Som Pradosh Vrat Date Time Puja Vidhi सोम प्रदोष व्रत इस दिन, भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजा, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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सोम प्रदोष व्रत इस दिन, भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजा

Som Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत भोले शंकर को ही समर्पित होते हैं। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 11 June 2025 05:03 PM
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सोम प्रदोष व्रत इस दिन, भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजा

Som Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत भोले शंकर को ही समर्पित होते हैं। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। आषाढ़ माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में ही पूजा का विशेष महत्व होता है। प्रदोष काल संध्या के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू हो जाता है। कहा जाता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सप्ताह के सातों दिन के प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व होता है। प्रदोष व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से संतान पक्ष को भी लाभ होता है। इस व्रत को करने से भगवान शंकर और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 23 जून, सोमवार को रखा जाएगा। यह प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है।

मुहूर्त-

त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ - जून 23, 2025 को 01:21 ए एम बजे

त्रयोदशी तिथि समाप्त - जून 23, 2025 को 10:09 पी एम बजे

प्रदोष पूजा मुहूर्त - 07:22 पी एम से 09:23 पी एम

अवधि - 02 घण्टे 00 मिनट्स

दिन का प्रदोष समय - 07:22 पी एम से 09:23 पी एम

पूजा-विधि:

सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।

स्नान करने के बाद साफ-स्वच्छ वस्त्र पहन लें।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

अगर संभव है तो व्रत करें।

भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।

भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।

इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

भगवान शिव की आरती करें।

इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

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