Storm Aftermath Bihar Faces Severe Water and Power Crisis as Residents Protest आंधी-पानी इफेक्ट: सूखे हलक तो पानी के लिए सड़क पर उतर गये लोग, Biharsharif Hindi News - Hindustan
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आंधी-पानी इफेक्ट: सूखे हलक तो पानी के लिए सड़क पर उतर गये लोग

आंधी-पानी इफेक्ट: सूखे हलक तो पानी के लिए सड़क पर उतर गये लोगआंधी-पानी इफेक्ट: सूखे हलक तो पानी के लिए सड़क पर उतर गये लोगआंधी-पानी इफेक्ट: सूखे हलक तो पानी के लिए सड़क पर उतर गये लोग

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSat, 12 April 2025 10:45 PM
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आंधी-पानी इफेक्ट: सूखे हलक तो पानी के लिए सड़क पर उतर गये लोग

आंधी-पानी इफेक्ट: सूखे हलक तो पानी के लिए सड़क पर उतर गये लोग बनौलिया, इमादपुर और सोहसराय छिलका के पास सड़क जाम 50 घंटे के बाद भी कई शहरी व ग्रामीण इलाकों में बत्ती गुल बिन बिजली नल-जल व घरों का मोटर बंद, पानी को त्राहिमाम आंधी के कारण गिर गये 780 बिजली के पोल गिरे, टूट के तार फोटो बिजली : सोहसराय छिलकापर के पास शनिवार को सड़क जाम करते लोग। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। भले ही जिले में गुरुवार की देर शाम आयी तेज आंधी व बारिश का शोर थम गया है। लेकिन, अब भी विभिन्न स्थानों पर तबाही मंजर दिख रहा है। सबसे हाल बेहाल बिजली आपूर्ति व्यवस्था की हो गयी है। भले ही विभाग के पदाधिकारी व कर्मी दिन-रात काम कर रहे हैं। लेकिन, नुकसान इतना व्यापक हुआ है कि पूरे जिले में अबतक बिजली बहाल नहीं हो सकी है। बिन बिजली नल-जल और घरों में लगे मोटर बंद हैं। पानी के लिए कोहराम मचा है। हद तो यह कि हलक सूखे तो जिला मुख्यालय बिहारशरीफ के लोग शनिवार को सड़क पर उतर आये। इमादपुर, बनौलिया और सोहसराय छिलका के पास सड़क को जाम कर ‘बिजली दो, ‘पानी दो के नारे लगाये। पुलिस प्रशासन व बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा समझाने व जल्द बिजली बहाल करने के आश्वासन पर लोग शांत हुए। आंधी-पानी के कारण जिलेभर में करीब 720 स्थानों पर बिजली पोल उखड़ गये थे। 38 जगहों पर ट्रांसफॉर्मर गिर गये थे। जगह-जगह पेड़ों के गिरने के कारण करीब 50 किलोमीटर एलटी तो करीब 24 किलोमीटर एचटी तार को नुकसान पहुंचा है। क्षतिग्रस्त तार, पोल और ट्रांसफॉर्मरों को ठीक करने का काम जारी है। बावजूद, 50 घंटे के बाद भी कई शहरी इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी है। ग्रामीण इलाकों में बिजली का हाल तो और बेहाल है। तीन दिनों से लोग मोमबत्ती युग में जी रहे हैं। शहर के टिकुलीपर, शेखाना, अम्बेर रहुई रोड, बनौलिया, इमादपुर, आशानगर नदी पर, बबुरबन्ना, सहोखर आदि कई मोहल्ले हैं, जहां बिजली की आपूर्ति अबतक बहाल नहीं हो सकी है। इसी प्रकार, निश्चलगंज, पीलिछ, सिलाव, गिरियक, अस्थावां, करायपरसुराय, सरमेरा, नगरनौसा, बेन, थरथरी आदि प्रखंडों के कई ग्रामीण इलाकों में लगातार तीसरे दिन भी बिजली का दर्शन नहीं हुआ है। गर्मी के मौसम में बिजली और पानी की दोहरी मार लोगों को झेलनी पड़ रही है। भगवान महावीर की निर्वाण स्थली 48 घंटे अंधेरे में पावापुरी। भगवान महावीर की पावन निर्वाण स्थली पावापुरी तीन दिनों से अंधेरे में डूबी है। 48 घंटे से इलाके में बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप है। स्थानीय लोगों के साथ श्रद्धालुओं को फजीहत झेलनी पड़ रही है। बिजली सेवा बाधित होने से पेयजल आपूर्ति भी ठप हो गई है, जिससे पेयजल की गंभीर किल्लत पैदा हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लगातार शिकायत करने के बावजूद अब तक न तो बिजली विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई हुई है और न ही समस्या के समाधान को लेकर स्थानीय प्रशासन कोई पहल कर रहा है। श्रद्धालु और पर्यटक भी परेशान: श्रद्धालु और पर्यटक, जो भगवान महावीर के दर्शन के लिए पावापुरी पहुंचते हैं, उन्हें भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अंधेरे में मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में आवाजाही करना जोखिम भरा हो गया है। स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन और बिजली विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति बहाल की जाए और पेयजल संकट का समाधान किया जाए। ताकि, पावापुरी की धार्मिक गरिमा बनी रहे और आमजन को राहत मिल सके।

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