अमरपुर में अब तक नहीं स्थापित हो सका ऑक्सीजन प्लांट
बोले बांकाबोले बांका प्रस्तुति- विपिन कुमार सिंह देश में फिर से एक बार कोरोना के प्रभाव की चर्चा के बाद अमरपुर सहित आसपास के क्षेत्र

अमरपुर (बांका), निज संवाददाता। करीब चार वर्ष पूर्व कोरोना वायरस के प्रकोप को याद कर आज भी लोग सिहर उठते हैं। क्षेत्र में कोरोना का प्रकोप इतना भयावह था कि इसकी चपेट में आकर दर्जनों लोग काल के गाल में समा गए। इसमें से कुछ की मौत तो सरकारी रिकॉर्ड में है जबकि कई लोगों का तो आंकड़ा तक नहीं मिल सका। उस समय सबसे बड़ी चुनौती ऑक्सीजन की थी। इस क्षेत्र में कहीं भी ऑक्सीजन नहीं था। कोरोना की चपेट में आने के बाद मरीज को उनके परिजन बांका, भागलपुर, मुंगेर आदि जगहों पर ले जाते लेकिन उन जगहों पर भी ऑक्सीजन के लिए मारामारी होती थी।
कुछ लोगों को तो ऑक्सीजन मिल जाता था लेकिन कुछ लोग यूं ही बिना ऑक्सीजन के मौत के शिकार हो गए। बांका सदर अस्पताल में पाइप लाइन से ऑक्सीजन की सुविधा थी लेकिन बेड कम होने से परिजन मरीजों को भागलपुर के मायागंज अस्पताल लेकर जाते या फिर प्राइवेट क्लीनिकों में जाते जहां उनका आर्थिक दोहन कर लिया जाता था। प्रदेश में कोरोना की स्थिति को देखने निकले राज्य सरकार के मंत्रियों ने जगह-जगह घूम कर दवाई एवं ऑक्सीजन का जायजा लिया। राज्य सरकार के तात्कालीन पंचायती राज मंत्री तथा वर्तमान में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी 24 मई 2021 को अमरपुर पहुंचे। उन्होंने रेफरल अस्पताल पहुंच कर तात्कालीन रेफरल प्रभारी डॉ अभय प्रकाश चौधरी से अस्पताल में कोरोना के इलाज एवं दवाई आदि के संबंध में जानकारी ली। डॉ चौधरी ने उन्हें अस्पताल की व्यवस्था से अवगत कराया। मंत्री के द्वारा जांच किए जाने के दौरान कई कोरोना मरीज रैन बसेरा में भर्ती थे। अमरपुर में बड़ी संख्या में कोरोना मरीज होने की जानकारी मिलने पर मंत्री सम्राट चौधरी ने घोषणा की थी कि रेफरल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा ताकि यदि कोरोना की तीसरी लहर आती है तो इस क्षेत्र के लोगों को ऑक्सीजन के लिए कहीं भटकना नहीं पड़े। उस समय कोरोना की दूसरी लहर चरम पर थी। मंत्री की इस घोषणा से क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई साथ ही लोगों ने राहत की सांस ली कि अब सभी को अमरपुर में ही ऑक्सीजन मिल जाएगा। इसके एक-दो दिन बाद ही अमरपुर के विधायक एवं तात्कालीन ग्रामीण कार्य मंत्री तथा वर्तमान में भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने भी अमरपुर रेफरल अस्पताल का निरीक्षण किया तथा यहां ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा कर दी। दो-दो मंत्रियों की घोषणा के बाद क्षेत्र के लोग पूरी आश्वस्त हो गए कि अब अमरपुर में ऑक्सीजन प्लांट निश्चित रूप से लग जाएगा। अमरपुर में ऑक्सीजन प्लांट बन जाने से ना सिर्फ यहां के लोगों को बल्कि फुल्लीडुमर, शंभूगंज, रजौन, धोरैया आदि प्रखंडों के लोगों को भी काफी लाभ मिलता। एक अनुमान के अनुसार जिले के करीब पांच लाख लोग इस प्लांट का लाभ उठा सकते थे। लेकिन चार वर्ष बीत जाने के बाद भी अमरपुर में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। जबकि मंत्रियों की घोषणा के तुरंत बाद जिला प्रशासन ने जमीन की खोज शुरू कर दी थी। देश में एक बार फिर कोरोना के प्रभाव की चर्चा से क्षेत्र के लोग चिंतित हो रहे हैं। खास कर वैसे घरों में अधिक चिंता होने लगी है जिनके घर में कोरोना के मरीज थे तथा काफी मशक्कत के बाद ऑक्सीजन की व्यवस्था कर अपने मरीजों की जान बचाई थी। स्थानीय लोगों ने कहा कि यदि अमरपुर में ऑक्सीजन प्लांट लग जाता तो ना सिर्फ कोरोना बल्कि अन्य मरीजों को भी इसका लाभ मिलता। अभी स्थिति यह है कि रेफरल अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर एवं कन्सन्ट्रेटर उपलब्ध हैं। अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि सिलेंडर का ऑक्सीजन समाप्त हो जाने पर इसे भरवाने के लिए भागलपुर भेजना पड़ता है जबकि कन्सन्ट्रेटर को सही ढंग से वोल्टेज नहीं मिल पाने से यह भी सही ढंग से काम नहीं कर पाता है। ऐसे में किसी गंभीर मरीज के आने पर उन्हें रेफर करना पड़ता है। यदि यहां ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण हो जाता तो बांका जिले के अलावा भागलपुर जिले के लोगों को भी काफी लाभ मिलता। क्षेत्र के लोगों ने अमरपुर में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की मांग की है। इस संबंध में अमरपुर विधायक सह भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने कहा कि कोरोना को लेकर सरकार की तैयारी चल रही है। स्वास्थ्य विभाग के इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप किया गया है जिसका लाभ अमरपुर को भी मिल रहा है। इस बार किसी को दिक्कत नहीं होगी। कोरोना से आम लोगों को भी सजग रहने की जरूरत है।
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