भाई का सेहरा बंधा भी नहीं, आर्मी जवान को जाना पड़ा देश की सेवा में
भाई का सेहरा बंधा भी नहीं, आर्मी जवान को जाना पड़ा देश की सेवा में भाई का सेहरा बंधा भी नहीं, आर्मी जवान को जाना पड़ा देश की सेवा में

ऑपरेशन सिंदूर (शेखपुरा) भाई का सेहरा बंधा भी नहीं, आर्मी जवान को जाना पड़ा देश की सेवा में छुट्टी पर आये जिले के कई सैनिकों को रिकॉल के कारण जाना पड़ा ड्यूटी करने रिटायर्ड सैनिकों ने कहा, अब भी दम, सरकार कहे तो पाकिस्तान को धूल चटाने को तैयार शेखपुरा, हिन्दुस्तान संवाददाता। भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच शेखपुरा में भी देशप्रेम लोगों में जमकर उमड़ रहा है। जिले के कई आर्मी के जवान अवकाश लेकर शादी समारोह में शामिल होने आये थे। लेकिन, रिकॉल होते ही भारत माता की रक्षा के लिए वापस ड्यूटी पर चले गये। बरबीघा के सर्वा गांव में सेना के जवान राम कुमार तीन दिन पहले ही अपने भाई की शादी में शामिल होने घर आये थे।
घर पहुंचे ही सेना की ओर से वापस लौटने का पैगाम मिला। इनके बड़े भाई व सेना के रिटायर्ड जवान विनय कुमार ने बताया कि जैसे ही पैगाम मिला, छोटा भाई बगैर देर किये ही वापस चला गया। बड़े भाई का सेहरा बंधा नहीं देख पाया। घरवालों ने भी देश की सेवा में जा रहे जवान को बकायदर आरती उतारकर भेजा और कहा कि देश की सेवा में जान भी चली जाय तो परवाह मत करना। इसी गांव के आर्मी में जेसीओ के पद पर काम करने वाले मुकेश कुमार भी अवकाश पर घर आये थे। परंतु, सेना की ओर से बुलावा आते ही बिना देर किये ड्यूटी पर लौट गये। वहीं, खांडपर के प्रभात पांडेय नेवी में अफसर के पद पर कार्यरत है। मोबाइल फोन पर बताया कि उनके घर में मुंडन समारोह है। आने के लिए अवकाश लिया था। परंतु, भारत-पाक के बीच तनाव के कारण अब समारोह में नहीं आने का निर्णय किया है। रिटायर्ड सैनिकों ने कहा, अब भी है दम, दुश्मन से लड़ने को हैं तैयार फोटो 10 शेखपुरा 02 - रिटायर्ड आर्मी जवान विनय कुमार । सेना से रिटायर्ड होने के बाद सदर अस्पताल में गार्ड की ड्यूटी करने वाले शेखपुरा के सर्वा के विनय कुमार ने कहा कि भले ही वे रिटायर्ड हो चुके हैं। परंतु, यदि सेना से बुलावा आता है या सरकार कहे तो अब भी जाकर पाकिस्तान की गर्दन मरोड़ने का मादा रखते है। रिटायर्ड सैनिक ने कहा कि 1984 से लेकर 2015 तक आर्मी में रह चुके हैं। कारगिल युद्ध में भी भाग ले चुके है। इनका सहोदर भाई भी आर्मी का जवान है। उन्होने कहा कि कल ही अपने भाई को घर से डयूटी पर तिलक लगाकर रवाना किया है। दुश्यमनों के दांत खट्ठे करने को फड़फड़ा रहीं बाजुएं फोटो 10 शेखपुरा 03 -रिटायर्ड आर्मी जवान रमेश कुमार । आर्मी से रिटायर्ड होने के बाद पुलिस का वाहन चलाने वाले शेखपुरा के कैथवां गांव निवासी रमेश कुमार ने कहा कि भले ही वे 10 साल पहले रिटायर्ड हो चुके हैं। परंतु, अब भी बाजुओं में दम बचा हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार या सेना का आदेश हो तो वे पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार हैं। इसके एवज में सरकार से एक रुपया की भी सैलरी नहीं लेंगे। रिटायर्ड सैनिक ने कहा कि जब से सीमा पर तनाव की स्थिति बनी है तब से उनके और गांव के ही आर्मी से रिटायर्ड दोस्त मुकेश कुमार की बाजुएं फड़फड़ा रही हैं। वे 1996 से लेकर 2015 तक सेना में योगदान दे चुके है। फोटो 10 शेखपुरा 05 - रिटायर्ड सीआरपीएफ जवान मिथलेश प्रसाद । सीआरपीएफ से रिटायर्ड होने वाले शेखपुरा के कुसुम्भा गांव निवासी मिथलेश प्रसाद ने कहा कि जिस तरह पाकिस्तान आंतकवाद को पालकर देश को जख्म दे रहा था, उसके साथ ऐसा करना पूरी तरह से सही है। भले उनसे अब भारी हथियार नहीं चल पाएंगे। परंतु, सरकार का आदेश हो तो अब भी देश सेवा में जाने को तैयार है। अग्रिम पंक्ति में लड़ने वालों को अब भी मदद कर सकते हैं।
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