सदर अस्पताल में जलनिकासी का प्रबंध नहीं, होता है जलजमाव
भभुआ में सदर अस्पताल परिसर में बारिश के बाद जलजमाव की समस्या उत्पन्न होती है। मुख्य नाले की ऊंचाई ज्यादा होने के कारण पानी अस्पताल में नहीं निकल पाता, जिससे मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों को दिक्कत होती...

मुख्य नाला की उंचाई ज्यादा व अस्पताल की नाली ढाल में रहने की वजह से मरीजों व स्वास्थ्य कर्मियो को आने जाने में होती हैं परेशानी वर्षा का पानी जमा होने पर मोटर पंप लगाकर करते हंै जलनिकासी रात में बारिश होने पर मरीजों व परिजनो को होती हैं ज्यादा परेशानी (पेज तीन की लीड खबर) भभुआ,हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। शहर में जब भी बारिश होती है, सदर अस्पताल परिसर में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। बारिश होने पर सदर अस्पताल परिसर झील सा नजारा पेश करता है। वर्षा का पानी अस्पताल के चारों ओर जमा हो जाता है। जलजमाव के कारण मरीज, परिजन, डाक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों को सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डो में जाने में दिक्कत होती है। सदर अस्पताल मुख्य द्वार पर दो से तीन फुट पानी जमा हो जाता है। जलजमाव के बीच से होकर जानेवाले चारचक्का व दोपहिया वाहनों का चक्का पानी में डूब जाता है। चालकों को इंजन में पानी घुसने की आशंका बनी रहती है। सदर अस्पताल परिसर में जलजमाव से होकर पैदल जानेवाले लोगों के कपड़े भींग जाते हैं। बताया गया है कि शहर की कचहरी मुख्य सड़क के बगल में स्थित सदर अस्पताल परिसर के नाले का लेबल नीचा है। जबकि शहर के मुख्य सड़क के किनारे बने नाले की उंचाई ज्यादा है। इस कारण सदर अस्पताल परिसर का पानी निकल नहीं पाता है। शहर के मुख्य नाले की उंचाई ज्यादा व अस्पताल की नाली ढाल में रहने की वजह से होनेवाले जलजमाव से मरीजों व स्वास्थ्य कर्मियों को आने जाने में काफी परेशानी होती हैं। बारिश होने के एक घंटा तक जलजमाव के कारण अंदर व बाहर आना-जाना मुश्किल हो जाता है। सदर अस्पताल प्रबंधन बारिश होने के बाद परिसर में वर्षा का पानी जमा होने पर मोटर पंप लगाकर जलनिकासी करता है। बारिश बंद होनेके बाद एक घंटे तक मोटर पम्प चलाने के बाद तब पानी खिसकता है। रात में बारिश होने पर सदर अस्पताल के मरीजों व परिजनों को ज्यादा परेशानी होती हैं। तीन एचपी के मोटर से की जाती है जलनिकासी भभुआ। बारिश होने के बाद सदर अस्पताल परिसर में जमा पानी को अस्पताल प्रबंधन तीन एचपी के मोटर से जलनिकासी कराता है। सदर अस्पताल मुख्य गेट के पास अस्पताल प्रबंधन द्वारा मोटर स्थापित किया गया है। बारिश के पानी का जलजमाव होने के बाद सदर अस्पताल परिसर से इसी मोटर से जलनिकासी की जाती है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सदर अस्पताल परिसर से जलजमाव की समस्या दूर करने के लिए परिसर में विभिन्न जगहों पर 10 सोख्ता बनाया गया है। सदर अस्पताल परिसर के ओपीडी, यक्ष्मा केन्द्र के पास, सीएस ऑफिस, डीपीएम हाउस, डीआईओ ऑफिस आदि जगहों पर सोख्ता बनाया गया है। हि.प्र. फिर भी जलजमाव की समस्या बरकरार भभुआ। चार वर्ष पूर्व 60 डे मिशन के तहत दो करोड़ रुपये से सदर अस्पताल सहित परिसर का जीर्णोद्वार किया गया था। इसके बाद भी जलजमाव की समस्या बरकरार है। दो करोड़ रुपए से सदर अस्पताल भवन के अंदर व बाहर का सौंदर्यीकरण किया गया। सदर अस्पताल परिसर के चारों तरफ लगभग दो फुट पीसीसी ढलाई कराई गई। लेकिन अस्पताल परिसर का लेबल शहर की मुख्य सड़क से नीचे रह गया है। इस कारण बरसात होने पर सदर अस्पताल परिसर में जलजमाव होता है। शहर के दीपक कुमार व जसवंत सिंह का कहना है कि सदर अस्पताल के जीर्णोद्वार पर दो करोड़ रुपया खर्च किया गया। इसके बावजूद जलजमाव की समस्या बरकरार है। हि.प्र. कोट बारिश होने के बाद परिसर में जलजमाव की समस्या होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए तीन एचपी का मोटर लगाया गया है, जिससे पानी की निकासी की जाती है। इसके अलावा सदर अस्पताल परिसर में दस सोख्ता भी बनाया गया है। डॉ. विनोद कुमार सिंह, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल फोटो- 11 मार्च भभुआ- 3 कैप्शन- सदर अस्पताल के इमरजेंसी के पास मंगलवार को ओवरफ्लो का बहता नाले का गंदा पानी। मुकद्दस रमजान इफ्तार (12 मार्च) बुधवार 6:03 सेहरी (13 मार्च) गुरुवार 4:51
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