अस्थावां विधायक ने पैक्सों की समस्याओं के समाधान कराने की आवाज बुलंद की
अस्थावां विधायक ने पैक्सों की समस्याओं के समाधान कराने की आवाज बुलंद कीअस्थावां विधायक ने पैक्सों की समस्याओं के समाधान कराने की आवाज बुलंद कीअस्थावां विधायक ने पैक्सों की समस्याओं के समाधान कराने की...

अस्थावां विधायक ने पैक्सों की समस्याओं के समाधान कराने की आवाज बुलंद की पटना में उपमुख्यमंत्री ने कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्षों के साथ की बैठक फोटो : अस्थावां एमएलए : पटना में बुधरवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से विचार-विमर्श करते अस्थावां विधायक डॉ. जितेन्द्र कुमार व अन्य। बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पटना में बुधवार को पैक्सों की समस्याओं पर अधिकारियों व प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। अस्थावां विधायक सह नालंदा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र कुमार ने पैक्सों से संबंधित कई ज्वलंत समस्याओं से उपमुख्यमंत्री को अवगत कराया। कहा कि वर्ष 2016-17 में नालंदा जिले की सभी समितियों द्वारा सीएमआर की आपूर्ति एसएफसी को की गई थी।
लेकिन, अब तक उसका भुगतान नहीं हुआ है। इससे कई समितियां डिफॉल्टर की श्रेणी में आ गई हैं। एसएफसी को राशि ब्याज सहित जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में जमा कराने की आदेश देने की मांग की। राशि जमा नहीं होने से पैक्स के साथ जिला केंद्रीय सहकारी बैंक भी परेशानी का सामना कर रही है। सरकार की सभी निधियों को केवल संबंधित जिला के जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों में ही जमा कराने की मांग की। ताकि, सहकारी बैंक मजबूत बन सके। सहकारी बैंकों को आधुनिक तकनीकी सेवाएं उपलब्ध कराने, किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) की सुविधा दी जानी चाहिए। पैक्सों के तहत आने वाली अरवा चावल मिलों को 100 फीसदी अरवा चावल का लक्ष्य दिया जाना चाहिए। ताकि, उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो। गोदाम की कमी का दंश झेल रहा नालंदा जिला : विधायक ने कहा कि नालंदा जिले में गोदामों की कमी के कारण ट्रकों को 3-4 दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। इससे पैक्सों की परिवहन लागत बढ़ जाती है। गोदाम निर्माण की व्यवस्था शीघ्र की जानी चाहिए। धान अधिप्राप्ति में राजकीय गारंटी उपलब्ध कराई गई थी। जो पैक्स हाल के वर्षों में डिफॉल्टर हुई हैं उनका बकाया भुगतान राजकीय गारंटी से किया जाना चाहिए। सहकारी बैंकों के द्वारा एकमुश्त समझौता योजना व लोक अदालत के माध्यम से जो ऋण की माफ़ी की गई है उसका भुगतान सरकार के द्वारा सहकारी बैंकों को किया जाये। बिहार राज्य फसल गारंटी योजना को पुनः लागू किया जाये। इसके अतिरिक्त, बिहार राज्य में विशेष रूप से नालंदा जिले में सहकारी क्षेत्र के विकास को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई।
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