Aurangabad Courts Adjust Timings Due to Severe Heat New Schedule from April 28 भीषण गर्मी को लेकर न्यायालय के समय में बदलाव, Aurangabad Hindi News - Hindustan
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भीषण गर्मी को लेकर न्यायालय के समय में बदलाव

28 अप्रैल से लागू होगी नई व्यवस्था, सुबह सात बजे से दोपहर 12:30 बजे तक होगा संचालनह ल वल ल ल स ल लल

Newswrap हिन्दुस्तान, औरंगाबादTue, 22 April 2025 09:45 PM
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भीषण गर्मी को लेकर न्यायालय के समय में बदलाव

भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय और दाउदनगर अनुमंडल न्यायालय के संचालन के समय में बदलाव किया जा रहा है। यह बदलाव 28 अप्रैल से लागू होगा। औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय और दाउदनगर अनुमंडलीय न्यायालय के कोर्ट 28 अप्रैल से 28 जून तक सुबह सात बजे से दोपहर 12:30 बजे तक संचालित होंगे। वहीं कार्यालय 1 बजे तक चलेगा। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि यह आदेश व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद के प्रधान जिला जज राजकुमार वन ने जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष विजय कुमार पाण्डेय, महासचिव जगनरायण सिंह, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय सिंह, महासचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी और अनुमंडलीय विधिक संघ के अनुरोध पत्र को स्वीकारते हुए दिया है। अधिवक्ता ने बताया कि प्रतिदिन तापमान वृद्धि से अधिवक्ताओं, मुवक्किलों, गवाहों, अधिवक्ता लिपिक को शारीरिक परेशानी होने लगी है। आने वाले दिनों में गर्मी में इजाफा होगा तो स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होंगी। इसको ध्यान में रखते हुए यह आदेश दिया गया है। ---------------------------------------------------------------------------------------------------- गया के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी से शो कॉज औरंगाबाद, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। किशोर न्याय परिषद, औरंगाबाद के प्रधान दंडाधिकारी सह एसीजेएम सुशील प्रसाद सिंह ने गया के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को शो कॉज किया है। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि भीषण गर्मी में पर्यवेक्षण गृह, गया में बंद ससीमित सात विधि विवादित किशोरों के उम्र निर्धारण का आदेश पत्र काफी समय से निर्गत किया गया है। इसके आलोक में आज तक बोर्ड में उम्र निर्धारण प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। अधिवक्ता ने बताया कि जेजे एक्ट 2015 की धारा 94 के तहत उम्र निर्धारण आदेश के 15 दिनों के अंदर होना चाहिए। ऐसा नहीं करना किशोर हित का हनन है और कानूनी आदेश की अवमानना है। इस लापरवाही पर सात दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण बोर्ड में प्रस्तुत करने को कहा गया है।

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