कैसे हुआ भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की सोशल मीडिया पोस्ट के बाद भारत और पाकिस्तान ने तुरंत संघर्ष विराम का एलान किया। दोनों देशों ने एक दूसरे पर मिसाइलें बरसाने के बाद शनिवार शाम यह पुष्टि की। दोनों देशों...

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद भारत और पाकिस्तान ने भी तुरंत संघर्ष विराम का एलान किया.क्या हैं इस शांति की शर्तें?शनिवार सुबह तक एक दूसरे पर मिसाइलें बरसा रहे भारत और पाकिस्तान ने शनिवार शाम होते होते अमेरिका से आए संघर्ष विराम के संदेश की पुष्टि कर दी.दोनों देशों के तुरंत प्रभाव से हथियार थामने का एलान असल में हजारों किलोमीटर दूर वॉशिंगटन से आया.शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, "अमेरिकी की मध्यस्थता में रात में बहुत देर तक हुई बातचीत के बाद, मुझे यह एलान करते हुए खुशी है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और त्वरित संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं.कॉमन सेंस और गजब की बुद्धिमतत्ता दिखाने के लिए दोनों देशों को बधाई.इस मुद्दे पर ध्यान देने के लिए आपका शुक्रिया"अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान के फौरन बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर लिखा, "पाकिस्तान और भारत तुरंत प्रभाव से संघर्ष विराम पर समहत हो गए हैं.पाकिस्तान हमेशा क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए प्रयास करता रहा है, वो भी अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर समझौता किए बिना"इसके कुछ देर बाद, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "यह तय हुआ है कि दोनों पक्ष, जमीन, हवा और समंदर में हर तरह की फायरिंग और सैन्य कार्रवाई बंद करेंगे"भारतीय विदेश सचिव ने यह भी बताया कि दोनों देशों के अधिकारी 12 मई को आपस में बातचीत करेंगे.भारत ने दावा किया है कि वह भविष्य में किसी भी आतंकवादी हमले को युद्ध की कार्रवाई मानेगा.नई दिल्ली के इस रुख से साफ है कि भविष्य में दोनों देशों की बीच जो भी बातचीत होगी, उसमें इस बात को केंद्र बिंदु की तरह रखा जाएगा.सीजफायर के एलान के बाद, शनिवार शाम भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा, "भारत और पाकिस्तान फायरिंग और सैन्य कार्रवाई बंद करने के लिए एक समझ तैयार कर चुके हैं. भारत ने लगातार हर तरह के आतंकवाद और उसके पोषण पर कड़ा और गैर समझौतावादी रुख बरकरार रखा है"अमेरिका ने कहा, "48 घंटे की मशक्कत का नतीजा है ये संघर्ष विराम"अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दोनों देशों के बीच अमेरिका ने तुरंत पूर्ण संघर्ष विराम की कैसे कराया गया, इसका दाव है.अपने एक्स अकाउंट पर रुबियो ने लिखा, "पिछले 48 घंटे से उपराष्ट्रपति वैंस और मैं भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संपर्क में थे, इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर, सेना प्रमुख आसिम मुनीर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और आसिम मलिक भी थे.मुझे यह एलान करते हुए खुशी है कि भारत और पाकिस्तान की सरकारें तुरंत संघर्ष विराम और तटस्थ जगह पर कई मुद्दों पर बातचीत शुरू करने पर सहमत हुई हैं.हम शांति का रास्ता चुनने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री शरीफ की बुद्धि, विवेक, अद्भुत नेतृत्व कला की सराहना करते हैं"पर्दे के पीछे की कूटनीति और उसका असरभारत और पाकिस्तान की तरफ से शनिवार सुबह से ही संघर्ष विराम की कोशिशों के संकेत मिलने लगे थे.शुक्रवार रात और शनिवार तड़के एक दूसरे पर भारी बमबारी करने के बाद दोनों देशों ने कहा कि अगर सामने वाला राजी हो तो वे तनाव कम कर सकते हैं.साथ ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और मंत्री भी हिसाब पूरा हुआ जैसे बयान देने लगे.इसी दौरान भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी एलान किया कि शनिवार शाम वह एक अहम प्रेस ब्रीफिंग करेगा.इसी ब्रीफिंग में भारत ने शनिवार शाम पांच बजे से पूर्ण संघर्ष विराम का एलान किया.संघर्ष विराम के बाद पाकिस्तान ने भी अपना एयरस्पेस खोलने का एलान किया है.पाकिस्तान एयरपोर्ट अथॉरिटी (पीएए) ने कहा कि उसका एयरस्पेस हर तरह की फ्लाइटों के लिए फिर से खुल चुका है. हालांकि, भारतीय सूत्रों का कहना है कि संघर्ष विराम के बावजूद सिंधु जल समझौताअब भी निलंबित रहेगा.समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक सूत्र के हवाले यह जानकारी दी है.1960 में हुई यह जल संधि पहलगाम हमले के तुरंत बाद निलंबित कर दी गई थी.युद्ध जैसी नौबत टलीपाकिस्तानी विदेश मंत्री डार के मुताबिक, संघर्ष विराम समझौते तक पहुंचने में सऊदी अरब और तुर्की ने भी अहम भूमिका निभाई.10 मई को ही सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान ने भी भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों से बात कर, मौजूदा सैन्य संघर्ष में मध्यस्थता की पेशकश की.सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "टेलीफोन कॉल्स के दौरान, मौजूदा सैन्य टकराव को खत्म करने के प्रयासों पर केंद्रित बातचीत हुई"हाल ही में नई दिल्ली का दौरा करने के बाद सऊदी विदेश मंत्री, नौ मई को भारत से सीधे पाकिस्तान भी गए.भारतीय कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को एक हमला हुआ.हमले में 25 सैलानियों और एक स्थानीय युवक की मौत हो गई.भारत सरकार इसे आतंकवादी हमला करार दिया और कहा कि आतंकवादियों ने चुन चुनकर हिंदू पुरुषों को गोली मारी.उस दौरान सैलानियों की जान बचाने की कोशिश करते एक कश्मीरी युवक की भी मौत हो गई. इस हमले के दो हफ्ते बाद छह मई की रात भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में नौ जगहों पर हवाई हमले किए.नई दिल्ली ने दावा किया कि हवाई हमले आतंकी शिविरों पर किए गए हैं.इन हमलों के बाद दोनों पड़ोसियों के बीच लगातार तीखा सैन्य संघर्ष छिड़ गया.54 साल के बाद इतना भीषण संघर्ष1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद यह पहला मौका था, जब भारतीय सेना ने कराची और लाहौर जैसे पाकिस्तानी शहरों पर हवाई हमले किए.इन हमलों के जबाव में पाकिस्तान ने पठानकोट, बठिंडा, आदमपुर जैसे भीतरी सैन्य अड्डों को निशाना बनाया.करीब तीन दिन चले सैन्य संघर्ष में अब तक दोनों देशों में कम से कम 60 लोगों की मौत हुई.भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर में सीमा से सटे इलाकों में जान माल का भारी नुकसान हुआ है.पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर में भी 10 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और संपत्ति को खासा नुकसान पहुंचा है.संघर्ष विराम के बाद दोनों देशों में सीमा से भाग रहे लोग राहत की सांस ले सकेंगे.