टेस्ला ने चीन में बंद की अमेरिकी कारों की बिक्री, वजह जानकर आप चौंक जाएंगे
टेस्ला (Tesla) ने अचानक चीन में मॉडल एस (Model S) और मॉडल एक्स (Model X) कारों की बिक्री पर रोक लगा दी है। ये दोनों मॉडल अमेरिका से चीन में आयात किए जाते थे। आइए जरा विस्तार से इसकी पूरी कहानी समझते हैं।

दुनिया की सबसे चर्चित इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला (Tesla) ने अचानक एक बड़ा फैसला लेते हुए चीन में मॉडल एस (Model S) और मॉडल एक्स (Model X) कारों की बिक्री पर रोक लगा दी है। ये दोनों मॉडल अमेरिका से चीन में आयात किए जाते थे। यह फैसला ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव फिर से बढ़ने लगा है और दोनों देशों ने एक-दूसरे के सामानों पर टैरिफ (Import Duty) बढ़ा दिए हैं। आइए जरा विस्तार से इसकी पूरी कहानी समझते हैं।
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क्या है मामला?
टेस्ला (Tesla) ने चीन की अपनी वेबसाइट और WeChat ऐप से Model S और Model X के ऑर्डर लेने का विकल्प हटा दिया है। इससे पहले मार्च के अंत तक ग्राहक इन लग्जरी इलेक्ट्रिक कारों को बुक कर सकते थे, लेकिन अब नए ऑर्डर नहीं लिए जा रहे।
हालांकि, वेबसाइट पर पहले से स्टॉक में मौजूद कुछ कारें अभी भी बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। उदाहरण के तौर पर एक सफेद मॉडल S कार, जिसकी कीमत लगभग 103,800 डॉलर है, अभी भी दिखाई दे रही है।
चीन में कितनी बिकती हैं ये कारें?
टेस्ला (Tesla) की कुल चीन बिक्री में Model S और Model X का योगदान बेहद कम है। 2024 में इन दोनों मॉडल्स की कुल बिक्री केवल 2,000 यूनिट्स रही, जबकि Model 3 और Model Y जैसे लोकल प्रोडक्शन वाले मॉडल्स की बिक्री 6.6 लाख यूनिट्स से भी ज्यादा थी।
क्यों लिया गया ये फैसला?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर (व्यापार युद्ध) के बढ़ते असर का नतीजा है। अमेरिका और चीन दोनों ही एक-दूसरे के उत्पादों पर भारी टैरिफ लगा रहे हैं, जिससे आयात महंगा और नुकसानदायक हो गया है। टेस्ला (Tesla) ने इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान तो नहीं दिया, लेकिन माना जा रहा है कि बढ़ती लागत और कम बिक्री के चलते कंपनी ने यह कदम उठाया है।
क्या आगे भी टेस्ला के फैसले बदल सकते हैं?
संभावना है कि अगर व्यापारिक रिश्ते सुधरते हैं, तो टेस्ला (Tesla) फिर से इन मॉडलों की बिक्री शुरू कर सकती है। फिलहाल कंपनी चीन में Model 3 और Model Y जैसे लोकप्रिय मॉडल्स पर फोकस कर रही है, जिन्हें वह लोकली मैन्युफैक्चर भी करती है।
टेस्ला (Tesla) का ये फैसला भले ही केवल दो प्रीमियम कार मॉडल्स से जुड़ा हो, लेकिन यह वैश्विक व्यापार और राजनीति के प्रभाव को दर्शाता है। एक ओर जहां कंपनी चीन जैसे बड़े बाजार में मजबूत उपस्थिति बनाए रखना चाहती है, वहीं दूसरी ओर उसे अपने प्रोडक्शन और प्रॉफिट को भी बैलेंस करना है।
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