मेंटनेंस के नाम पर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से वसूली का खेल
अंग विकास परिषद के सुपरवाइजर द्वारा मांगा जा रहा रुपया, वीडियो वायरल वायरल वीडियो

भागलपुर, वरीय संवाददाता। अभी बीते साल सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में भर्ती के नाम पर एक आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा 10-10 हजार रुपये की वसूली का मामला अपने अंजाम तक पहुंचा भी नहीं कि मायागंज अस्पताल में अब एक दूसरी आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा अस्पताल में काम कर रहे कर्मचारियों (मानव बल) से मेंटनेंस के नाम पर पांच-पांच हजार रुपये की वसूली का मामला प्रकाश में आया है। वसूली के मामले में एक नहीं बल्कि तीन छोटे-छोटे वीडियो वायरल हो चुके हैं। जिसमें एजेंसी के एक कारिंदे ने अपने ही कर्मियों को धमकी देता नजर आ रहा है कि अगर रुपये नहीं मिलेगा तो नौकरी चली जाएगी। हालांकि हिन्दुस्तान इस वायरल हो रहे वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। 54-54 के दो तो 55 सेकेंड का एक वीडियो हो रहा वायरल
गौरतलब हो कि आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा मायागंज अस्पताल में मानव बल की आपूर्ति का जिम्मा है। इसके द्वारा अस्पताल में तैनात किये गये मानव बल, ट्रॉलीमैन से लेकर डाटा ऑपरेटर व अन्य सहायक कामों को अंजाम दिया जाता है। इस एजेंसी के अस्पताल में करीब 120 मानव बल तैनात हैं। दो दिन से वायरल हो रहे तीन वीडियो में एक में महिला कर्मचारी पूछ रही है कि किस चीज का मेंटनेंस चार्ज पांच हजार रुपये देना है। एक साल काम करने पर अगर पांच हजार रुपये लिया जा रहा है तो उस समय मेंटनेंस चार्ज कहां चला जाता है जब छह-छह महीने तक मानदेय नहीं दिया जाता है। दूसरे में भी एक महिला व दो पुरुष कर्मचारी कह रहे हैं बड़ा टेंशन है। देखते हैं कि देंगे कि नहीं, हम तो नहीं दे पाएंगे। वहीं दूसरा कहता है कि न देने पर काम से निकाल दीजिएगा। वहीं तीसरे वीडियो में एक कर्मी पूछ रहा है कि किस बात का पांच हजार रुपये देना है। इस पर एजेंसी का सुपरवाइजर बोलता है कि अगर मेंटनेंस चार्ज नहीं दिया जाता है तो एक मई से नौकरी से निकाल दिया जाएगा।
चार माह से मानदेय तक नहीं दिया और अब मेंटनेंस चार्ज की वसूली का खेल शुरू
एजेंसी में कार्यरत मानव बलों का कहना है कि 120 कर्मियों को महीने में 9300-9300 रुपये दिया जाता है, जबकि अस्पताल प्रशासन भुगतान इससे कहीं ज्यादा करता है। पेट के लिए हम सब शोषण का दर्द सहने पर मजबूर हैं। इस पर भी बीते चार माह से एजेंसी ने मानदेय के नाम पर एक रुपया नहीं दिया है। अब एजेंसी का कहना है कि अगर पांच-पांच हजार रुपये नहीं दिया तो एक मई से काम पर नहीं रखेंगे। चार माह के बकाया मानदेय दे दिया जाता तो हम सब हिम्मत करके पांच हजार रुपये दे देते।
एजेंसी के जिम्मेदार: किसी प्रकार का मेंटनेंस चार्ज नहीं लिया जा रहा
एजेंसी की प्रोपराइटर के पति ने कहा कि वे बिटिया की शादी में व्यस्त थे। किसी भी मानव बल से एक भी रुपया मेंटनेंस के नाम पर नहीं मांगा जा रहा है। अगर कोई मांग कर रहा है तो वह नाजायज है। वे इस समस्या को ही खत्म कर देंगे और बकाये मानदेय का भुगतान भी मिलेगा।
अस्पताल अधीक्षक बोले, सबूत के साथ करें शिकायत, होगी कार्रवाई
मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. हेमशंकर शर्मा ने कहा कि मानव बल को किसी भी तरह का मेंटनेंस चार्ज नहीं देना है। अगर एजेंसी मांग करती है तो वे अस्पताल प्रबंधन से शिकायत करें या फिर सबूत दे दें। एजेंसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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