वीकेएसयू : नियुक्त सहायक प्राध्यापकों के प्रमाण पत्रों की जांच धीमी
-अब तक सिर्फ एक विषय रसायन शास्त्र के अभ्यर्थियों की हुई है जांच, शिक्षा विभाग के पत्र के आलोक में

-अब तक सिर्फ एक विषय रसायन शास्त्र के अभ्यर्थियों की हुई है जांच -शिक्षा विभाग के पत्र के आलोक में विवि ने कमेटी का किया है गठन आरा। निज प्रतिनीधि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में बिहार राज्य विवि सेवा आयोग की ओर से नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों के अनुभव,दिव्यांगता प्रमाण पत्र और अन्य संबंधित अभिलेखों की जांच की रफ्तार धीमी है। अब तक सिर्फ एक विषय रसायन शास्त्र के अभ्यर्थियों की कागजात की जांच हुई है। इसके बाद किसी विषय की जांच नहीं हो पायी है, जबकि रसायन शास्त्र में एक-दो अभ्यर्थी संदेह के घेरे में भी आये थे। इधर, कागजात जांच को लेकर बनी कमेटी एक-दो बार बैठक कर अब बैठक भी नहीं कर पायी है। सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में फर्जी प्रमाण पत्रों को लेकर भले बिहार राज्य विवि सेवा आयोग और दूसरे विवि परेशान हैं, लेकिन वीर कुंवर सिंह विवि गंभीर नहीं है। आयोग ने दो बार विभिन्न विषयों में नियुक्त हुए सहायक प्राधयापकों के अनुभव प्रमाणपत्रों और दिव्यांगता प्रमाण पत्रों की जांच करने को कहा है। आयोग ने इसका पत्र शिक्षा विभाग को भी भेजा है और शिक्षा विभाग ने भी इसके लिए विवि को निर्देश दिया था। लेकिन, वीर कुंवर सिंह विवि की स्थिति यह है कि जांच के लिए जो कमेटी बनाई गई, उसकी बैठक एक माह बाद से अब तक नहीं हुई है। बताया गया कि कमेटी की अंतिम बैठक फरवरी अंतिम सप्ताह में हुई थी। इसके बाद से कमेटी के सदस्य जुटे ही नहीं। जबकि आयोग से हो रही बहाली में लगातार ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि अलग-अलग विषयों में चयनित कई सहायक प्राध्यापकों के अनुभव प्रमाणपत्र फर्जी थे। आरोपों को लेकर आयोग ने अब तक विभिन्न विषयों में नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर के प्रमाण पत्रों की जांच करने को कहा था, लेकिन रसायन शास्त्र को छोड़कर अन्य किसी भी विषय के प्रमाण पत्रों की जांच नहीं हो सकी है। बता दें कि कमेटी में अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष, प्राकृत विभागाध्यक्ष और प्रॉक्टर शामिल हैं। शैक्षणिक अनुभव प्रमाण पत्रों की होनी है जांच बता दें कि बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग की ओर से ली जा रही असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया में अब तक विभिन्न विषयों में चयनित अभ्यर्थियों के शैक्षणिक अनुभव प्रमाण पत्रों के अलावा अन्य प्रमाण पत्र की की जांच होनी है। शैक्षणिक अनुभव प्रमाणपत्र में गड़बड़ी की आ रही शिकायतों के बाद आयोग और शिक्षा विभाग द्वारा यह कदम उठाया गया है । शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों जांच को लेकर वीर कुंवर सिंह विवि समेत सभी विवि को पत्र जारी किया था। शिक्षा विभाग की ओर से फिलहाल अब तक हुई नियुक्ति में चयनित अभ्यर्थियों के शैक्षणिक अनुभव प्रमाण पत्र की जांच करने को कहा गया है। जानकारों की मानें तो अगर किसी के प्रमाण पत्र में गड़बड़ी मिलती है, तो उनकी नौकरी भी जा सकती है। मालूम हो कि कई विवि में अनुभव और दिव्यांगता प्रमाण पत्र में गड़बड़ी उजागर हुई है। कई जगहों पर दोषियों पर प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है। राज्य विवि में बीएसयूएससी से कई विषयों में जो सहायक प्राध्यापकों की बहाली हुई है, उसमें फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है। कई जगहों पर ऐसे अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिनका अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी है। अब तक आयोग से कई विषयों में हो चुकी है बहाली मालूम हो कि आयोग से हिंदी, प्राकृत, लोक प्रशासन,गणित, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, भौतिकी, भूगोल,उर्दू, रसायनशास्त्र आदि विषयों में नियुक्त होकर आये शिक्षकों को योगदान कराया जा चुका है। विवि के अनुसार अब तक 145 से अधिक सहायक प्राध्यापक योगदान कर अपनी सेवा दे रहे हैं। शिक्षा विभाग ने गहनता से कागजात जांच करने की बात कही है। जांच के बाद अगर कोई गड़बड़ी मिलती है, तो शिक्षा विभाग और आयोग को अवगत कराने को कहा गया है। अनुभव प्रमाण पत्र में इन बिंदुओं पर होनी है जांच ऐसे अभ्यर्थी जिनका अनुभव प्रमाण पत्र मान्य हुआ है और उनकी नियुक्ति हुई, उनके कॉलेज से कागजात की मांग होगी। इसमें नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन का ब्योरा, नियुक्ति के लिए कार्यवाही पंजी का ब्योरा, नियुक्ति से संबंधित विषय का सरकार से संबंधन और पद सृजन का पत्र, विवि द्वारा निर्गत पद सृजन संबंधित पत्र, उम्मीदवार के कार्य करने की अवधि, मिला वेतन आदि बिंदुओं पर जांच होनी है। ----------
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