1971 की लड़ाई में कई शहरों में हुआ था मॉकड्रिल
नरकटियागंज में एसएसबी के सेकेंड कमांडेंट गोविंद कुमार ठाकुर ने कहा कि मॉकड्रिल विषम परिस्थितियों से बचने के लिए आवश्यक है। 1971 की लड़ाई के दौरान कई शहरों में मॉकड्रिल किया गया था। इससे जान-माल की...
नरकटियागंज, हिसं। एसएसबी की 44 वीं बटालियन के सेकेंड कमांडेंट गोविंद कुमार ठाकुर ने बताया है कि विषम परिस्थितियों से महफूज रहने के लिए मॉकड्रिल आवश्यक होता है। 1971 की लड़ाई के दौरान सरकार की ओर से कई शहरों में मॉकड्रिल किया गया था। इससे कई तरह के हादसों को रोकने में मदद मिलती है। साथ ही जान-माल की सुरक्षा होती है। हालांकि पश्चिम चंपारण जिले में मॉक ड्रिल नहीं हो रहा है। मॉकड्रिल में ब्लैक आउट की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इससे जमीन पर रोशनी नहीं दिखती है। दुश्मन की बमबारी अंधेरे में होगी और इससे हानि की संभावना कम होती है।
ऐसी स्थिति के लिए नागरिकों को मानसिक रूप से सतर्क और सहयोगी बनाना जरूरी है। अंधेरे में देश की वायुसेना और सुरक्षा बलों की गतिविधियां आसानी से छिपी रह सकती हैं। ब्लैकआउट इसी खतरे से बचने के लिए किया जाता है। इसमें घरों की सभी बत्तियां बंद रखने, खिड़कियों पर काले कपड़े या पर्दे डालने, गाड़ियों की हेडलाइट्स पर काले कवर लगाने और स्ट्रीट लाइट्स भी सीमित समय के लिए बंद करने के आदेश दिए जाते हैं। इससे बड़ा फायदा होता है।
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