राज्यकर्मी का दर्जा मिले पांच माह बाद भी विशिष्ट शिक्षकों का पे-फिक्सेशन नहीं, आक्रोश
बिहार में नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा के बाद राज्यकर्मी बना दिया गया है, लेकिन अब तक उनका पे-फिक्सेशन नहीं हो पाया है। इस कारण उन्हें अपने बैच के अन्य शिक्षकों की तुलना में प्रतिमाह 13 हजार...

अररिया, वरीय संवाददाता राज्य सरकार व शिक्षा विभाग ने सक्षमता परीक्षा लेकर नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी तो बना और राज्यकर्मी के रुप में इन शिक्षकों एक जनवरी 2025 को योगदान भी ले लिया। लेकिन दुखद पहलू ये कि आज तक इन विशिष्ट शिक्षकों का पे-फिक्सेशन नहीं हो पाया है। इस कारण सक्षमता परीक्षा देकर राज्यकर्मी बने शिक्षकों को नियोजित शिक्षकों की तुलना में प्रतिमाह करीब 13 हजार रुपये कम वेतन भुगतान हो रहा है। यह शिकायत है बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ का। संघ के प्रदेश वरीय उपाध्यक्ष सह जिलाध्यक्ष प्रशांत कुमार ने कहा कि राज्यकर्मी बनने के बाद से लगातार हर माह कम वेतन मिलने से विशिष्ट शिक्षकों में निराशा का भाव पैदा हो रहा है यही नहीं विशिष्ट शिक्षक आर्थिक रूप से भी परेशानी झेल रहे हैं।
जिलाध्यक्ष ने आगे कहा कि सक्षमता परीक्षा देकर राज्यकर्मी बने पांच माह होने को है अभी तक अधिसूचना के आलोक में पे-फिक्सेशन का कार्य प्रारंभ नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है। दु:ख तो इस बात का है कि सक्षमता परीक्षा देने के पूर्व जिस शिक्षकों का बेसिक पे 30 हजार था सक्षमता परीक्षा देकर राज्यकर्मी बनने के बाद उन्हें वर्तमान में 25 हजार के बेसिक पे के आधार पर भुगतान किया जा रहा है। जबकि बिहार सरकार ने विशिष्ट शिक्षक नियमावली के गजट में स्पष्ट कर दिया है कि सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण विशिष्ट शिक्षक जो राज्यकर्मी बन चुके हैं उन्हें पे प्रोटेक्शन के तहत पे-फिक्सेशन कर वेतन भुगतान किया जायेगा। मगर दुर्भाग्य की बात है कि पांच माह बीतने को है अभी तक पे-फिक्सेशन का कार्य प्रारंभ नहीं होना चिंताजनक है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि जो नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा देकर अपनी श्रेष्ठता दिखाकर राज्यकर्मी बने उन्हें उन्हीं के बैच के नियोजित शिक्षक जो परीक्षा नहीं दिए हैं उनसे 13 हजार रुपये प्रतिमाह कम वेतन भुगतान होने के खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। पहले से अल्पवेतनभोगी शिक्षकों को प्रतिमाह 13 हजार रुपये कम वेतन मिलने के उनकी आर्थिक स्थिति बिगाड़ती जा रही है। यही नहीं उन्होंने एचआरएमएस पोर्टल की विसंगति को भी दर्शाया बताया कि जिले में नियोजित शिक्षकों को जहां आवास भत्ता दस, पांच और साढ़े सात प्रतिशत की दर से भुगतान हो रहा है वही राज्यकर्मी बनने के बाद विशिष्ट शिक्षकों को दस के बजाय आठ, पांच के बजाय चार एवं साढ़े सात के बजाय छह प्रतिशत की दर से भुगतान करना कही से भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि विशिष्ट शिक्षकों को 53 प्रतिशत की जगह 50 प्रतिशत की दर से डीए का भुगतान हो रहा है जो बिल्कुल नियम विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि विभाग को पे प्रोटेक्शन के तहत तुरंत विशिष्ट शिक्षकों का पे-फिक्सेशन कर एचआरएमएस पोर्टल पर बेसिक पे, डीए एवं एचआरए को अपडेट कर वेतन भुगतान की प्रक्रिया को अविलंब प्रारंभ कर देना चाहिए जिससे सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षकों की मानसिक एवं आर्थिक समस्या दूर हो सके। वहीं जल्द पे-फिक्सेशन को लेकर संघ का एक शिष्टमंडल डीईओ की अनुपस्थिति में स्थापना डीपीओ रवि रंजन से मिले। इस शिष्टमंडल में जिलाध्यक्ष प्रशांत कुमार, महासचिव आशिकुर्रहमान, जिला प्रवक्ता नरसिंह नाथ मंडल, वरीय उपाध्यक्ष इमरान आलम, कोषाध्यक्ष मगफूर आलम, प्रदेश प्रतिनिधि मो माजुद्दीन, उपाध्यक्ष शम्स रेजा, मो इस्माईल, दीपक झा, गोपाल पासवान, संतोष पासवान, पवन पासवान, सतेन्द्र रजक, रुपेश ऋषिदेव, चित्तरंजन यादव, विकास विश्वास, प्रवेज आलम, रंजीत मंडल, अजय कुमार, वजहूल कमर, तालिब आलम, मो खालिद आलम, तनवीर आलम, अब्दुल रहमान सहित दर्जनों शिक्षक शामिल थे। डीपीओ ने अपने स्तर से उचित कार्रवाई का भरोसा दिया।
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