When is Guru or Ashadha Purnima in July Know Snan daan Muhurat Puja Vidhi and Importance Guru Purnima: 20 या 21 जुलाई कब है गुरु या आषाढ़ पूर्णिमा? जानें स्नान-दान का मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Guru Purnima: 20 या 21 जुलाई कब है गुरु या आषाढ़ पूर्णिमा? जानें स्नान-दान का मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व

  • Guru Purnima 2024 kab hai: हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। जानें गुरु पूर्णिमा कब है और इस दिन का महत्व, पूजा विधि व स्नान-दान का मुहूर्त:

Saumya Tiwari नई दिल्ली, लाइव हिन्‍दुस्‍तान टीमFri, 19 July 2024 10:28 AM
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Guru Purnima: 20 या 21 जुलाई कब है गुरु या आषाढ़ पूर्णिमा? जानें स्नान-दान का मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व

Guru Purnima 2024 Date in India: आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन शिष्य अपने गुरुओं की पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि इस दिन चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। यही कारण है कि इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। महर्षि वेदव्यास ने पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान प्रदान किया, जिसके कारण उन्हें प्रथम गुरु की उपाधि प्रदान की गई। पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु को समर्पित मानी गई है, ऐसे में इस दिन श्रीहरि की पूजा-अर्चना करना बहुत ही लाभकारी माना गया है।

आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा कब है: आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई 2024 को शाम 05 बजकर 59 मिनट से प्रारंभ होगी और 21 जुलाई 2024 को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा उदया तिथि में 21 जुलाई 2024, रविवार को मनाई जाएगी।

पूर्णिमा के दिन स्नान व दान का शुभ मुहूर्त: गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान व दान करना अति उत्तम माना गया है। इस दिन स्नान व दान का शुभ मुहूर्त 09:01 ए एम से 10:44 ए एम तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त 10:44 ए एम से 12:27 पी एम तक रहेगा। इसके बाद का शुभ मुहूर्त 2:09 पी एम से 03:52 पी एम तक रहेगा।

गुरु पूर्णिमा का महत्व: भारतीय सभ्यता में गुरु को विशेष स्थान प्राप्त है। गुरु व्यक्ति को सही रास्ता दिखाते हैं। कहते हैं कि गुरु की कृपा से व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त करता है।

गुरु पूर्णिमा पूजा- विधि: इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है।  इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। भगवान विष्णु को भोग लगाएं। गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेद व्यास जी की पूजा- अर्चना करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन अपने- अपने गुरुओं का ध्यान करें। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है। 

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