राम का अवतार रावण को मारने लिए नहीं बल्कि रावनत्य को खत्म करने के लिए हुआ : कथावाचक
नोनीहाट, प्रतिनिधि। राम का अवतार रावण को मारने लिए नहीं बल्कि रावनत्य को खत्म करने के लिए हुआ : कथावाचकराम का अवतार रावण को मारने लिए नहीं बल्कि रावनत

नोनीहाट, प्रतिनिधि। नोनीहाट के यज्ञ मैदान में चल रहे रामचरित मानस नवाह परायण महायज्ञ में पहुंचे विंध्याचल के कथावाचक ने अपने प्रवचन के माध्यम से कहा कि राम का अवतार रावण को मारने लिए नहीं हुआ था, बल्कि रावनत्य को खत्म करने के लिए हुआ था। उन्होंने इस पर कहा कि रावनत्य का मतलब होता है एक दूसरे से नफरत करने वाले लोग। राम का संदेश है कि सभी लोग आपस में प्रेम करें। इसलिए राम भगवान प्रेम की स्थापना करने के लिए धरती पर आए थे। उन्होंने कहा कि लक्ष्मण का रूप संहार के लिए था तथा भरत का रूप धर्म की स्थापना के लिए था।
उनके प्रवचन को सुनने के लिए पूरे पंडाल पर श्रद्धालुओं की बहुत भीड़ थी। यज्ञ के मौके पर बांग्ला कीर्तन को सुनने के लिए महिला श्रद्धालुओं की भीड़ बांग्ला कीर्तन के लिए आए हुए बंगाल की टीम में टुंपा चक्रवर्ती की टीम के द्वारा राधा रानी की जयकारे पर लोग झूम रहे थे। बताते चले कि इस यज्ञ मैदान में 38 वर्ष से लगातार चल रहे यज्ञ का इस बार 39वां वर्ष है। सुबह से ही पंडाल में मंगल भवनय अमंगलहारी के मंत्र से गूंज रहा है। रामायण पाठ के साथ-साथ बांग्ला कीर्तन तथा प्रवचन से लोग लाभान्वित हो रहे है। श्रद्धालुओं की राम दरबार के समक्ष सुबह से ही भीड़ जमा हो रही है। पूरे यज्ञ की देखरेख जरमुंडी के विधायक देवेंद्र कुंवर संयोजक के रूप में निभा रहे हैं। समिति के पंकज कुंवर, विपिन कुवंर, अरविंद कुंवर, अशोक शाह, शंकर राय, यज्ञ को सफल बनाने में जुटे हुए हैं।
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