Lawyers in Bayasi Face Challenges Due to Lack of Facilities at Sub-Divisional Court बोले पूर्णिया : न्यायालय का बने अपना भवन, वकीलों के बैठने की हो सुविधा, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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बोले पूर्णिया : न्यायालय का बने अपना भवन, वकीलों के बैठने की हो सुविधा

बायसी अनुमंडल न्यायालय एवं व्यवहार न्यायालय में लगभग तीन दर्जन वकील प्रैक्टिस कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बैठने के लिए उचित स्थान नहीं मिल रहा है। 1994 से न्यायालय के निर्माण के बाद से सुविधाओं का अभाव...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरWed, 7 May 2025 10:22 PM
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बोले पूर्णिया : न्यायालय का बने अपना भवन, वकीलों के बैठने की हो सुविधा

तीन जिलों की सीमा से सटे बायसी अनुमंडल मुख्यालय स्थित अनुमंडल न्यायालय एवं व्यवहार न्यायालय में करीब तीन दर्जन वकील प्रैक्टिस करते हैं। वकीलों के बैठने के लिए अच्छी जगह नहीं है। दीवार के सहारे बने शेड में इनको बैठकर प्रैक्टिस करने की मजबूरी है। वर्ष 1994 में बायसी अनुमंडल मुख्यालय स्थित अनुमंडल न्यायालय बना और वर्ष 2015 में व्यवहार न्यायालय की स्थापना हुई। इसे देखते हुए बड़ी संख्या में वकीलों ने यहां प्रैक्टिस करना शुरू किया। वकालतखाना में क्लाइंट तो दूर वकीलों के बैठने की माकूल जगह नहीं है। आज की तारीख में बायसी अनुमंडल मुख्यालय का आवागमन नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे से जुड़ गया है।

वकालत के लिए यह इलाका काफी उर्वर है। यहां के वकीलों के पास जितने फौजदारी के मामले आते हैं उतने ही दीवाने के मामले भी आ रहे हैं। महिला यातना से संबंधित मामले भी आते रहे हैं। महिला यातना से संबंधित मामले की पैरवी करने महिला वकीलों ने भी यहां प्रैक्टिस शुरू कर दी है। संवाद के दौरान यहां काम करने वाले पुरुष और महिला वकीलों ने अपनी परेशानी बताई। 19 सौ 94 ईस्वी में बना बायसी अनुमंडल न्यायालय 02 हजार 15 ईस्वी में स्थापित हुआ व्यवहार न्यायालय 03 दर्जन के करीब वकील करते हैं बायसी में प्रैक्टिस तीन जिलों की सीमा पर अवस्थित बायसी अनुमंडल मुख्यालय स्थित अनुमंडल न्यायालय और व्यवहार न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों के लिए वकालतखाना में तमाम सुविधाओं का अभाव है। मालूम हो कि बायसी अनुमंडल बनने के साथ ही 1994 ईस्वी में अनुमंडल न्यायालय बना। मई 2015 में व्यवहार न्यायालय की स्थापना हुई लेकिन अब तक न्यायालय का भवन नहीं मिल पाया है। अनुमंडल बनने के 30 वर्ष बीत जाने के बाद भी अनुमंडल व्यवहार न्यायालय अनुमंडल मुख्यालय भवन के चंद कमरों में चल रहा है। जबकि अनुमंडल मुख्यालय एक ही भवन के अनेक कमरे में अलग-अलग कार्यालय जैसे अनुमंडल कार्यालय, अनुमंडल पुलिस कार्यालय, अनुमंडल निर्वाची अधिकारी कार्यालय, लोक शिकायत निवारण कार्यालय, अनुमंडल दंडाधिकारी, अनुमंडल व्यवहार न्यायालय सहित अन्य कार्यालय अनुमंडल भवन में चल रहा है। जिसके कारण अनुमंडल परिसर में लोगों की भीड़ भी लगी रहती है। व्यवहार न्यायालय के लिए हो चुका है जमीन का अधिग्रहण : हालांकि व्यवहार न्यायालय के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया गया है लेकिन व्यवहार न्यायालय के रास्ता को लेकर विभागीय अधिकारी संतुष्ट नहीं हो रहे हैं और इसी कारण भवन निर्माण नहीं हो पाया है। अनुमंडल न्यायालय बनने के बाद भी आज तक अनुमंडल में कारागार भी नहीं है। जिसके कारण अनुमंडल व्यवहार न्यायालय दो वर्ष से अधिक सजा वाले मामले में सुनवाई नहीं होती है। जिसके कारण आए दिन लोगों को जिला मुख्यालय स्थित व्यवहार न्यायालय जाना पड़ता है। जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । पीड़ित परिजनों ने बताया कि अगर अनुमंडल में पुरुष एवं महिला कारा का निर्माण कराया जाए तो सभी मामले की सुनवाई अनुमंडल न्यायालय में हो सकेगा जिससे आम लोगों की परेशानी कम हो जाएगी। अनुमंडल में हो कारा का निर्माण : अधिवक्ताओं ने बताया कि अगर अनुमंडल क्षेत्र में पुरुष एवं महिला कारा का निर्माण कर दिया जाए तो अधिवक्ताओं की स्थिति में काफी सुधार होगा एवं लोगों को भी इसका लाभ मिल सकेगा। लोगों को कम खर्चे में अनुमंडल में मामले की सुनवाई हो जाएगी जिससे आने-जाने का खर्च बच जाएगा। इस मामले को लेकर बायसी के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अयूब आलम ने बताया कि जिला के जगह अगर अनुमंडल व्यवहार न्यायालय में संज्ञान लिया जाए तो वकीलों की स्थिति बेहतर हो सकती है एवं ग्रामीणों को भी इसका लाभ मिलेगा। लोगों को जिला मुख्यालय की जगह अनुमंडल में ही न्यायालय में सुनवाई हो जाएगी जिससे लोगों की परेशानी के साथ खर्च भी बच जाएगा। अनुमंडल कार्यालय भवन में चल रहा व्यवहार न्यायालय : मालूम हो कि वर्ष 1994 में अनुमंडल न्यायालय का गठन हुआ। लेकिन मई 2015 में व्यवहार न्यायालय की स्थापना हुई लेकिन अब तक बिना भवन के ही व्यवहार न्यायालय अनुमंडल कार्यालय भवन में चल रहा है। अधिवक्ताओं ने कहा कि बायसी में व्यवहार न्यायालय भवन के साथ स्थाई वकालत खाना होना चाहिए, ताकि लोगों का समय बच सके। अभी वकालत खाना एसडीओ आवास के बाहर टिन के छत के नीचे काम किया जा रहा है, जहां से व्यवहार न्यायालय की दूरी करीब 500 मीटर है जिसके कारण अधिवक्ताओं को आने जाने में भी काफी समय व्यर्थ हो जाता है। उस पर भी वकालत खाना से न्यायालय जाने में स्टेट हाईवे 99 पार करना पड़ता है जिस पर तेज रफ्तार से लगातार वाहन चलता रहता है जबकि व्यवहार न्यायालय के लिए जमीन अधिग्रहण कर लिया गया है उसके बाद भी भवन निर्माण नहीं हो पाया है। व्यवहार न्यायालय में बायसी, डगरुआ, अमौर एवं बैसा चारों प्रखंड के लोग दीवानी और फौजदारी केस लेकर आते हैं। नहीं है शुद्ध पेयजल की व्यवस्था : बायसी मुख्यालय में नगर पंचायत बनने के बाद शौचालय एवं मूत्रालय का निर्माण किया गया लेकिन वकालत खाना आने वाले अधिवक्ता एवं क्लाइंट के लिए शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्हें पानी खरीद कर प्यास बुझानी पड़ती है। इतना ही नहीं वकालतखाना के पूरब स्टैट हाइवे 99, दक्षिण में नगर पंचायत की बाउंड्री, पश्चिम में पुराना एसडीओ आवास एवं उत्तर में बालिका कस्तूरबा गाँधी विद्यालय की दीवार पर टीना लगाकर अधिवक्ता वकालत खाना का काम करते हैं जबकि बारिश में एक से दो फिट तक पानी लगा रहता है, कभी कभी लगातार दो-तीन दिन बारिश होता है तो वकालत खाना के अधिवक्ता के कुर्सी भी पानी में डूब जाता है, जिससे अधिवक्ता एवं क्लाइंट को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्थाई वकालत खान एवं भवन निर्माण से अधिवक्ता एवं पीड़ितों की समस्या का निदान हो जाएगा। 10 एकड़ में बनेगा व्यवहार न्यायालय: बायसी अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के लिए दस एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है और माना जा रहा है कि जल्द ही न्यायालय भवन बनेगा। अधिग्रहण किया गया यह जमीन बायसी अनुमंडल मुख्यालय के समीप है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के लिए 10 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है जिसकी प्रक्रिया करीब 5 वर्ष पूर्व पूरी कर ली गई है। एसडीओ कुमारी तोसी ने अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के लिए 10 एकड़ जमीन अधिग्रहण की पुष्टि की है। प्रखंड मुख्यालय होते हुए व्यवहार न्यायालय के जमीन तक रास्ता भी चिन्हित कर लिया गया है। जल्द ही अधिग्रहित भूमि पर व्यवहार न्यायालय भवन का निर्माण करवाया जाएगा। भूमि अधिग्रहण की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है एवं विभागीय अधिकारी को भी इसकी जानकारी दे दी गई है। प्रस्तावित भूमि पर जल्द ही भवन निर्माण कार्य शुरू हो जाएगी। इधर स्थानीय लोगों ने अनुमंडल प्रशासन के इस सहयोगात्मक रवैया को तहे दिल से लिया है और कहा है कि जैसे ही व्यवहार न्यायालय का भवन बन जाएगा वैसे ही बायसी मुख्यालय का रुख पहले से ज्यादा खिल जाएगा। आम लोगों की सुविधा भी बढ़ जाएगी। यहां से लोगों को जिला मुख्यालय जाना नहीं पड़ेगा। वकीलों और उनके क्लाइंट की भी सुविधा बढ़ जाएगी। शिकायत : 1. अधिवक्ता संघ कार्यालय परिसर में बरसात में होता है जलजमाव 2. अधिवक्ताओं के लिए सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं 3. वकालतखाना में क्लाइंट के बैठने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं 4. वकालतखाना में शुद्ध पेयजल का है अभाव 5. व्यवहार न्यायालय से अनुमंडल न्यायालय जाने में रोड पर खतरा सुझाव: 1. वकालतखाना में वकीलों की सुरक्षा की व्यवस्था हो 2. न्यायालय परिसर में पर्याप्त शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो 3. महिला वकील के लिए महिला शौचालय की व्यवस्था हो 4. व्यवहार न्यायालय से अनुमंडल न्यायालय तक जाने के लिए ओवरब्रिज बने 5. अनुमंडल मुख्यालय में सरकारी कैंटीन की व्यवस्था हो हमारी भी सुनें : 1. बायसी व्यवहार न्यायालय में भी जिला की तरह मामले का संज्ञान लिया जाने लगे तो अधिवक्ता एवं लोगों को काफी राहत मिलेगी। -अयूब आलम, अध्यक्ष, बार एसोसिएशन 2. व्यवहार न्यायालय का भवन नहीं रहने के कारण आम लोगों के साथ-साथ अधिवक्ताओं को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता अनुमंडल भवन में व्यवहार न्यायालय से वकालत खान की दूरी करीब 500 मीटर है। -प्रदीप कुमार, सचिव, बार एसोसिएशन 3. स्टेट हाईवे पर सड़क पार करने में भी कभी-कभी काफी डर लगता है स्टेट हाईवे पर हमेशा गाड़ी चलती रहती है। -यासीन आलम, कोषाध्यक्ष, बार एसोसिएशन 4. वकालत खाना पूर्व एसडीओ सरकारी आवास के सामने चल रहा है। टिना के नीचे सभी अधिवक्ता किसी तरह काम कर काम कर रहे हैं। -अखिलेश झा 5. जिला न्यायाधीश को बायसी विभाग न्यायालय भवन एवं वकालत खाना भवन निर्माण की पहल करनी चाहिए, ताकि इसका फायदा आम लोगों को मिले। -अब्दुल राजिक 6. अस्थाई वकालत खाना के समीप पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि अधिवक्ता के साथ-साथ आने वाले लोगों की भी वहां लगाने में सुविधा मिले। -प्रकाश कुमार वर्मा 7. वकालत खाना में शुद्ध पेयजल की भी व्यवस्था हो ताकि लोगों को ₹20 लीटर पानी खरीद कर ना पीना पड़े। -जय नारायण यादव 8. अनुमंडल बनने के करीब 30 वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक व्यवहार न्यायालय विकास के दृष्टिकोण से पिछड़ा है। -शम्स तबरेज 9. अनुमंडल व्यवहार न्यायालय में जेल नहीं होने का खामियाजा पीड़ित के परिवारों के साथ-साथ अधिवक्ताओं पर भी पड़ता है। -शिव शंकर प्रसाद 10. अनुमंडल व्यवहार न्यायालय में अगर जेल की व्यवस्था होगी तो दो साल से ऊपर सजा वाले मामले की भी सुनवाई अनुमंडल व्यवहार न्यायालय में ही हो सकेगा। -मोहम्मद नईम अख्तर 11.अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के लिए जगह चिन्हित के बाद भी अब तक भवन निर्माण नहीं हो पाया है यह दुर्भाग्य पूर्ण है। -मो. सुलेमान 12. व्यवहार न्यायालय अब नगर पंचायत अंतर्गत आ गया है जिससे नगर पंचायत के अधिकारियों को शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करवानी चाहिए। -मो. एखलाख 13. अस्थाई वकालत खाना से अधिवक्ताओं की किसी तरह रोजी रोटी चल रही है स्थाई वकालत खाना बनने से इसमें सुधार होगा। -मो. याससीन 14. अस्थाई वकालत खाना रहने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है प्रतिदिन टेबल कुर्सी सहित फाइलों को निकालना एवं लगाना एवं सामने समेत कर रखना भी पड़ता है। -पवन कुमार ठाकुर बोले जिम्मेदार 1. अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के लिए जगह का अधिग्रहण किया जा चुका है एवं प्रखंड परिसर से रास्ता दिया हुआ है। लेकिन व्यवहार न्यायालय विभागीय अधिकारी ने एनएच 31 द्वारा व्यवहार न्यायालय के रास्ते की मांग की है। -टेस लाल सिंह, डीसीएलआर, बायसी 2. अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के लिए 10 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। जगह खाली है। केवल व्यवहार न्यायालय द्वारा भवन निर्माण करवाया जाना है। व्यवहार न्यायालय के लिए रास्ता दिया गया है। -कुमारी तोसी, एसडीओ, बायसी

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