Dairy Vendors in Bhagalpur Demand Permanent Space and Support from Government दुग्ध विक्रेताओं के लिए बने आधुनिक सुविधायुक्त भवन , Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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दुग्ध विक्रेताओं के लिए बने आधुनिक सुविधायुक्त भवन

भागलपुर में दुग्ध विक्रेताओं को स्थाई जगह और सरकारी सहायता की आवश्यकता है। दुग्ध विक्रेताओं का संगठन कल्याण स्वावलंबी सहकारी समिति के तहत काम कर रहा है, लेकिन उन्हें लोन, पहचान पत्र, और बीमा की सुविधा...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSun, 11 May 2025 07:58 PM
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दुग्ध विक्रेताओं के लिए बने आधुनिक सुविधायुक्त भवन

भागलपुर। भागलपुर में भी दुग्ध विक्रेताओं का संघ है, जिसकी देखरेख में शहर और ग्रामीण क्षेत्र के किसान, पशुपालक और दुग्ध विक्रेता अपना व्यवसाय करते हैं। भागलपुर में दुग्ध विक्रेताओं का संगठन दुग्ध विक्रेता कल्याण स्वावलंबी सहकारी समिति संचालित है, जिसकी निगरानी में जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहरी क्षेत्र के दुग्ध विक्रेता भी बाजारों में दुग्ध की आपूर्ति करते हैं। इससे शहर के लोगों को समय पर जरूरत के मुताबिक दुग्ध की आपूर्ति होती है। इसको लेकर दुग्ध विक्रेता कल्याण स्वावलंबी सहकारी समिति के अध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि धूप हो, बारिश हो या तेज गर्मी हो हर मौसम में दुग्ध विक्रेताओं को अपनी सेवा देनी पड़ती है, लेकिन सरकार या जिला प्रशासन की ओर से उनलोगों को दुग्ध व्यवसाय के साथ अन्य किसी तरह का सहयोग नहीं मिलता है।

उनलोगों को दुग्ध विक्रेता कल्याण स्वावलंबी सहकारी समिति के माध्यम से लोन की व्यवस्था मुहैया करायी जानी चाहिए। इससे उनलोगों को व्यवसाय बढ़ाने का अवसर मिल सके और वे सभी अच्छी आय के साथ बेहतर ढंग से जीवन-यापन कर अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला सकें। संघ के सभी मान्यताप्राप्त सदस्यों के लिए जिला प्रशासन द्वारा पहचान पत्र जारी करने की जरूरत है, जिससे उनलोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिलने के साथ दुग्ध विक्रेता के रूप में उनकी पहचान सुनिश्चित होने से ग्राहकों के लिए उनकी वैधता की पहचान करना आसान होगा। इसके अलावा सरकार द्वारा दुग्ध विक्रेताओं की बीमा की सुविधा मिलनी चाहिए, जिससे दुर्घटनावश कोई परेशानी आने पर उनको या परिजनों को बीमा का लाभ मिल सके। वहीं समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप यादव ने बताया कि वर्ष 2006 में रेलवे की ओर से उनलोगों को दूध बेचने के लिए भवन बनाकर दिया गया था, जिसके लिए उन लोगों द्वारा रेलवे को भुगतान भी किया जाता था। जहां वर्ष 2019 तक उनलोगों के द्वारा दूध बिक्री का कार्य जारी रहा। लेकिन रेलवे द्वारा नए निर्माण कार्य के तहत उन लोगों से वह जगह खाली करा दी गई, जिसके बाद उनलोगों को अलग से लोहिया पुल के नीचे साफ-सफाई कराकर रेलवे द्वारा तत्काल दूध बेचने की अनुमति दी गई। हालांकि यहां पर उनलोगों से रेलवे ने शुल्क लेना भी बंद कर दिया, जिससे उन लोगों के मन में वहां से भी कभी हटा दिए जाने की आशंका बनी रहती है। उन्होंने बताया कि भागलपुर के दुग्ध विक्रेता रेलवे से स्थाई जगह मुहैया कराने की मांग करते हैं, जिससे उनलोगों को व्यवसाय करने में कोई परेशानी नहीं हो। जिला प्रशासन और रेलवे प्रशासन द्वारा जो भवन दुग्ध विक्रेताओं के लिए तैयार किया जाएगा। उसके लिए दुग्ध विक्रेता प्रशासन द्वारा निर्धारित की गई न्यूनतम राशि शुल्क स्वरूप भुगतान करने के लिए तैयार है। भागलपुर में दुग्ध विक्रेताओं की सुविधा के लिए आधुनिक सुविधा से युक्त वातानुकूलित भवन बनाया जाय जिससे वहां रखा गया दूध अधिक समय तक सुरक्षित रह सके, जिसका उपयोग पनीर, मिठाई या दूध से निर्मित सामग्री बनाने में की जा सके। साथ ही बताया कि दुग्ध उत्पादन और डेयरी फॉर्म के लिए लोन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इससे उनलोगों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने में सहूलियत होगी। वर्षों से उन लोगों के रोजगार का एक मात्र साधन दुग्ध खरीद बिक्री का व्यापार है, लेकिन स्थाई जगह की व्यवस्था नहीं होने के कारण उनलोगों का व्यापार प्रभावित हो रहा है। एक ओर जहां भवन और स्थाई जगह की व्यवस्था नहीं होने से उन लोगों को परेशानी होती है, वहीं दूसरी ओर आसपास के क्षेत्र में गंदगी फैले होने से भी खुले में दुध रखने में परेशानी होती है। भागलपुर के कर्मटोला, बाखरपुर, गोराडीह, कोइली-खुटाहा, अकबरनगर, एकचारी, घोघा, सबौर, नाथनगर, जगदीशपुर, सुल्तानगंज, रजौन, बांका, बाराहाट, बांसी, कल्याणपुर, बरियारपुर, गनगनिया, नवगछिया, बिहपुर, खरीक समेत भागलपुर बांका और मुंगेर जिले के दुग्ध विक्रेता रोजाना भागलपुर की अघेषित दुग्ध मंडी में आते हैं। अलग-अलग जगहों पर दुग्ध की आपूर्ति की जाती है। प्रदीप यादव ने बताया कि भागलपुर दुग्ध विक्रेता संघ से कुल 446 लोग जुड़े हैं, जबकि जिले में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की संख्या कई हजार में है। एक अनुमान के अनुसार भागलपुर जिले में करीब 30 हजार की आबादी दुग्ध व्यवसाय पर निर्भर है, लेकिन अब तक उन लोगों को ना तो जिला प्रशासन से कोई निश्चित स्थान मुहैया कराया गया है और ना ही उन्हें किसी प्रकार की सरकारी सुविधा या योजनाओं का लाभ मिला है। रेलवे स्टेशन परिसर में दुग्ध विक्रेता संघ का भवन बने भागलपुर दुग्ध विक्रेता संघ के अध्यक्ष देवेन्द्र प्रसाद यादव ने बताया कि भागलपुर में सालों से उनलोगों का व्यवसाय चल रहा है, लेकिन आज तक उनलोगों के लिए सरकार या स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई स्थाई जगह या सुविधा दुग्ध विक्रेताओं को मुहैया नहीं कराई गई। इसके कारण दुग्ध विक्रेताओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लंबे समय से भागलपुर रेलवे स्टेशन परिसर में दुग्ध विक्रेता संघ के द्वारा छोटे-बड़े दुकानदारों और शहरवासियों के लिए दुग्ध आपूर्ति की जाती है। जहां शहर के अलग-अलग इलाकों से लोग अपनी जरूरत के लिए दूध खरीदकर ले जाते हैं। लेकिन अब तक उनलोगों को किसी प्रकार की सरकारी सुविधा या योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकता है। उन्होंने बताया कि उन सभी के आवागमन का मुख्य साधन ट्रेन है, जिससे विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से दुग्ध विक्रेता शहर आकर अपने ग्राहकों तक दूध पहुंचाते हैं। इसको देखते हुए रेलवे और जिला प्रशासन को यह ख्याल रखना होगा कि दुग्ध विक्रेताओं के लिए बनाया जाने वाला भवन किसी भी रेलवे स्टेशन के आसपास ही अवस्थित हो। लोहिया पुल के नीचे लगती है दुग्ध विक्रेताओं की मंडी भागलपुर दुग्ध विक्रेता संघ के पूर्व अध्यक्ष दिलीप यादव ने बताया कि साल 2006 में देश के तत्कालीन रेल मंत्री की पहल पर दुग्ध विक्रेताओं को रेलवे स्टेशन परिसर में ही दुग्ध व्यवसाय के लिए जगह उपलब्ध करायी गयी थी। इसकी यह व्यवस्था कई वर्षों तक बनी रही। इसके लिए रेलवे द्वारा उनलोगों से किराया स्वरूप न्यूतम राशि शुल्क के रूप में ली जाती थी। लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद रेलवे द्वारा नये निर्माण कार्य को लेकर दुग्ध विक्रेताओं से उस जगह को खाली कराया गया। इसके बाद दुग्ध विक्रेताओं के लिए समस्या बढ़ गई। वहीं इसके बाद रेलवे ने लोहिया पुल के नीचे दुग्ध विक्रेताओं को जगह दी, जहां उनलोगों को किसी प्रकार सुविधा नहीं मिली है। खुले में प्लास्टिक और टाट की शेड लगाकर व्यवसाय कर रहे हैं, लेकिन हमेशा असुरक्षा बनी रहती है। उन्होंने बताया कि को-ऑपरेटिव सोसायटी उनलोगों के विकास के लिए अगर काम करे तो उनलोगों का व्यवसाय आगे बढ़ सकेगा। इससे उन सभी की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। हमारे बच्चे भी बनना चाहते हैं डॉक्टर-इंजीनियर भागलपुर दुग्ध विक्रेता संघ के कोषाध्यक्ष गणेश यादव ने बताया कि रेलवे के द्वारा दुग्ध विक्रेता संघ को भवन बनाकर दिया जाना चाहिए। जिससे जिले की अलग-अलग जगहों से आने वाले दुग्ध विक्रेताओं को सुरक्षित जगह पर दुग्ध रखने की सुविधा मिल सके और बिना किसी परेशानी के वहां विश्राम कर सके। परिवार का भरण-पोषण बेहतर ढंग से करने के लिए छोटे दुग्ध कारोबारियों को सहायता मिलनी चाहिए, जिससे उनको व्यवसाय बढ़ाने में सहूलियत हो। उन्होंने बताया कि उनके बच्चे भी दूसरों की तरह डॉक्टर इंजीनियर और बड़े पदाधिकारी बनना चाहते हैं, लेकिन अर्थाभाव के कारण रोजी-रोटी कमाने में ही उनकी जिंदगी कट जाती है। इसके लिए सरकार ऐसे गरीब तबके के बच्चों के लिए प्राथमिकता के आधार पर सुविधा उपलब्ध कराए, जिससे मेधावी बच्चे अपनी मेहनत से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके। साथ ही बताया कि रेलवे के पदाधिकारियों को कई बार पत्र देकर रेलवे परिसर के आसपास भवन निर्माण कराने की मांग की गई हैं, जिसपर अबतक केवल आश्वासन ही मिलता रहा है। भवन बनने से हजारों दुग्ध विक्रेताओं को होगा लाभ दुग्ध विक्रेता संघ भागलपुर के सचिव निभाष चौधरी ने बताया कि जिस प्रकार से अलग उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराया गया है, उसी तरह से दुग्ध विक्रेताओं के लिए एक स्थान सुनिश्चित कर उनलोगों के लिए व्यवस्थित भवन का निर्माण कराया जाना चाहिए। इससे हजारों दुग्ध विक्रेताओं को लाभ होगा और खरीदारों को भी सहूलियत होगी। जिला और रेलवे प्रशासन को इस पर ध्यान देकर उन लोगों के हित में निर्णय लिया जाना चाहिए। स्थाई जगह उपलब्ध नहीं होने के कारण कई बार उन्हें काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। दुग्ध विक्रेता भवन में कोल्ड स्टोर की सुविधा मिलने से उनलोगों का दूध कोल्ड स्टोर में काफी देर तक सुरक्षित रह सकेगा। विशेषकर गर्मी के दिनों में होने वाले नुकसान से राहत मिलेगी। इसके अलावा किसानों एवं पशुपालकों को डेयरी फॉर्म खोलने के लिए कम ब्याज पर लोन की व्यवस्था हो, जिससे उनके व्यवसाय के साथ जिले में दुग्ध उत्पादन की क्षमता में भी वृद्धि हो सके। भागलपुर में दुग्ध उत्पादक और विक्रेताओं के पास उसे बेचने के लिए स्थाई जगह की व्यवस्था नहीं है। इसके कारण उनलोगों को काफी परेशानी होती है। अभी लोहिया पुल के नीचे दुग्ध विक्रेताओं द्वारा दुग्ध बिक्री का काम किया जा रहा है, लेकिन इसके लिए अब तक रेलवे के द्वारा स्थाई व्यवस्था नहीं की गई है। प्रदीप यादव, मुंशी दुग्ध वितरण के दौरान किसी कारण कोई दुर्घटना होने पर दुग्ध विक्रेताओं को इलाज के लिए सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं मिल पाती है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के दुग्ध व्यवसायियों को विशेष आर्थिक सहयोग नहीं मिल पाता है। राजेश कुमार भागलपुर दुग्ध व्यवसाय से जुड़े लोगों को घर-घर जाकर दूध पहुंचाना पड़ता है। काफी दिनों से सरकारी नौकरी की तैयारी करने के बाद भी अब तक नौकरी नहीं मिल सकी है। जिससे बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है। इसको देखते हुए उनके बेहतर भविष्य और व्यापार को बढ़ाने के लिए सरकार से आर्थिक सहयोग मिलना चाहिए। संतोष कुमार जिले के दूरदराज ग्रामीण इलाकों से आकर दुग्ध विक्रेता शहर में घर-घर जाकर दुग्ध वितरण करते हैं। इसमें उनलोगों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सरकार अगर डेयरी खोलने के लिए किसानों को आर्थिक मदद पहुंचाए तो जिले में दूध उत्पादन में भी वृद्धि होगी। पवन कुमार भागलपुर के दर्जनों गांवों से दूध विक्रेता भागलपुर आकर दूध की आपूर्ति करते हैं। जबकि इसके अलावा बांका और मुंगेर के कई ग्रामीण क्षेत्रों के भी पशुपालक और दूध व्यवसायी भागलपुर में दूध की आपूर्ति करते हैं। जिससे हजारों पशुपालक और किसानों के परिवार पलते हैं। रंजय कुमार यादव सरकार अगर दुग्ध विक्रेताओं को आर्थिक सहयोग और पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए तो, अधिक गाय और भैंस खरीदकर उन लोगों द्वारा दूध का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। इससे बाजारों में खपत के अनुसार दूध आसानी से उपलबध कराया जा सकता है। पशुपालक आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। धनेश्वर यादव दूग्ध विक्रेताओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार या को-ऑपरेटिव सोसायटी के द्वारा कम ब्याज पर लोन उलपब्ध कराया जाना चाहिए। इससे उनका रोजगार बेहतर हो सकेगा। डेयरी खोलने से किसान और पशुपालक अधिक मुनाफा कमा पाएंगे। परशुराम यादव किसान भी चाहते हैं कि उनके बच्चे भी पढ़-लिखकर डॉक्टर-इंजीनियर बनें, लेकिन आर्थिक अभाव के कारण ऐसा नहीं कर पाते हैं। अगर लोन की सुविधा मिले तो व्यवसाय बढ़ने से उन सभी की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। जिसका लाभ परिवार के बच्चे और सभी सभी सदस्यों को होगा। विकास यादव दुध से मलाई बनाने के साथ कई तरह की मिठाइयां भी बनाई जाती हैं, इससे मिठाई दुकानदारों का व्यवसाय भी चलता है। अगर दूध का व्यवसाय प्रभावित हुआ तो दूध की कमी से मिठाई दुकानदारों को भी इसका नुकसान होगा। साथ ही बाजारों में भी इसका असर देखने को मिलेगा। राजेन्द्र यादव शादी-विवाह और पर्व-त्योहार में दूध की खपत काफी होती है और दूध विक्रेताओं को कीमत ठीक मिल जाती है। लेकिन लगन और पूजा पर्व खत्म होने के बाद दूध की खपत कम हो जाती है। कच्चा दूध होने के कारण काफी दूध बर्बाद हो जाता है। कोल्ड स्टोरेज की सुविधा होने से बचा हुआ दूध बर्बाद नहीं होगा। सोनू यादव धूप, बारिश और तेज गर्मी के मौसम में भी विक्रेताओं को अपनी सेवा देनी पड़ती है, लेकिन सरकार या जिला प्रशासन की ओर से उनलोगों को दुग्ध के व्यवसाय समेत अन्य किसी तरह का सहयोग नहीं मिलता है। उनलोगों को दुग्ध विक्रेता कल्याण स्वावलंबी सहकारी समिति के माध्यम से सरकार द्वारा लोन की व्यवस्था होनी चाहिए। काशी यादव दुग्ध विक्रेताओं की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए सरकार से मदद मिलनी चाहिए। व्यवसाय का विस्तार होने से लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा। दुग्ध वितरण आवश्यक सेवा है और इस क्रम में अगर कोई दुर्घटना होती है तो इसके लिए सरकार द्वारा मुआवजा का प्रावधान किया जाना चाहिए। रोहित मंडल समस्या 1.ग्रामीण इलाकों से शहर आकर दुग्ध विक्रेताओं को घर-घर जाकर वितरण करना पड़ता है। जिसमें उनलोगों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। 2.भागलपुर में दुग्ध विक्रेताओं द्वारा बाजार लगाने के लिए दुग्ध आपूर्ति के लिए कोई स्थाई भवन या जगह की व्यवस्था नहीं है, जिससे उनलोगों को काफी परेशानी होती है। 3.दुग्ध वितरण के दौरान किसी कारण से अगर कोई दुर्घटना हो जाती है तो दुग्ध विक्रेताओं को इलाज के लिए सरकार की ओर से कोई मदद या सुविधा नहीं मिल पाती है। 4.दूरदराज से कई तरह की परेशानियों को झेलकर दुग्ध विक्रेता लोगों के घरों तक दूध पहुंचाते हैं, लेकिन किसी कारण अगर देर हो जाती है तो ग्राहकों की नाराजगी सहनी पड़ती है। 5.रेलवे द्वारा 2006 में दुग्ध विक्रेताओं को व्यवसाय के लिए भवन मिला था, लेकिन 2019 में रेलवे ने हटा दिया। तब से लोहिया पुल के नीचे धूप, गर्मी और ठंडी की मार सहनी पड़ती है। सुझाव 1.वर्षों से भागलपुर में दुग्ध की खरीद-बिक्री के व्यवसाय से जुड़े हैं। उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए सरकार से मदद मिलनी चाहिए। 2.दुग्ध विक्रेताओं की सुविधा के लिए दुग्ध विक्रेता कल्याण स्वावलंबी सहकारी समिति के माध्यम से सरकार द्वारा लोन की व्यवस्था होनी चाहिए। 3.दुग्ध विक्रेताओं के बच्चों में बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है, उनके बेहतर भविष्य के साथ व्यापार को बढ़ाने के लिए सरकार से आर्थिक सहयोग मिले। 4.दुग्ध वितरण आवश्यक सेवा है और इस क्रम में अगर कोई दुर्घटना होती है तो इसके लिए सरकार द्वारा मुआवजा का प्रावधान किया जाना चाहिए। 5.दुग्ध विक्रेताओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार या को-ऑपरेटिव सोसायटी के द्वारा कम ब्याज पर लोन उलपब्ध कराया जाय। बोले जिम्मेदार दुग्ध विक्रेता कल्याण स्वावलंबी सहकारी समिति के अंतर्गत भागलपुर दुग्ध विक्रेता संघ को शहर में जगह उपलब्ध कराने की मांग से जुड़ा कोई आवेदन भागलपुर नगर निगम प्रशासन को फिलहाल नहीं मिला है। अगर संघ की ओर से उनकी मांग को लेकर कोई लिखित आवेदन प्राप्त होगा तो बोर्ड की बैठक में उसपर चर्चा कर विचार किया जाएगा। केन्द्र सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं जिसका लाभ लेकर दुग्ध विक्रेता कम ब्याज पर लोन प्राप्त कर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते हैं। जानकारी के अभाव में कई लोग केन्द्र और राज्य की योजनाओं का सही समय से सही लाभ नहीं ले पाते हैं। इसके लिए सभी को अपने अधिकारों के साथ सरकार की योजनाओं के प्रति भी जागरूक होना होगा, जिससे उनकी परेशानी दूर हो सकती है। सरकार के प्रावधानों के अनुसार डेयरी खोलने और आर्थिक सहयोग के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के स्तर से भी बात करनी चाहिए। रेलवे अगर चाहे तो दुग्ध विक्रेताओं की सुविधा और सहूलियत को देखते हुए पूर्व की तरह जमीन उपलब्ध कराकर भवन निर्माण करा सकती है। डॉ. बसुंधरा लाल, मेयर, नगर निगम, भागलपुर प्रस्तुति: रवि शंकर सिन्हा, फोटोग्राफ: संजीव

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