बिहार में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से कर्ज लेकर पैसे नहीं दिए, 300 कारोबारियों को नोटिस
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 और उसके बाद के वित्तीय वर्ष में उद्यमियों के दिए गए ऋण राशि सरकार के निर्देशानुसार समय पर ऋण वापसी के लिए कार्रवाई तेज कर दी गई है। सरकार के निर्देशानुसार उद्योग लगाने के लिए उद्यमियों को ऋण बांटे गए थे।

बिहार में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत उद्योग लगाने के लिए उद्योग विभाग से कर्ज लेने वाले उद्यमियों से सूद समेत ऋण वापसी के लिए विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। 300 से अधिक उद्यमियों के खिलाफ विभाग ने ऋण वापसी के लिए नोटिस भेजा है। 400 उद्यमियों ने ऋण लेने के बाद एक किस्त की राशि भी विभाग में जमा नहीं करवाई है। ऋण वापस नहीं करने वाले 50 से अधिक उद्यमियों पर सर्टिफिकेट केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
विभाग को इन उद्यमियों से 17.94 करोड़ रुपए की वसूली करनी है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 और उसके बाद के वित्तीय वर्ष में उद्यमियों के दिए गए ऋण राशि सरकार के निर्देशानुसार समय पर ऋण वापसी के लिए कार्रवाई तेज कर दी गई है। सरकार के निर्देशानुसार उद्योग लगाने के लिए उद्यमियों को ऋण बांटे गए थे। सरकार के निर्देशों के अनुसार लगभग 400 उद्यमियों ने ऋण लेने के बाद एक बार भी किस्त की राशि जमा नहीं कराई है।
इस बीच उद्यमियों को विभाग की ओर से कई बार ऋण राशि की किस्त जमा करने का निर्देश दिया गया। जमा की गई राशि को पावती की एक प्रति कार्यालय में जमा करने का सुझाव दिया गया है। चेतावनी भी दी गई है कि जमा नहीं करने पर नियमनुसार कार्रवाई करते हुए पीडीआर के तहत सूद समेत ऋण की वसूली की जाएगी।
विभाग बकायेदार उद्यमी की बना रहा सूची
उद्योग विभाग बकायेदार उद्यमियों की सूची बना रहा है। लम्बे समय से बकाया रखने वाले पर सबसे पहले कार्रवाई की जाएगी। ऋण राशि की वसूली के लिए लाभुकों के घर पर भी टीम पहुंचेगी। ऋण राशि वापसी के लिए कार्रवाई तेज की जाएगी।
उद्योग लगाने के लिए दिए गए 10 लाख
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत युवाओं और ग्रामीणों को लघु उद्योग लगाने के लिए 10 लाख रुपए तक का ऋण दिया गया है। इस योजना के तहत ऋण राशि को सात साल के अंदर 84 किस्तों में लौटाना है। इसके तहत आईटी बिजनेस सेंटर, वेब साफ्टवेयर, वेब साफ्टवेयर डिजाइनिंग, आलमीरा निर्माण, चमड़ा उ्रद्योग, रेडिमेड उद्योग सहित कई प्रकार के उद्योग की योजना शामिल है।
योजन के अंतर्गत 50 फीसदी अनुदान मिलने का प्रावधान है। ब्याज रहित लोन दिया जाता है। शर्त यह है कि 7 साल में 84 किस्तों में राशि लौटानी होती है। प्रावधान के अनुसार चयनित लाभुक को पहली किस्त में उद्योग लगाने के लिए शेड निर्माण संशाधन उपलब्ध कराना है।
स्नेहा, महाप्रबंधक उद्योग विभाग, वैशाली, ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना राज्य में 2018 से शुरू है। योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष में 10 लाख ऋण लेकर समय से ऋण नहीं चुकाने वाले उद्यमियों के विरुद्ध विभागीय निर्देश के आलोक में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। 12 प्रतिशत ब्याज की दर से ऋण की वसूली की जाएगी।