बिहार की अर्थव्यवस्था व जीवन नदी आधारित: प्रो. ओम प्रकाश
बेगूसराय में नदी मित्र और आशीर्वाद रंगमंडल द्वारा नदी संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता प्रो. ओम प्रकाश भारती ने कहा कि बिहार की अर्थव्यवस्था और संस्कृति नदियों पर निर्भर है। नदियों का...

बेगूसराय, हमारे प्रतिनिधि। नदी मित्र तथा आशीर्वाद रंगमंडल बेगूसराय की ओर से नदी संवाद कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को सर्वोदय नगर में किया गया। संवाद कार्यक्रम का आरंभ गजेंद्र यादव के कमला माय की गाथा गायन से हुआ। मुख्य वक्ता के रूप में नदी मित्र के राष्ट्रीय संयोजक प्रो. ओम प्रकाश भारती ने कहा बिहार कि अर्थव्यवस्था तथा जीवन नदी आधारित है। यहां की संस्कृति नदी मातृक है। यहां की नदियों के सूखने या लुप्त होने से अर्थव्यवस्था का संकट होगा। रोटी रोजगार की न केवल समस्या उत्पन्न होगी बल्कि संस्कृति कई धाराएं लुप्त हो जाएगी। बिहार की नदियों का संकटग्रस्त होने का मुख्य कारण है नदियों के जल ग्रहण क्षेत्र का अतिक्रमण।
शहरीकरण तथा बड़े उच्च मार्ग बनाने की प्रकिया में नदी के प्रवाह मार्ग को रोका गया। बालू के खनन से नदी का प्राकृतिक प्रवाह अवरुद्ध हुआ। बिहार में उद्योग की कमी है। अत: रासायनिक कचरा नदियों में कम जाता है। लेकिन शहरी नालों के कारण नदियां प्रदूषित हो रही हैं। बरसात के दिनों में बिहार की कुछ प्रमुख नदियां में बाढ़ आती है और तबाही मचाती है। इसके लिए बाढ़ प्रबंधन की ठोस नीति बनानी होगी। साथ ही यहां के समाज को बाढ़ के साथ जीने अनुभव है, उसे पुनर्जीवित करना होगा। नदियां संस्कृति का संवाहक रही है। नदियों के किनारे कई तीर्थ, मेले तथा उत्सवों का आयोजन होता है । नदियों ने ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक धरोहरों को संजो कर रखा है। कहा कि बेगूसराय चंद्रभागा और बाया नदी लुप्त होने के कगार पर है। कार्यक्रम का समापन आशीर्वाद रंगमंडल के निदेशक डॉ. अमित रौशन के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। इस अवसर पर डॉ. हरिशंकर गुप्ता, राहुल यादव, आकाश कुमार , कुमार अभिजीत, मोहित मोहन, सचिन कुमार, प्रवीण प्रियदर्शी, गजेन्द्र यादव, रितु कुमारी, बिट्टू कुमार सचिन कुमार, आशीष कुमार, दिव्यांका आदि उपस्थित थे।
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