Noawaan-Ugaawaan High School 95 Success Rate Amidst Resource Challenges मैट्रिक व इंटर में 95 फीसदी विद्यार्थी हो रहे सफल पर शिक्षक व वर्ग कक्ष की घोर कमी, Biharsharif Hindi News - Hindustan
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मैट्रिक व इंटर में 95 फीसदी विद्यार्थी हो रहे सफल पर शिक्षक व वर्ग कक्ष की घोर कमी

मैट्रिक व इंटर में 95 फीसदी विद्यार्थी हो रहे सफल पर शिक्षक व वर्ग कक्ष की घोर कमीमैट्रिक व इंटर में 95 फीसदी विद्यार्थी हो रहे सफल पर शिक्षक व वर्ग कक्ष की घोर कमीमैट्रिक व इंटर में 95 फीसदी...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफMon, 14 April 2025 10:10 PM
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मैट्रिक व इंटर में 95 फीसदी विद्यार्थी हो रहे सफल पर शिक्षक व वर्ग कक्ष की घोर कमी

गौरव से गर्दिश तक 19 : नोआवां-उगावां हाई स्कूल : मैट्रिक व इंटर में 95 फीसदी विद्यार्थी हो रहे सफल पर शिक्षक व वर्ग कक्ष की घोर कमी ग्रामीणों ने 1972 में 5 खपरैल कमरों का भवन बनाकर किया था विद्यालय स्थापित विद्यालय ने देश-दुनिया को दिये कई होनहार, पर सुविधाओें की कमी का झेल रहा दंश घरों से भोजन लेकर छात्रावास में शिक्षकों के मार्गदर्शन में विद्यार्थी करते थे पढ़ाई फोटो : नोआवां हाई स्कूल : नोआवां हाई स्कूल का पुराना भवन जिससे शुरू करायी गयी थी पढ़ाई। अस्थावां, निज संवाददाता/पप्पू कुमार। प्रखंड मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित है नोआवां-उगावां हाई स्कूल। सीमित संसाधनों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण कर इस विद्यालय के कई होनहार विद्यार्थी देश-दुनिया में कई विभागों में कई पदों पर कार्यरत हैं। एक जमाना था जब विद्यालय आने-जाने के लिए वाहन की सुविधा नहीं होती थी। विद्यार्थी पढ़ने के लिए जब विद्यालय आते थे उसी वक्त रात का भोजन भी अपने साथ लाते थे। ताकि, गुरुजनों के मार्गदर्शन में छात्रावास में रहकर शिक्षा ग्रहण कर सके। खास बात यह कि मैट्रिक व इंटर में 95 फीसदी विद्यार्थी सफलता हासिल कर रहे हैं। साथ ही, अन्य क्षेत्रों में शामिल होकर विद्यालय का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। नोआवां-उगावां गांवों के बुद्धिजीवियों व समाजसेवियों ने इलाके के बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के लिए वर्ष 1972 में विद्यालय स्थापित करने की रणनीति बनायी। सरकारी जमीन चिह्नित किया गया। ग्रामीणों के सहयोग से पांच खपरैल कमरोंका निर्माण कराया गया। विद्यालय का सफल संचालन के लिए स्थानीय लोगों की कमेटी बनायी गयी। वर्ष 1973 में विद्यालय के प्राचार्य जगदीश माहतो बने। बताया जाता है कि प्रारंभ में छठी से दसवीं कक्षाओं की पढ़ाई शुरू करायी गयी। इस विद्यालय में लखनुबिगहा, महानंदपुर, मोहम्मदपुर, मोकिमपुर, फतेहपुर, ओईयाब समेत कई गांवों के करीब 200 विद्यार्थी पैदल पढ़ाई करने आते थे। शिक्षकों के मार्गदर्शन में करीब 45 विद्यार्थी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करते थे। हालांकि, मेस की सुविधा नहीं रहने की वजह से शिक्षक व विद्यार्थी घर से ही भोजन कर व भोजन लेकर आते थे। 200 विद्यार्थी व पांच शिक्षक से विद्यालय का प्रारंभ कराया गया था। विद्यालय की बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने से इस विद्यालय ने देश-दुनिया को कई होनहार दिया। कई डॉक्टर, इंजीनियर समेत कई विभागों में कई पदों पर विराजमान हैं। वर्तमान व्यवस्था : इस विद्यालय के शिक्षक रजनीश पटेल ने बताया कि इस विद्यालय में 10 कमरे हैं। नौवीं से 12वीं कक्षाओं तक 576 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। हाईस्कूल में छह तो प्लस-टू विद्यालय में महज आठ शिक्षक हैं। प्राचार्य हाफिज मो. सनाउल्हा ने बताया कि सभी विषयों के शिक्षक व पर्याप्त वर्ग कक्ष नहीं होने की वजह से विद्यालय के सफल संचालन में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। सीमित संसाधनों में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही हैं। विद्यालय में प्रयोगशाला, पुस्तकालय, आईसीटी लैब, स्मार्ट क्लास, डिजिटल बोर्ड की व्यवस्था है। 95 फीसदी रिजल्ट : प्राचार्य ने बताया कि शिक्षकों के मार्गदर्शन व विद्यार्थियों की लगनशीलता ने इस विद्यालय के पुराने गौरव प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। मैट्रिक व इंटर में इस विद्यालय के 95 फीसदी विद्यार्थी सफलता हासिल कर रहे हैं। शिक्षा के साथ खेलकूद व अन्य विधाओें में बेहतर प्रदर्शन करते आ रहे हैं। लेकिन, विडंबना यह कि इस विद्यालय का खेल मैदान नहीं हैं, खेल मैदान नहीं रहने की वजह से विद्यार्थियों को खेल विधाओं का अभ्यास करने में काफी परेशानी हो रही है। बोले प्राचार्य : विद्यालय पुराने गौरव प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। शिक्षकों के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है। विद्यालय में अतिरिक्त वर्ग कक्ष व विषयवार शिक्षक पदस्थापित करा दिए जाए तो विद्यालय के सफल संचालन में काफी सहूलियत होगी। हाफिज मो. सनाउल्हा, प्राचार्य नोआवां हाई स्कूल

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