Vat Savitri vrat date and Vat Savitri vrat is incomplete without this thing Vat Savitri vrat date: 26 को वट सावित्री व्रत, इस चीज के बिना अधूरा है वट सावित्री व्रत, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Vat Savitri vrat date: 26 को वट सावित्री व्रत, इस चीज के बिना अधूरा है वट सावित्री व्रत

Vat Savitri vrat: आध्यामिक तौर पर मानें तो बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों का वास होता है। इसलिए इस दिन बड़ के पेड़ की पूजा होती है, आइए जानें यह व्रत किस चीज के बिना अधूरा है।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तानFri, 23 May 2025 11:31 AM
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Vat Savitri vrat date: 26 को वट सावित्री व्रत, इस चीज के बिना अधूरा है वट सावित्री व्रत

अखंड सौभाग्य और सुख की कामना के लिए किया जाने वाला वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन सोमवती अमावस्या भी है, जिसमें की गई पूजा और दान का विशेष फल मिलता है। 26 मई को वट सावित्री का व्रत है। इस व्रत से सौभाग्यवति महिलाओं की अखंड सौभाग्य की कामना पूरी होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत का संबंध सत्यवान और सावित्री की पौराणिक कथा से भी जुड़ी हैं। पतिव्रता सावित्री ने अपने तप और पतिव्रता धर्म से यमराज को भी झुका दिया था और मृत पति सत्यवान के प्राण यमराज से छीन लाई। तभी से यह व्रत सुहागिनों के लिए श्रद्धा और आस्था का प्रतीक बन गया।

क्यों होती बरगद के पेड़ की पूजा

वट सावित्री व्रत में बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जिस तरह बरगद के पेड़ की उम्र लंबी होती है, उसी प्रकार उनके पति की उम्र भी लंबी हो। आध्यामिक तौर पर मानें तो बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों का वास होता है। यह पेड़ वर्षभर ऑक्सीजन देने वाला और जीवनदायी माना जाता है, इसलिए इसे पूजनीय माना गया है।

बांस के पंखे और टोकरी के बिना अधूरा है यह व्रत

वट सावित्री व्रत के दिन बांस के टोकरी में मौसमी फल और पूजा की सामग्री रखकर ले जाती हैं। इस व्रत में बांस के पंखे का बहुत महत्व है। सबसे पहले रक्षा सूत्र बरगद के पेड़ की सात परिक्रमा के दोरान बांधा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि पहले बांस के पंखे से वट वृक्ष को हवा की जाती है और बाद में पति को भी इसी पंखे से हवा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस पंखे से हवा करने से जीवन में शीतलता, प्रेम और वंशवृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। आपको बता दें कि बांस वंश वृद्धि का प्रतीक है और इसकी शीतलता पारिवारिक सुख-शांति का आधार मानी जाती है।

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