Dr Ambedkar s Legacy Championing Equality for Marginalized Communities हाशिए के लोगों को डॉ. आंबेडकर ने दिलाया समानता का अधिकार : रवि ज्योति, Biharsharif Hindi News - Hindustan
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हाशिए के लोगों को डॉ. आंबेडकर ने दिलाया समानता का अधिकार : रवि ज्योति

हाशिए के लोगों को डॉ. आंबेडकर ने दिलाया समानता का अधिकार : रवि ज्योतिहाशिए के लोगों को डॉ. आंबेडकर ने दिलाया समानता का अधिकार : रवि ज्योतिहाशिए के लोगों को डॉ. आंबेडकर ने दिलाया समानता का अधिकार : रवि...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSat, 12 April 2025 10:46 PM
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हाशिए के लोगों को डॉ. आंबेडकर ने दिलाया समानता का अधिकार : रवि ज्योति

हाशिए के लोगों को डॉ. आंबेडकर ने दिलाया समानता का अधिकार : रवि ज्योति आंबेडकर व्यक्ति नहीं एक विचारधारा नालंदा कॉलेज बीएड विभाग में भारतीय समाज और भीम राव आंबेडकर विषय पर संगोष्ठी में बोले लोग फोटो : बाबा साहब : नालंद कॉलेज बीएड विभाग में शनिवार को भारतीय समाज और भीम राव आंबेडकर विषय पर संगोष्ठी में शामिल लोग। बिहारशरीफ, निज संवाददाता। नालंद कॉलेज बीएड विभाग में शनिवार को भारतीय समाज और भीम राव आंबेडकर विषय पर संगोष्ठी हुई। इसमें लोगों ने समाज में उनके योगदान को रेखांकित किया। मुख्य अतिथि पूर्व विधायक रवि ज्योति ने कहा है कि डॉ. बीआर आंबेडकर का भारतीय समाज में योगदान विशाल, विविध व अतुलनीय है। उन्होंने एक समाज सुधारक, अर्थशास्त्री, राजनेता और कानूनविद्द के रूप में देश की असीम सेवा की। हाशिए के लोगों को समानता का अधिकार दिलाया। उन्हें भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार होने से लेकर दलित वर्गों के लिए समानता और सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने और उन्हें न्याय दिलाने वाले एक योद्धा के रूप में जाना जाता है। विशिष्ट अतिथि अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. रघुनाथ प्रसाद कच्छवे ने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने अपने पूरे जीवन में दलितों और हाशिए पर रहने वाले समूहों के अधिकारों के लिए जोरदार अभियान चलाया। आंबेडकर व्यक्ति नहीं एक विचारधारा है। उनके प्रयासों से ही देश में सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा मिला। दर्शनशास्त्र के प्रो. प्रभास कुमार ने कहा बाबा साहेब ने भारतीय संविधान को इस तरह से आकार दिया कि भारत के सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व निश्चित हो सके। बीएड के विभागाध्यक्ष डॉ. ध्रुव कुमार ने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने शिक्षा के महत्व को समझते हुए दलितों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से बहिष्कृतों के कल्याण के लिए बहिष्कृत हितकारी सभा की स्थापना की। उन्होंने दलितों को आवाज देने के लिए मूकनायक, बहिष्कृत भारत और समता जनता जैसी पत्रिकाओं का प्रकाशन शुरू किया। उन्होंने भारतीय समाज को जागरूक करने के लिए तीन से अधिक राजनीतिक दलों की स्थापना की। वे भारतीय इतिहास में एक महान व्यक्तित्व और युग पुरुष हैं। अपने असंख्य योगदानों के माध्यम से उन्होंने देश के सामाजिक-सांस्कृतिक और राजनीतिक परिदृश्य पर एक स्थायी छाप छोड़ी है। संगोष्ठी में डॉ. संगीता कुमारी, डॉ. प्रशांत, डॉ. अपर्णा, विनोद कुमार, राजीव कुमार, मनीष कुमार, पशुपति कुमार, समी, रूबी, अमृता, ऋषिकेश, गौरव, अदिति कुमारी व अन्य ने अपने विचार व्यक्त किए।

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