वादों का निपटारे के लिए लें मध्यस्थता का सहारा: फैमिली जज
सुपरवाइजरी सह मेडिएशन कमिटि की बैठक मे लिये गये कई निर्णय अररिया, विधि संवाददाता। किसी

सुपरवाइजरी सह मेडिएशन कमिटि की बैठक मे लिये गये कई निर्णय अररिया, विधि संवाददाता।
किसी भी प्रकार के वादों के निपटारे के लिए मध्यस्थता का सहारा लेना जरूरी है। मध्यस्थता का सहारा लेने से वादों का निपटारा संभव हो सकता है। वादों के निपटारे के लिए मध्यस्थता का रूख करने से वादकारियों को फायदा ही मिलेगा, इसलिए वादों के निपटारे के लिए मध्यस्थता का रूख जरूरी है। यह बातें सोमवार को फैमिली जज के प्रकोष्ठ में आयोजित सुपरवाइजरी सह मेडिएशन कमिटि की बैठक की अध्यक्षता करते हुए फैमिली जज सह सुपरभाईजरी सह मेडिएशन कमिटि के अध्यक्ष अविनाश कुमार-टू ने कही। उन्होंने कहा कि अदालतों मे बढ़ते मुकदमे को कम करने के लिये मेडिएशन (मध्यस्थता) की सफलतम कार्यवाई से गुजरना जरूरी है। इसके लिए अधिक से अधिक मामलो को सर्वप्रथम मध्यस्थता के लिए मध्यस्थता केंद्र भेजना होगा। बैठक को जिला एवं चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश सह सुपरवाईजरी सह मेडिएशन कमिटि के सदस्य रवि कुमार, ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सह सुपरभाईजरी सह मेडिएशन कमिटि कर जॉइंट सेक्रेटरी सह प्रभारी जज इंचार्ज राजन कुमार ने भी संबोधित किया। बताया गया कि मध्यस्थता के माध्यम से प्रि-लिटिगेशन के तहत पक्षकार औपचारिक मुकदमा दायर किये बिना समाधान मिल बैठकर चर्चा कर विवादों को सुलझा सकते हैं। इस सुपरवाइजरी सह मेडिएशन कमिटि की बैठक में पीपी लक्ष्मी नारायण यादव, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष तपन कुमार बनर्जी, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार पांडेय, जीपी मसूद आलम, मेडिएशन सेंटर के प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्ता सह सुपरभाईजरी सह मेडिएशन कमिटि के सदस्य बिनीत प्रकाश व कुमारी वीणा आदि भी उपस्थित रहकर कई सुझाव दिये।
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