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Navratri Ashtami Kanya Pujan : नवरात्रि की अष्टमी पर इस विधि से करें कन्या पूजन, नोट कर लें शुभ मुहूर्त

  • Navratri Ashtami kanya Pujan: मां भगवती की उपासना का महापर्व नवरात्रि की महाअष्टमी के दिन पूजा-पाठ, हवन के साथ कन्या पूजन भी किया जाता है। मान्यता है कि नवरात्रि में कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 4 April 2025 07:43 PM
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Navratri Ashtami Kanya Pujan : नवरात्रि की अष्टमी पर इस विधि से करें कन्या पूजन, नोट कर लें शुभ मुहूर्त

Navratri Ashtami kanya Pujan: मां भगवती की उपासना का महापर्व नवरात्रि की महाअष्टमी के दिन पूजा-पाठ, हवन के साथ कन्या पूजन भी किया जाता है। मान्यता है कि नवरात्रि में कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। यूं तो नवरात्रि के नौ दिनों में से किसी भी दिन कन्या पूजन किया जा सकता है लेकिन अष्टमी को इसका विशेष महत्व है।

कन्या पूजन करने के लाभ: मान्यता है कि कन्या पूजन करने से मां आदिशक्ति दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है। माता रानी की कृपा से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। नवरात्र पर्व पर दुर्गाष्टमी के दिन कन्याओं की पूजा की जाती है। जिसे कंचक भी कहा जाता है। इस पूजन में नौ साल की कन्याओं की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि महागौरी की उम्र भी आठ साल की थी। कन्या पूजन से भक्त के पास कभी भी कोई दुख नहीं आता है और मां अपने भक्त पर प्रसन्न होकर मनवांछित फल देती हैं।

कन्या पूजन से मां अंबे होती हैं प्रसन्न: कन्याओं को अपनी सामर्थ्यनुसार भोजन जरूर कराएं। जिसमें खीर, पूरी, हलवा और अन्य प्रकार की मिठाई का भोग लगाकर उनसे खाने के लिए निवेदन करें। भोजन के बाद कन्याओं को दक्षिणा के रूप में फल और पैसे आदि दें और उनके पांव छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें। मान्यता है कि कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों के सभी दुख-दर्द दूर करती हैं।

कन्या पूजन की विधि:

कन्या पूजन के एक दिन पहले सभी कन्याओं को आमंत्रित करें।

सभी कन्याओं और छोटे लड़कों के चरण स्पर्श करें और उन्हें साफ-सुथरी जगहों पर बिठाएं।

इसके बाद उनकी कलाईयों पर मौली बांधें। सभी कन्याओं और लड़कों को तिलक लगाएं।

इसके बाद उन्हें भोजन खिलाएं। कन्या पूजन के लिए हलवा और पूड़ी का प्रसाद तैयार करें।

बच्चों को प्यार से भोजन खिलाएं और अंत में उन्हें गिफ्ट्स दें। उनके पैर छुएं और उन्हें भेजने जाएं।

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