भारत में दुनिया के मुकाबले अधिक कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम पर, चीन-जापान में उलटा चलन
ग्लोबल सर्वे ऑफ वर्किंग अरेंजमेंट्स का सर्वे, कोरोना महामारी के कारण शुरू हुई परंपरा पांच साल बाद भी जारी, यूके, यूएसए, कनाडा आदि देशों में वर्क फ्रॉम होम को तरजीह दे रहे।

भारत में कर्मचारी अपने वैश्विक समकक्षों की तुलना में घर से काम करना जारी रखे हुए हैं। पांच साल पहले कोरोना महामारी के दौरान शुरू हुई यह परंपरा अभी भी जारी है। कर्मचारियों पर सर्वे करनेवाली ब्रिटिश संस्था डब्ल्यूएफएच रिसर्च और ग्लोबल सर्वे ऑफ वर्किंग अरेंजमेंट्स की ओर से किए सर्वे में यह दावा किया गया है। सर्वे के अनुसार भारत में कर्मचारी औसतन 1.6 दिन प्रति सप्ताह वर्क फ्रॉम होम कर रहे, जबकि दुनिया का औसत 1.2 दिन प्रति सप्ताह है। सर्वे नवंबर 2024 और फरवरी 2025 के बीच भारत सहित 40 देशों में 16000 से अधिक कर्मचारियों पर किया गया था।
चीन, जापान में चलन उलटा
सर्वे के अनुसार पूर्वी एशिया के देशों में चलन बिल्कुल उल्टा है। यहां कर्मचारी हर दिन कार्यालय आकर काम करते हैं। चीन, जापान और दक्षिण कोरिया में अधिकांश कर्मचारी अभी भी प्रतिदिन कार्यालय आते-जाते हैं। चीन में 0.6 दिन प्रति सप्ताह ही कर्मचारी घर से काम करते हैं, जापान में यह 0.7 दिन प्रति सप्ताह है। दक्षिण कोरिया में सबसे कम 0.5 दिन प्रति सप्ताह है।
कुछ प्रमुख देशों घर से काम कर रहे कर्मचारी (2024-25 में)…
देश वर्क फ्रॉम होम (औसतन दिन प्रति सप्ताह)
दुनिया का औसत 1.2
ऑस्ट्रेलिया 1.2
कनाडा 1.9
यूके 1.8
फिनलैंड 1.7
जर्मनी 1.6
यूएसए 1.6
भारत 1.6
पुर्तगाल 1.5
ब्राजील 1.4
सिंगापुर 1.2
जापान 0.7
चीन 0.6
दक्षिण कोरिया 0.5
जिनके बच्चे वे घर से काम करना चाह रहे
अध्ययन में पाया गया कि दुनिया के हर प्रमुख क्षेत्र में पुरुष और महिलाएं समान दरों पर घर से काम करते हैं,लेकिन घर से काम करने की इच्छा बच्चों वाली महिलाओं में सबसे ज्यादा है। सर्वेक्षण में शामिल माता-पिता ने कहा कि वे हाइब्रिड काम को अपनाने को अधिक इच्छुक रखते हैं, जबकि जिनके बच्चे नहीं हैं वे या तो पूरी तरह से ऑफिस या पूरी तरह से रिमोट मॉडल पसंद करते हैं। हालांकि युवा सीखने के लिए ऑफिस से काम करने को प्राथमिकता देते हैं। 55% महिलाओं ने कहा कि अगर उन्हें पूरी तरह से कार्यालय आकर काम करने कहा जाएगा तो वे नई नौकरी की तलाश करेंगी।