Guru Purnima Date : गुरु पूर्णिमा कब है? नोट कर लें डेट, पूजा-विधि और शुभ मुहूर्त
Guru Purnima Kab Hai : गुरु पूर्णिमा का महत्व गुरु और शिष्य के पवित्र संबंध का प्रतीक है। इस दिन शिष्य अपने गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनके ज्ञान और मार्गदर्शन के लिए उनका सम्मान करते हैं।

Guru Purnima Kab Hai : गुरु पूर्णिमा का महत्व गुरु और शिष्य के पवित्र संबंध का प्रतीक है। इस दिन शिष्य अपने गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनके ज्ञान और मार्गदर्शन के लिए उनका सम्मान करते हैं। हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा और वेद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। मानव जाति के प्रति उनके योगदान को देखते हुए उनके जन्मोत्सव को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। महर्षि वेदव्यास ने ही पहली बार मानव जाति को चारो वेदों का ज्ञान दिया था। इसलिए इन्हें प्रथम गुरु की उपाधि दी जाती है। इस साल गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई को है।
मुहूर्त-
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - जुलाई 10, 2025 को 01:36 ए एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त - जुलाई 11, 2025 को 02:06 ए एम बजे
गुरु पूर्णिमा पूजा-विधि:
गुरु पूर्णिमा पूजा- विधि: इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है। इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। भगवान विष्णु को भोग लगाएं। गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेद व्यास जी की पूजा- अर्चना करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन अपने- अपने गुरुओं का ध्यान करें। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है।
गुरु पूर्णिमा का महत्व: भारतीय सभ्यता में गुरु को विशेष स्थान प्राप्त है। गुरु व्यक्ति को सही रास्ता दिखाते हैं। कहते हैं कि गुरु की कृपा से व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करता है।