Lack of Basic Facilities for Bus Drivers and Helpers in Bihar s Bhojpur District बोले आरा : बस चालक-खलासी को स्टैंड में मिले सुविधा, बीमा-पेंशन की भी दरकार, Ara Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsAra NewsLack of Basic Facilities for Bus Drivers and Helpers in Bihar s Bhojpur District

बोले आरा : बस चालक-खलासी को स्टैंड में मिले सुविधा, बीमा-पेंशन की भी दरकार

भोजपुर जिले के बस स्टैंडों में ड्राइवर और खलासी के लिए बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। पेयजल, शौचालय और सुरक्षा की व्यवस्था नहीं होने से इन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

Newswrap हिन्दुस्तान, आराFri, 28 Feb 2025 06:06 PM
share Share
Follow Us on
बोले आरा : बस चालक-खलासी को स्टैंड में मिले सुविधा, बीमा-पेंशन की भी दरकार

आरा सरदार पटेल बस पड़ाव समेत भोजपुर जिले के बिहारी मिल, पुरानी पुलिस लाइन, बिहिया चौरास्ता, जगदीशपुर, पीरो समेत अन्य स्थलों से जिले के विभिन्न प्रखंडों से लेकर बिहार के अलग-अलग जिलों के अलावा दूसरे राज्यों झारखंड, यूपी, कोलकाता एवं छत्तीसगढ़ के लिए बसों का परिचालन होता है। जिले के अलग-अलग जगहों पर बनाये गये बस स्टैंडों से जिले के नगर निगम, नगर पंचायत एवं नगर परिषद की ओर से राजस्व की वसूली की जाती है, लेकिन इन बसों के ड्राइवर और खलासी के लिए स्टैंडों में पेयजल, शौचालय, मूत्रालय आदि बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। यहां तक कि इनके विश्राम अथवा बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। इस कारण आम लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक सुलभ यात्रा देने वाले ड्राइवर और खलासी कई कठिनाइयों से गुजरते हैं। बसों के मालिकों की ओर से सरकार को राजस्व भुगतान किया जाता है, परंतु सरकार की ओर से दिन और रात की सेवाएं देने वाले ड्राइवर व खलासी को जीवन बीमा, पेंशन, सुरक्षा समेत अन्य जरूरी सुविधाएं भी नहीं दी जाती हैं।

भोजपुर जिले के विभिन्न प्रखंडों से लेकर बिहार के अलग-अलग जिलों के अलावा राज्य से बाहर झारखंड, यूपी, कोलकाता और छत्तीसगढ़ तक सुलभ यात्रा कराने वाले बसों के ड्राइवर और खलासी को स्टैंडों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। साथ ही सरकार की ओर से इन्हें जीवन बीमा, पेंशन, सुरक्षा समेत अन्य जरूरी सुविधाएं भी नहीं मिलती हैं। वहीं मालिकों की ओर से मेहनत, महंगाई एवं खर्च के हिसाब से मजदूरी नहीं दी जाती है। बावजूद इसके बेरोजगारी एवं अन्य काम नहीं मिलने के कारण ड्राइवरी करना इनकी मजबूरी बन गई है। बस मालिकों की ओर से दूर के सफर के लिए दो चालकों को रखा जाता है। कोई सुरक्षा के बगैर लंबी दूरी के सफर में अनहोनी की आशंका बनी रहती है। खासकर रात्रि के सफर में ड्राइवर और खलासी सुनसान इलाकों में सदैव भय के बीच बसों का संचालन करते हैं। जंगल, पहाड़ एवं घाटियों से होकर बसों का परिचालन करना पड़ता है। ये रात्रि में बसों के परिचालन में हमेशा जोखिम लेकर चलते हैं। इस दौरान इन्हें सुरक्षा का अभाव खलता है। सबसे बड़ी विडंबना भोजपुर के अलग-अलग स्थानों पर बने स्थायी और अस्थायी बस स्टैंडों में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। जिला मुख्यालय स्थित आरा शहर के सरदार पटेल बस पड़ाव का आलीशान भवन तो जरूर बना है, लेकिन ड्राइवर और खलासी के लिए पेयजल, शौचालय, मूत्रालय, स्नानागार, विश्राम आवास तक की सुविधा नहीं है। दूसरी ओर यहां अक्सर मारपीट, चोरी एवं छिनतई की घटनाएं होती रहती हैं। सुरक्षा का घोर अभाव है। ऐसे में यहां पुलिस पिकेट की नितांत आवश्यकता जताई गई। आरा नगर निगम की ओर से सफाई के लिए पर्याप्त सफाई कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। फरवरी महीने में मार्च की गर्मी का अहसास होने से अगले महीने अथवा इस साल भीषण गर्मी की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में पेयजल और पंखे की अधिक आवश्यकता होगी, लेकिन यहां इसका अभाव है। इसके भवन में दो ऊपर और एक नीचे कमरा है, जिसमें ड्राइवर, खलासी और एजेंट आराम करते थे, आज उसमें आरा नगर निगम की ओर से ताला बंद कर दिया गया है। ड्राइवर, खलासी और एजेंट चंदा लगाकर इन कमरों में पंखा समेत अन्य जरूरी सामानों को लगाया था और इसमें कुछ पलों के लिए आराम करते थे। मूत्रालय के अभाव में यहां आने-जाने वाले लोग टिकट काउंटर के पास ही खुले में पेशाब करते रहते हैं। इस कारण आने वाली दुर्गंध एवं सड़ांध से सांस लेना मुश्किल हो जाता है। दूसरी ओर स्टैंड से बाहर आरा-पटना फोरलेन सड़क पर पटना और छपरा समेत अन्य स्थानीय कुछ जगहों के लिए बसों का परिचालन होता है। ये बसें बक्सर, रोहतास, डेहरी ऑन सोन समेत अन्य जगहों से आती हैं। यहां पर भी यात्रियों, ड्राइवर, खलासी के लिए शौचालय और मूत्रालय की व्यवस्था नहीं की गई है। इस कारण लोगों को सड़क के किनारे ही पेशाब करना पड़ता है। यहां भी पेयजल के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। पानी के लिए लोगों को जहां-तहां दुकानों में भटकना पड़ता है। कम समय के लिए बसों के ठहराव के चलते लोगों को भागदौड़ करनी पड़ती है। यहां फोरलेन के निर्माण के कारण दिनों पर धूल उड़ती रहती है। इस कारण लोगों को असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है। निर्माण कंपनी की ओर से कभी भी पानी का छिड़काव नहीं किया जाता है और न ही ग्रीन जोन बनाया गया है।

पटेल बस पड़ाव में पेयजल के लिए लगे सभी नल बेकार, पीने के पानी की समस्या

जिले का सबसे प्रमुख बस पड़ाव आरा शहर का सरदार पटेल बस पड़ाव है, जहां से जिले के विभिन्न प्रखंडों के अलावा बिहार के अन्य जिलों समेत दूसरे राज्यों के लिए बसों का परिचालन किया जाता है। इतने बड़े स्टैंड में पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है। पिछले साल ड्राइवर, खलासी, एजेंट, मालिक एवं यात्रियों के पानी पीने समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं को तत्कालीन डीएम राजकुमार के आदेश पर बहाल किया गया था। पानी पीने के लिए प्लेटफॉर्म बनकर एक दर्जन नल लगाये गये थे, जो कुछ ही दिनों बाद खराब होकर बंद हो गये। एक चापाकल बहुत पहले लगाया गया था, जो पिछले कई महीनों से यूं ही खराब पड़ा है। कुछ दिनों तक यहां काम करने वाले एजेंटों की ओर से इसे बनकर पानी का काम चलाया जा रहा था। अक्सर खराब रहने के कारण इन लोगों ने भी अब इसे बनाना छोड़ दिया। इसके बाद से से यह अनुपयोगी बना हुआ है। यही नहीं इसके अलावा दो बड़े-बड़े पेयजल फिल्टर भी लगाए गए थे, जो कुछ ही महीनों में खराब हो गये। इनके लिए अलग एक शौचालय एवं स्नानागार का निर्माण किया गया है, जिसके प्रवेश द्वार पर लिखा गया है कि चालू है पर निगम की ओर से इसमें ताला लगा दिया गया है। इस कारण इन्हें कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। एक अन्य शौचालय में पेय एंड यूज की सुविधा है, जिसका ये लोग उपयोग करते हैं। तमाम सुविधाओं के बीच बस चालक, खलासी, एजेंट और मालिक सुविधा विहीन हैं। कमोबेश जिले के अन्य बस स्टैंडों में भी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। कई जगह पर तो पक्का स्टैंड का भी निर्माण नहीं है। नगर निगम की ओर से भी इस समस्या के निदान के लिए अभी तक कोई पहल नहीं की गई है। सबसे बड़ी बात यह कि लोगों को भीषण गर्मी में पीने के पानी के लिए भी भटकना पड़ेगा। यहां प्रतिदिन सुबह से लेकर देर शाम तक बसों का परिचालन होता रहता है। ड्राइवर एवं खलासी की ओर से इसकी कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन इनकी कोई नहीं सुनता। इन्हें अपनी जरूरी बुनियादी सुविधाएं कब मिलेंगी, इसका इन्हें अब भी इंतजार है।

शिकायतें

- बस स्टैंडों में, पेयजल, मूत्रालय और शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं है

- नगर निगम, नगर पंचायत एवं नगर परिषद की ओर से मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जाती हैं

- बसों से कर की वसूली की जाती है पर सभी स्टैंडों में लाइट तक की व्यवस्था नहीं है

- गर्मी के मौसम में पेयजल की व्यवस्था नहीं होने से काफी परेशानी होगी

- सभी बस स्टैंडों में सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं

- भोजपुर जिले के सभी बस स्टैंडों में, पेयजल, मूत्रालय और शौचालय की व्यवस्था की जानी चाहिए

- दिन और रात में बसों का परिचालन होता है, ऐसे में सभी स्टैंडों में लाइट की व्यवस्था जरूरी है

- गर्मी के मौसम में पेयजल की व्यवस्था होने से सभी को सुविधा मिलेगी

- सुरक्षा के लिहाज से सभी बस स्टैंडों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं

- सरकार की ओर से बीमा और पेंशन की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि की परेशानी न हो

दर्द उभरा

बस स्टैंडों में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। पेयजल, शौचालय और मूत्रालय तक की व्यवस्था नहीं की गई है। पानी पीने के लिए एक हैंड पंप लगाया गया था, जो महीनों से खराब पड़ा है। गर्मी का मौसम आ गया है। पानी की व्यवस्था नहीं होने से परेशानी बढ़ेगी।

विनय तिवारी

बसों का परिचालन दिन और रात होता रहता है। ऐसे में हमेशा सुरक्षा को लेकर मन में भय बना रहता है। सभी स्टैंडों में सीसीटीवी कैमरा और लाइट की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि किसी तरह की परेशानी से बचा जा सके।

देवकुमार पांडेय

बस पड़ाव के आस-पास नियमित सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके लिए सफाई कर्मियों की तैनाती की जानी चाहिए। सफाई कर्मी नहीं होने से गंदगी लगी रहती है। मूत्रालय की व्यवस्था नहीं होने से लोगों को जहां-तहां और सड़क किनारे पेशाब करना पड़ता है।

जोखन तिवारी

सरदार पटेल बस पड़ाव जिला का मुख्य पास पड़ाव है। यहां से होकर जिले के अलावा बिहार के अन्य जिलों समेत झारखंड, यूपी, कोलकाता एवं छत्तीसगढ़ राज्यों के लिए बसों का परिचालन होता है, परंतु ड्राइवर एवं खलासी के लिए बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं।

हृदया प्रसाद

आरा-पटना मुख्य मार्ग अब फोरलेन में बदल गया है। कायमनगर से जीरो माइल तक सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। एजेंसी की ओर से इस दौरान पानी का छिड़काव नहीं किए जाने से पूरे दिन धूल उड़ती रहती है। इस कारण काफी परेशानी होती है। लोगों को सांस की बीमारी होने की संभावना बढ़ गई है।

शिवजी चौधरी

कुछ ही बस स्टैंडों में नियमित सफाई की व्यवस्था की गई है, जबकि जिले के पुरानी पुलिस लाइन, पीरो, बिहिया चौरास्ता, जगदीशपुर समेत अन्य स्टैंडों में सफाई की व्यवस्था नहीं है। इस कारण गंदगी लगी रहती है। नगर परिषद एवं नगर पंचायत की ओर से सफाई कर्मियों को लगाना चाहिए। यह उनका दायित्व और जिम्मेवारी है।

मधेश्वर प्रसाद

सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। हम लोगों की परेशानी और समस्या से उनका कोई लेना-देना नहीं है। केवल स्टैंडों से कर वसूलने भर का उनका नाता है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। प्राथमिकता से हमारी समस्याओं को हल करना चाहिए।

मोहम्मद शबीर खां

पुलिस प्रशासन से भी चालक और खलासी को सहयोग नहीं मिलता है। कई बार ऐसा हुआ है कि बिना कारण ही हमें पुलिस का कोपभाजन बनना पड़ता है। थाने में मदद मांगने जाने पर हमारी बातें नहीं सुनी जाती हैं। हमारी बातों पर अमल करना जरूरी है।

शशि कुमार सिंह

सरकार की ओर से हमारी बीमा और पेंशन की व्यवस्था होनी चाहिए, भविष्य में कोई परेशानी न हो। सभी ड्राइवर और खलासी को इस सुविधा का लाभ मिलना चाहिए। इससे परिवार को भी विपरीत हालात में सहयोग मिलेगा। यह प्राथमिकता के आधार पर लागू होना चाहिए।

रघुनाथ राय

शहरी क्षेत्र हो या चट्टी बाजार, प्रशासन को चाहिए कि जहां पर बस स्टैंड है, वहां कम से कम शौचालय की व्यवस्था की जाए। शौचालय नहीं होने से काफी परेशानी होती है। यही नहीं सरकार को हमारे विकास के लिए भी आगे आना चाहिए। बैंकों से आसानी से ऋण मिले, तो दूसरा रोजगार कर आगे बढ़ने की संभावना है।

संजय पांडेय

आरा-पटना फोरलेन के किनारे सरदार पटेल बस स्टैंड में हमारे लिए कोई भी बुनियादी सुविधा नहीं है। दर्जनों बसों का परिचालन रोज होता है, परंतु पानी के लिए ड्राइवर और खलासी को भटकना पड़ता है। नल जल का पानी भी नहीं मिलता है, जबकि बगल में ही पानी टंकी है।

मनोज कुमार सिंह

हम लोगों की समस्याएं सुनने वाला कोई नहीं है। अपनी समस्याओं को लेकर एक बार नहीं, बल्कि कई बार अधिकारियों के पास अपनी आवाज उठाई और मांग की, परंतु कोई सुनता नहीं है। अब थक-हार कर बैठ गए और इसे अपनी नियति मान लिए हैं।

त्रिलोकी राम बैठा

हमारी सुविधाओं के लिए ध्यान नहीं दिया जाता है। इसका नतीजा है कि हमलोग जैसे-तैसे अपना समय काटते हैं। महंगाई के हिसाब से महीना भी नहीं मिलता है। पहले कुछ कमाई भी हो जाती थी। अब उस पर भी संकट है।

मगही यादव

सरकार को हमारे लिए आगे आना चाहिए। श्रम विभाग एवं बिहार सरकार के मानक के अनुसार महीना तय होना चाहिए, ताकि हम लोग अपने परिवार का भरण पोषण अच्छे से कर सकें। साथ ही अपने बच्चों का अच्छे स्कूलों में नामांकन कराकर बेहतर शिक्षा दे सकें।

सुरेंद्र सिंह

रोज सैकड़ों महिला-पुरुष यात्रियों का आना-जाना होता है। लोग उतरकर मूत्रालय और शौचालय पूछते हैं कि कहां है। ऐसे में हम लोगों के पास कोई जवाब नहीं होता है। स्थिति यह है कि महिलाएं भी सड़क के किनारे बैठकर पेशाब करती हैं। यह निगम के लिए शर्म की बात होनी चाहिए। सुरक्षा की भी कोई व्यवस्था नहीं है।

रवि सिन्हा

बस स्टैंडों में ठंड के मौसम में अलाव जलाने तक की भी व्यवस्था नहीं होती है। इस कारण ड्राइवर, खलासी और यात्रियों को काफी परेशानी होती है। अब तो गर्मी का मौसम आ गया है, लेकिन यहां पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। पानी के लिए भटकना पड़ता है।

बैजनाथ कुमार

महंगाई पहले की तुलना में आसमान छू रही है। इसकी तुलना में आमदनी नहीं होती है और न ही मालिक की ओर से महीना ही मिल पाता है। ऐसे में परिवार चलाना कठिन हो जाता है। हम लोगों को वास्तविक मजदूरी भी नहीं मिल पाती है। दूसरे व्यवसाय के लिए पूंजी का अभाव है। सरकार कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराती, तो दूसरा धंधा किया जाता।

गिरिजा सिंह

जिले के नगर निगम क्षेत्र में नगर आयुक्त, मेयर और डिप्टी मेयर को मिलकर बस पड़ाव में बुनियादी सुविधाओं को बहाल करना चाहिए। बुनियादी सुविधाओं को लेकर कई बार मांग पत्र भी सौंपा गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। निगम को हमारी सुविधाओं का ख्याल नहीं है।

मनोज सिंह

हमारी कोई नहीं सुनता है। दूसरे राज्यों से पूरी रात बस चलाकर सुबह तक स्टैंड में आ जाते हैं। फिर शाम में बसों को लेकर यहां से झारखंड, यूपी, कोलकाता एवं छत्तीसगढ़ के लिए जाना पड़ता है। इस बीच की अवधि में सोने अथवा आराम करने के लिए पड़ाव में कोई सही जगह नहीं होता है। इस कारण काफी परेशानी होती है।

संतोष कुमार उपाध्याय

परिवहन विभाग को ड्राइवर और खलासी के लिए स्थाई व्यवस्था करनी चाहिए। इससे हमारे परिवार का भविष्य भी सुरक्षित होता, लेकिन इसमें शासन प्रशासन तक कोई पहल नहीं करता। जब तक शरीर स्वस्थ है, हम लोग गाड़ी चलते हैं। बुढ़ापा आ जाने और शरीर लाचार हो जाने पर खाने के भी लाले पड़ जाते हैं। इसलिए स्थायी व्यवस्था होनी चाहिए।

प्रस्तुति : युगेश्वर प्रसाद, दीपक कुमार सिंह

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।