कुछ ट्रेनों का ठहराव हो और पैसेजेंर ट्रेन चले : सांसद
सांसद सुदामा प्रसाद ने दानापुर डीआरएम से मिलकर आरा जंक्शन और आसपास के रेलवे स्टेशनों के यात्रियों की समस्याओं को उठाया। उन्होंने ट्रेनों के ठहराव, प्लेटफॉर्म की ऊंचाई बढ़ाने और रेलकर्मियों के लिए...

-संसद में आवाज उठाने के बाद मांगों को पूरा करने के लिए सांसद सुदामा प्रसाद ने दानापुर डीआरएम से मिल ज्ञापन सौंपा हि. बोले आरा असर आरा, निज प्रतिनिधि। स्थानीय आरा जंक्शन सहित बिहिया और बनाही रेलवे स्टेशनों के दैनिक यात्रियों और भोजपुर जिले के रेल यात्रियों से जुड़ी विभिन्न मांगों पर बोले आरा संवाद के तहत आपके अपने प्रिय अखबार हिन्दुस्तान में 13 जनवरी को छपी सचित्र खबर पर स्थानीय सांसद ने संज्ञान लिया है। सांसद सुदामा प्रसाद ने संसद में जनहित से जुड़ी आवाज बुलंद करने के बाद हाल में ही दानापुर रेल मंडल के डीआरएम से मिलकर कुछ ट्रेनों के ठहराव के साथ पैसेंजर ट्रेन शुरू करने की मांग उठाई है। साथ ही आरा जंक्शन पर चल रहे विकास कार्यों को अविलंब पूरा करने की मांग की है। बता दें कि बोले आरा संवाद के तहत हिन्दुस्तान ने यात्रियों के लिए ट्रेनें कम, सुविधाएं भी नहीं शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। सांसद ने पटना-कोटा एक्सप्रेस का ठहराव बिहिया में करने, अमृत काल योजना के तहत आरा में 1500 फुट भवन का निर्माण करने, प्लेटफॉर्म नंबर दो-तीन को ऊंचा करने, पटना-दानापुर और आरा के बीच शाम 7:30 बजे मेमू ट्रेन का परिचालन करने, बिहिया रेलवे ओवरब्रिज की मरम्मत करने, बनाही फुट ओवरब्रिज का निर्माण करने, बनाही में काशी-पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस का ठहराव करने और किउल से लेकर मुगलसराय तक तीन या चार रेल लाइन का निर्माण की मांग की है। हिन्दुस्तान के बोले आरा संवाद के बाद सांसद सुदामा प्रसाद इन मुद्दों के अलावा अन्य मुद्दों पर संसद में भी आवाज उठा चुके है। मालूम हो कि आरा जंक्शन कमाई में आगे है, लेकिन दैनिक यात्रियों के लिए सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आरा जंक्शन पर मूलभूत सुविधाओं का टोटा है। राजस्व के मामले में सालाना एक करोड़ी क्लब में शामिल होने के बावजूद रेलवे का ध्यान नहीं होने पर दैनिक यात्रियों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिलती हैं। एक तो ट्रेनों की कमी और दूसरे समय पर परिचालन नहीं होने से यात्रियों समेत यात्री संगठनों में नाराजगी है। सचिवालय कर्मी रंजन प्रकाश ने आरा से मोकामा वाया पटना तक उपनगरीय रेल सेवा और तीसरी व चौथी लाइन का निर्माण करने मांग उठाई थी। वहीं बिहिया और बनाही के यात्रियों ने ट्रेनों के ठहराव की मांग उठाई थी। इन मांगों को पूरा करने के लिए सांसद ने अपने स्तर से पहल की है। आरा जंक्शन के प्लेटफॉर्म का हाल हाल्ट से भी बुरा बता दें कि लगभग 100 करोड़ का सालाना राजस्व देने वाले और यात्री संख्या के मामले में एक करोड़ी क्लब में शामिल आरा जंक्शन के प्लेटफॉर्म दो और तीन की हालत किसी हाल्ट स्टेशन से भी बुरी है। यही नहीं प्रीमियम ट्रेनों के ठहराव के बावजूद औसत यात्री सुविधाओं का भी घोर अभाव बना है। सबसे बड़ी समस्या प्लेटफॉर्म दो और तीन की औसत ऊंचाई का बेहद कम होना है। प्लेटफॉर्म की ऊंचाई किसी हाल्ट से भी कम है। प्लेटफॉर्म की उंचाई कम होने से आए दिन हादसे होते रहे हैं। ट्रेन पर चढ़ने के दौरान यात्री गिर कर जख्मी भी हो चुके हैं। आये दिन इसकी शिकायत सोशल मीडिया एक्स और रेल मदद एप पर की जाती है, मगर कोई सुधार अथवा आवश्यक कार्य नहीं हो पा रहा। अमृत भारत योजना के अंतर्गत प्लेटफॉर्म की ऊंचाई बढ़ाने की कई बार बात हुई पर आज तक काम शुरू नहीं हो सका है। रेलवे के तय मानकों के अनुसार रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म की ऊंचाई रेल तल से 760 से 839 मिमी यानी लगभग 30 इंच होनी चाहिए। आरा में प्लेटफॉर्म दो और तीन की ऊंचाई इससे बेहद कम है। आरा जंक्शन पूमरे का कमाऊ स्टेशन है। हाल में नई ट्रेनों का ठहराव भी बढ़ा है, मगर न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं का अभाव जस का तस बना है। प्लेटफॉर्म की ऊंचाई कम होने के अलावा प्लेटफॉर्म का फर्श भी समान रूप से समतल नहीं है। कहीं टाइल्स लगे हैं तो कहीं नहीं लगे हैं, या लगे भी हैं तो उखड़ गये हैं। नतीजा कि ट्रेन पकड़ते समय यात्री गिरते रहते हैं अथवा उनकी ट्राली के पहिये उखड़ जाते हैं। इस पर भी सांसद ने आवाज उठाई है। आरा स्टेशन परिसर में रेलवे अस्पताल या पीएचसी बने : सांसद -रेल कर्मियों के लिए आवास की मांग भी उठाई हि. बोले आरा असर आरा। आपके अपने प्रिय अखबार हिन्दुस्तान ने बोले आरा संवाद के तहत बीते 29 जनवरी को रेलकर्मियों की समस्याओं को उठाया था। इसमें आरा में रेल कर्मियों के लिए अस्पताल और आवास कब तक बनेंगे शीर्षक से सचित्र खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। स्थानीय सांसद सुदामा प्रसाद ने रेल कर्मियों से जुड़े मद्दों पर आवाज उठाने का काम किया है। आरा रेलवे स्टेशन परिसर में रेलवे अस्पताल या तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की मांग उन्होंने दानापुर रेल मंडल के डीआरएम से की। इस संबंध में उन्होंने उनसे मिलकर ज्ञापन भी सौंपा है। बता दें कि आरा बोले संवाद के तहत रेल कर्मियों की समस्याओं को उठाया गया था और यूनियन नेता मनोज पांडेय ने रेलकर्मियों और उनके परिजनों के लिए आरा जंक्शन परिसर में रेलवे का अस्पताल बनाने और आवास का निर्माण कराने की मांग उठाई थी। कहा था कि पिछले कई सालों से आरा रेलवे जंक्शन पर कर्मचारियों की सुविधा के लिए अस्पताल बनाने की मांग हो रही है। अब तक यह मांग पूरी नहीं हो सकी है। यह स्थिति तब है, जब आरा में जमीन भी अधिक है। रेलवे कर्मचारी यूनियन से जुड़े कर्मियों की मानें तो अगर अस्पताल बनता है तो यहां के कर्मियों और उनके परिजनों का इलाज कराने में काफी सहूलियत होगी। इससे कर्मचारियों को सुविधा मिलेगी। फिलहाल पटना में अस्पताल चल रहा है। लिहाजा इलाज के लिए वहां जाना पड़ता है या फिर आरा के निजी क्लीनिक में इलाज कराना पड़ता है। इस पर सांसद ने पिछले दिनों संसद में आवाज उठाई थी और अब डीआरएम को ज्ञापन सौंपा है।
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