बदलते मौसम में सब्जी की फसलों की विशेष निगरानी करें: डॉ रामपाल
खोदावंदपुर में कृषि वैज्ञानिक डॉ राम पाल ने किसानों को मौसम के अचानक बदलाव के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने फसलों की विशेष निगरानी और राजेंद्र किस्म का ओल लगाने की सिफारिश की। साथ ही, लत्तर...

खोदावंदपुर, निज संवाददाता। मौसम में हो रहे अचानक बदलाव को लेकर किसान सतर्क रहें और सब्जी समेत अपने विभिन्न फसलों की विशेष निगरानी करें। खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय सह प्रधान वैज्ञानिक डॉ राम पाल ने यह सलाह किसानों को दी है। प्रधान कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि किसान बदलते मौसम का फायदा उठाएं। उन्होंने इस मौसम में किसानों को अपने खेतों में राजेंद्र किस्म का ओल लगाने की सलाह दी है। ओल लगाने से पहले इसके टुकड़े कर ट्राइकोडर्मा मिरिडी 5 ग्राम दवा प्रति लीटर पानी के घोल को गोबर के घोल में मिलाकर इसे खेत में लगाने की सलाह दी है।
प्रधान कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि मौसम के बदलाव से लत्तर वाली सब्जी के पौधों में प्रायः पौधा व फल नाशक कीट लग जाते हैं जिससे सब्जी की गुणवत्ता प्रभावित होती है और फल खराब हो जाता है। उन्होंने लौकी, नेनुआ, करैला, खीरा जैसी लत्तर वाली पौधों में मक्खी कीट लग जाने की बात कहते हुए इन पौधों की विशेष निगरानी करने की सलाह दी है। इन सब्जियों के पौधों में लगने वाले मक्खी कीट से बचाव के लिए 1 किलो ग्राम छोआ, 2 लीटर मैलथियान 50 ई सी दवा का 1000 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर प्रति हेक्टयर की दर से 15 दिनों के अंतराल पर दो बार छिड़काव करने की सलाह दी है।
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