मदनपुर में वर्ष 1965 में बना स्कूल सुविधाओं से है महरूम
कुल 21 शिक्षक हैं पदस्थापित, 390 छात्र कर रहे हैं पढ़ाईद खुले स्कूल में सुविधाएं नहीं बढ़ सकी। वर्ष 1965 में स्थानीय मुंद्रिका सिंह ने अपने पिता और स्वतंत्रता सेनानी राणा रामेश्वर सिंह के नाम पर उच्च...

मदनपुर प्रखंड में आजादी के बाद खुले स्कूल में सुविधाएं नहीं बढ़ सकी। वर्ष 1965 में स्थानीय मुंद्रिका सिंह ने अपने पिता और स्वतंत्रता सेनानी राणा रामेश्वर सिंह के नाम पर उच्च विद्यालय की आधारशिला रखी थी। वर्ष 2023 में यहां 12वीं तक की पढ़ाई को मान्यता मिली लेकिन सुविधाएं बहाल नहीं हो सकीं। वर्तमान समय में नौवीं कक्षा से लेकर 12वीं तक में कुल 390 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। मदनपुर प्रखंड की कई पंचायतों के बच्चे यहां पढ़ने के लिए आते हैं। पूर्व में जो भवन बना हुआ था, वह जर्जर होने के बाद ध्वस्त हो गया। वर्तमान समय में तीन कमरे में पढ़ाई होती है। इसकी हालत भी खराब है। जानकारी के अनुसार स्कूल में प्रयोगशाला नहीं है। बच्चे किसी तरह प्रैक्टिकल आदि कार्य को निपटाते हैं। जो कंप्यूटर लैब बनाया गया था, उसमें से टीवी की चोरी हो गई। इसके बाद से बच्चे उस सुविधा से दूर हैं। इसके साथ ही शिक्षकों की भी कमी बनी हुई है। बताया गया कि भूगोल के शिक्षक यहां नहीं हैं। जिस समय स्कूल का निर्माण हुआ था, उस समय आस-पास के बच्चों को बुलाकर पढ़ाने की व्यवस्था की गई। धीरे-धीरे स्कूल में सुविधा बढ़ी और बच्चों की संख्या भी बढ़ती चली गई। इसके बाद भवन जर्जर हुआ और शिक्षक रिटायर होते चले गए। वर्तमान समय में विद्यालय में कुल 21 शिक्षक हैं। 11वीं व 12वीं में गणित, भूगोल और अंग्रेजी के शिक्षक नहीं हैं। स्कूल की चहारदीवारी कुछ समय पूर्व ही कराई गई है जिससे कि कुछ समस्या का समाधान हुआ है। इस संबंध में स्कूल के प्रधानाध्यापक मोहम्मद आरिफ ने बताया कि स्कूल की चहारदीवारी का काम हो गया है। स्कूल के पास पर्याप्त जमीन उपलब्ध है। शौचालय का निर्माण हुआ है और यह चालू हालत में है। उन्होंने बताया कि अन्य विकास कार्य भी यहां कराए जा रहे हैं।
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