पाकिस्तान की जमीन से आतंक खत्म नहीं, तो शांति कैसे मुमकिन? ओवैसी का सरकार से सवाल
पलवलगाम हमले और सीजफायर के ऐलान के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान को लेकर सरकार से सख्त सवाल पूछे हैं।

पलवलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा बयान दिया है। ओवैसी ने साफ कहा है कि जब तक पाकिस्तान अपनी सरजमीन का इस्तेमाल भारत में आतंक फैलाने के लिए करता रहेगा, तब तक किसी भी तरह की स्थायी शांति मुमकिन नहीं। उन्होंने दो टूक कहा कि सीजफायर हो या न हो, जो आतंकी इस हमले के जिम्मेदार हैं, उनका पीछा करके सजा जरूर दी जानी चाहिए।
ओवैसी ने सेना की बहादुरी और कुशलता की तारीफ करते हुए शहीद जवान एम मुरली नाइक और एडिशनल डिप्टी कमिश्नर राजकुमार थापा को श्रद्धांजलि दी। साथ ही उन आम नागरिकों के लिए भी दुआ की जो इस संघर्ष में घायल या शहीद हुए। उन्होंने उम्मीद जताई कि सीमावर्ती इलाकों में रह रहे लोगों को सीजफायर से थोड़ी राहत जरूर मिलेगी।
ओवैसी का सरकार से सवाल
लेकिन इसके साथ ही ओवैसी ने सरकार से कुछ तीखे सवाल भी पूछे। उन्होंने पूछा कि सीजफायर का ऐलान खुद हमारे प्रधानमंत्री की जगह किसी विदेशी राष्ट्रपति ने क्यों किया? क्या इससे कश्मीर मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाया जा रहा है, जबकि शिमला समझौते के बाद से भारत हमेशा किसी तीसरे पक्ष की भूमिका से इनकार करता रहा है? उन्होंने यह भी जानना चाहा कि बातचीत तटस्थ जमीन पर क्यों हो रही है और क्या अमेरिका गारंटी देगा कि पाकिस्तान अब आतंक का इस्तेमाल नहीं करेगा?
पाक को FATF की ग्रे लिस्ट में डालो: ओवैसी
ओवैसी ने सवाल उठाया कि क्या भारत ने पाकिस्तान को रोकने का मकसद पूरा किया या सिर्फ एक अमेरिकी-ब्रोकर्ड सीजफायर हासिल करना ही लक्ष्य था? उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की मुहिम लगातार जारी रहनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत तभी मजबूत होता है जब देश के लोग आपस में लड़ने की बजाय एकजुट रहते हैं।