू जगदम्बे दाती तू सर्व सिद्धि है।
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।
तू सब काज उसके करती है पूरे।
कभी काम उसके रहे ना अधूरे।
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।
जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली।
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।