Sawan 2025: कब से शुरू हो रहा सावन? जानें कितने पड़ेंगे सावन सोमवार, नोट कर लें तिथियां
Sawan 2025: शास्त्रों में भी सावन मास के महत्व का जिक्र मिलता है। सावन मास में भगवान शंकर की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। सावन का महीना हिंदू पंचांग का पांचवा महीना होता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है।

Sawan 2025 Kab Se Hai Date Time : शास्त्रों में भी सावन मास के महत्व का जिक्र मिलता है। सावन मास में भगवान शंकर की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। सावन का महीना हिंदू पंचांग का पांचवा महीना होता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। सावन के महीने के सोमवार का महत्व और भी अधिक होता है। इस बार 11 जुलाई से सावन की शुरुआत होगी और 9 अगस्त को समाप्त होगा। भगवान शिव की आराधना का यह पवित्र महीना भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में भगवान महादेव की पूजा करने से समस्त कष्टों का निवारण होता है और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
चार सोमवारी व्रत होंगे
इस सावन में चार सोमवारी व्रत होगा। पहला सोमवारी व्रत 14 जुलाई को है। दूसरा 21, तीसरा 28 जुलाई और चौथा सोमवारी व्रत 4 अगस्त को है।
सोमवारी व्रत के लाभ- सावन में भगवान शिव की पूजा एवं सोमवार व्रत का विशेष महत्व है, जिसे शिव पुराण में भी विस्तार से बताया गया है। मान्यता है कि जो शिव भक्त श्रद्धा और नियमपूर्वक सावन के सभी सोमवारी का व्रत रखते हैं, उन्हें भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सोमवार व्रत से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बढ़ती है। ग्रहों की प्रतिकूल दशा में सुधार होता है। मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। दांपत्य जीवन में मधुरता भी आती है।
भगवान शिव की पूजा में प्रयोग होने वाली सामग्री- पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।