शनि मीन राशि में, अब किन राशियों पर शनि की तिरछी नजर, पढ़ें शनि का दृष्टि और राशियों पर असर
- एक राशि में सर्वाधिक काल तक गोचर करने वाले प्रभावशाली ग्रह शनि के गोचर में परिवर्तन 29 मार्च 2025 को दिन शनिवार को हो गया है। शनि अपनी राशि कुंभ से धर्म, आध्यात्मिकता, ज्ञान, बौद्धिकता एवं धार्मिकता आदि के कारक ग्रह बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश कर चुके हैं।

एक राशि में सर्वाधिक काल तक गोचर करने वाले प्रभावशाली ग्रह शनि के गोचर में परिवर्तन 29 मार्च 2025 को दिन शनिवार को हो गया है। शनि अपनी राशि कुंभ से धर्म, आध्यात्मिकता, ज्ञान, बौद्धिकता एवं धार्मिकता आदि के कारक ग्रह बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश कर चुके हैं। शनि बृहस्पति की राशियों धनु एवं मीन राशि में भी अपना संपूर्ण प्रभाव दे पाने में सफल होते हैं। ऐसे में अगले ढाई वर्षो तक मीन राशि में वक्री अथवा मार्गी गति से संचरण करते हुए शनि अपना प्रभाव निश्चित रूप से छोड़ेंगे। शनि के परिवर्तन से साढेसाती की स्थितियों में भी परिवर्तन हो गया है। मेष राशि के लिए चढ़ती साढेसाती, मीन राशि के लिए मध्य साढेसाती तथा कुंभ राशि के लिए उतरती साढेसाती शुरू होगी।
मिथुन राशि वालों के लिए शनि का गोचर भाग्य भाव से राज्य भाव पर होगा। नवम भाव से दशम भाव पर गोचर होगा। ऐसे में मिथुन राशि वालों के लिए कार्यक्षेत्र में परिवर्तन नौकरी तथा व्यवसाय में परिवर्तन स्थानांतरण की स्थिति बनेगी। कार्य के स्वरूप में परिवर्तन देखने को मिलेगा। परिश्रम एवं कार्य क्षमता में वृद्धि होगी। राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए नए दायित्व में वृद्धि होगी। प्राइवेट सेक्टर में कार्य करने वाले लोगों के लिए भी शनि का यह परिवर्तन बड़े परिवर्तन की ओर ले जाएगा। विद्यार्थियों के लिए यह समय सकारात्मक फल प्रदायक होगा। परिश्रम के बल पर भाग्य में परिवर्तन होता दिखाई देगा।
शनि की तीसरी दृष्टि वृष राशि द्वादश भाव पर होगी। परिणाम स्वरूप दूरस्थ यात्रा का संयोग बनेगा। अचानक खर्च में वृद्धि होगी। भाग्य में परिवर्तन के लिए खर्च की स्थिति बन सकती है। आंखों की समस्या के कारण तनाव होगा। भोग विलासिता पर खर्च बढ़ेगा। धार्मिक कार्यों पर खर्च बढ़ सकता है।
शनि की अगली दृष्टि सप्तम दृष्टि चतुर्थ भाव कन्या राशि पर होगी। परिणाम स्वरुप सीने की तकलीफ में वृद्धि होगी। घबराहट में वृद्धि होगी। माता के स्वास्थ्य को लेकर तनाव की स्थिति बन सकती है। गृह एवं वाहन को लेकर तनाव उत्पन्न हो सकता है। घर में नए वाहन खरीदे जा सकते हैं तथा पुराने वाहन के रख रखाव पर खर्च बढ़ सकता है। घरेलू संसाधनों में वृद्धि हो सकती है। बीपी की समस्या वाले लोगों के लिए विशेष रूप से सतर्क रहना होगा। इस अवधि में गृह निर्माण से संबंधित प्रगति देखने को मिलेगा। रियल स्टेट, कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र से जुड़कर कार्य करने वाले लोगों के लिए इस समय विशेष रूप से सतर्क होकर कार्य करने चाहिए अन्यथा तनाव उत्पन्न हो सकता है।
शनि की दशम दृष्टि सप्तम भाव दांपत्य भाव पर होगा। धनु राशि पर दृष्टिपात करते हुए शनि देव दांपत्य जीवन में तनाव की स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं। जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर खर्च की स्थिति उत्पन्न करेंगे। प्रेम संबंधों में टकराव अथवा अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। साझेदारी के कार्यों को लेकर तनाव की स्थिति उत्पन्न होगी। नई साझेदारीक संबंध स्थापित हो सकते हैं। रोजगार के नए साधन बन सकते हैं। विचारों में परिवर्तन उत्पन्न हो सकता है। दैनिक आय में तनाव अथवा अवरोध की स्थिति उत्पन्न होती दिखाई देगी।
इस बीच में शनि की उपासना विशेष रूप से लाभदायक होगा। हनुमान जी की पूजा से भी शनि का शुभ प्रभाव प्राप्त होगा।