शहर में बने पुराने नाले रहते हैं जाम, नहीं निकल पाता वर्षा का पानी
हल्की बरसात होने पर भी मुख्य सड़क में कई जगह हो जाता है अस्थाई जलजमाव मुख्य नाला उंचा व मोहल्ले की नाली ढाल में होने से आसपास में जमा होता है पानी

हल्की बरसात होने पर भी मुख्य सड़क में कई जगह हो जाता है अस्थाई जलजमाव मुख्य नाला उंचा व मोहल्ले की नाली ढाल में होने से आसपास में जमा होता है पानी (पटना का टास्क) भभुआ, एक प्रतिनिधि। शहर के पुराने नाले अक्सर जाम रहते हैं। नालों का अतिक्रमण कर उसपर कारोबार किया जा रहा है। इस कारण नालों की एकसिरे से सफाई नहीं हो पाती है। कुछ ऐसे भी वार्ड हैं, जहां की नाली से मुख्य नाले ऊंचे हैं। इन कारणों से शहर में अस्थाई जलजमाव की समस्या उत्पन्न होती है। ज्यादा बारिश होने पर कुछ मुहल्ले के घरों में गंदा पानी घुस जाता है।
नगर परिषद ने इन नालों का निर्माण करीब 20 वर्ष पूर्व में कराया था। नाला पुराना होने की वजह से जहां-तहां जाम रहता है, जिससे पानी नहीं निकल पाता है। शुक्रवार की सुबह हुई बारिश के कारण सदर अस्पताल के पास, खाकी गोसाई मंदिर के पास, खादी भंडार के पास सड़क पर पानी जमा हो गया। शहर के लोगों की माने तो नगर परिषद की ओर से नाला निर्माण के समय सड़क के पानी की निकासी के लिए छोटे-छोटे होल बनाए गए हैं, लेकिन यह होल जाम हो जाता है, जिससे बरसात का पानी निकल नहीं पता है और मुख्य सड़क पर जलजमाव हो जाता है। शहरवासियों ने बताया कि यह जलजमाव अस्थाई होता है। बारिश बंद होने के दो-तीन घंटे के बाद पानी निकल जाता है। हालांकि शहर में बनाए गए नाले के ऊपर दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है। इससे पानी का बहाव प्रभावित नहीं होता है। लेकिन, नाले की उड़ाही में दिक्कत जरूर होती है। शहर के पुराना प्रखंड कार्यालय के आसपास के इलाके से निकलने वाले पानी की निकासी का बेहतर प्रबंध नहीं होने से जलजमाव की समस्या होती है। इस कारण भी होता है जलजमाव शहर की संतोष कुमार सिंह, प्रमोद कुमार, आकाश कुमार गुप्ता, मनोज जायसवाल, प्रेमचंद साह आदि ने बताया कि शहर की आबादी जिस हिसाब से बढ़ी है और घरों का निर्माण हुआ है, उस हिसाब से नाला नहीं बनवाए गए हैं। अगर नाले का निर्माण नए सिरे से कराया जाता या फिर ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था की जाती है, तो जल जमाव की समस्या काफी हद तक समाप्त हो सकती है। उनका यह भी कहना था कि शहर के बाहरी इलाके में वाहनों के धक्का से कई जगह नाला ध्वस्त हो जाते हैं। इससे भी पानी निकलना कम हो जाता है और शहर में जलजमाव होता है। मुख्य नालों को नहर से जोड़ा गया है शहर के एकता चौक से कैमूर स्तंभ होते हुए कुकुरनहिया नहर तक, कैमूर स्तंभ से बाईपास होते हुए कुकुरनहियां नहर तक, एकता चौक से चौक बाजार होते हुए कुकुरनहिया नहर तक, एकता चौक से जयप्रकाश चौक पटेल चौक होते हुए सुअरा दाहिनी नहर तक, जयप्रकाश चौक से हवाई अड्डा होते हुए सुवरा दाहिनी नहर तक एवं पटेल चौक से बिजली कॉलोनी होते हुए सुवरा नदी तक मुख्य नाले का निर्माण करााय गया है। फोटो- 06 जून भभुआ- 8 कैप्शन- भभुआ शहर में शुक्रवार को बारिश होने के बाद एकता चौक के पास सड़क पर जमा पानी के बीच आते-जाते वाहन।
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