जिले के प्रारंभिक विद्यालय में शिक्षा समिति का फिर से गठन कराएं प्राचार्य : डीईओ
जिले के प्रारंभिक विद्यालय में शिक्षा समिति का फिर से गठन कराएं प्राचार्य : डीईओजिले के प्रारंभिक विद्यालय में शिक्षा समिति का फिर से गठन कराएं प्राचार्य : डीईओजिले के प्रारंभिक विद्यालय में शिक्षा...

जिले के प्रारंभिक विद्यालय में शिक्षा समिति का फिर से गठन कराएं प्राचार्य : डीईओ विद्यालय के सर्वांगीण विकास के लिए 17 सदस्यीय शिक्षा समिति होती है गठित शिक्षा समिति में सभी समाज के लोगों को शामिल कर बनाया जाता है सशक्त जिले में 1337 प्राथमिक व 827 मध्य विद्यालय हैं संचालित फोटो : ट्रेनिंग : रहुई प्रखंड में मार्च 2025 में प्रशिक्षण प्राप्त करते विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य व अन्य। (फाइल फोटो) बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में विद्यालय शिक्षा समिति का पुनर्गठन कराया जाएगा। समिति के तीन साल पूरे होने पर पुनर्गठन करने का विभागीय प्रावधान है। विद्यालय के सर्वांगीण विकास के लिए 17 सदस्यीय शिक्षा समिति गठित की जाती है। विद्यालय शिक्षा समिति को विद्यालय की रीढ़ माना जाता है। विद्यालय के सर्वांगीण विकास के लिए सशक्त शिक्षा समिति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिले में 1337 प्राथमिक व 827 मध्य विद्यालय चलाए जा रहे हैं। समग्र शिक्षा डीपीओ मो. शाहनवाज ने बताया कि जिन विद्यालयों में समिति अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है, उन विद्यालयों में विद्यालय शिक्षा समिति का गठन कराया जाएगा। डीईओ राजकुमार ने बताया कि संभाग प्रभारी को यथाशीघ्र ही शिक्षा समिति का पुनर्गठन कराने का आदेश दिया गया है। गठन करने का प्रावधान : विद्यालय के प्राचार्य द्वारा संकुल समन्वयक की सहमति से एक तिथि निर्धारित कर विद्यालय में नामांकित बच्चों के माता-पिता व अभिभावकों की बैठक बुलाकर गठित करने का प्रावधान है। बैठक में शामिल होने के लिए बच्चों के माता-पिता व अभिभावकों को बैठक की तिथि से एक हफ्ते पहले सूचना देनी होगी। संकुल समन्यवक की देख-रेख में सर्वसम्मति से या बहुमत से सदस्यों का चयन किया जाएगा। समिति के गठित होने के बाद संकुल समन्वयक की अनुशंसा पर बीईओ द्वारा समिति का निबंधन किया जाएगा। शिकायत : समिति के गठन के विरुद्ध शिकायत के संबंध में समग्र शिक्षा डीपीओ के पास समिति गठित होने की तिथि से 15 दिनों के अंदर अपील दायर की जा सकती है। अपील का निष्पादन इसके अपील दायर होने के 30 दिनों के अंदर किया जाएगा। सदस्यता के लिए पात्रता : जिन बच्चों की उपस्थिति 50 फीसदी से कम होगी, वैसे बच्चों की माताएं समिति के सदस्य के रुप में चयनित नहीं की जाएंगी। हालांकि, प्रथम वर्ग के बच्चों की माताओ के मामले मे यह लागू नहीं होगा। सचिव का चुनाव : समिति के सचिव का चयन चयनित सदस्यों द्वारा अपने में से बहुमत से किया जाएगा। समिति का कार्यकाल निबंधन की तिथि से तीन वर्ष तक होगा। शिक्षा समिति की शक्तियां : विद्यालय के संचालन का अनुश्रवण करना, विद्यालय के पोषक क्षेत्र के छह से 14 साल के बच्चों को शत-प्रतिशत नामांकन कराना, बच्चों को मध्याह्न भोजन की व्यवस्था के लिए निर्णय लेना, शिक्षकों द्वारा बच्चों की प्रताड़ना, अपमान या भेदभाव करने पर समिति द्वारा समुचित जांच के बाद समक्ष प्राधिकार को रिपोर्ट भेजना व शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक गतिविधियां पर नजर बनाए रखना समिति का मुख्य कार्य है। शिक्षा समिति का स्वरूप : वार्ड सदस्य : पदेन अध्यक्ष माता समिति : 9 सदस्यीय जीविका समूह की दो महिलाएं : सदस्य बाल संसद व मीना मंच से चयनित दो छात्र प्रतिनिधि : सदस्य विद्यालय के प्रधान शिक्षक : सदस्य विद्यालय के वरीय शिक्षक : सदस्य भूमिदाता या नामित व्यक्ति : सदस्य
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