Scientists Solve Farmers Problems in Muzaffarpur Village Bihar कृषि वैज्ञानिकों ने आम व कटहल के पेड़ों की सुरक्षा के बताये उपाय, Biharsharif Hindi News - Hindustan
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कृषि वैज्ञानिकों ने आम व कटहल के पेड़ों की सुरक्षा के बताये उपाय

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Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफTue, 3 June 2025 07:37 PM
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कृषि वैज्ञानिकों ने आम व कटहल के पेड़ों की सुरक्षा के बताये उपाय

3 सदस्यीय वैज्ञानिकों का दल पहुंचा नूरसराय के मुजफ्फरपुर गांव किसानों की सभी समस्याओं का किया समाधान फोटो : नूरसराय01-नूरसराय प्रखंड के मुजफ्फरपुर गांव में मंगलवार को किसानों से बात करते वैज्ञानिक डॉ. रणधीर कुमार व अन्य। नूरसराय, निज प्रतिनिधि। नालंदा उद्यान महाविद्यालय के 3 सदस्यीय कृषि वैज्ञानिकों का दल मंगलवार को मुजफ्फरपुर गांव पहुंचा। दल में हॉर्टिकल्चर प्राचार्य डॉ. रणधीर कुमार, फल वैज्ञानिक डॉ. दिव्या तिवारी व डॉ. साहिना प्रवीण शामिल थीं। उन्होंने आम व कटहल के पेड़ों का जायजा लिया और किसानों को उनकी सुरक्षा के उपाय बताये। पेड़ व फल से संबंधित किसानों की सभी समस्याओं का समाधान किया।

किसान संजीव कुमार, साधु कुमार, अशोक प्रसाद ने कटहल के पेड़ से फल गिरने और तना व डाल में दरार या फटने की समस्या बतायी। डॉ. रणधीर ने बताया कि कटहल में दो तरह के फूल होते हैं। जिस फूल की सतह चिकनी होती है वह नर फूल है। यह गिर जाता है। जिस फूल में खुरदरापन है और रंग डीप ग्रीन है व मादा है। यही बढ़कर फल बनता है। पतले डाल पर लगा कटहल गिर जाता है या डाल टूट जाती है। इसके फल का वजह 3 से 5 किलो के बीच होता है। पतले डाल की कटिंग करते रहना चाहिए। पेड़ के तना पर इन्डरवेला कीड़ा होता है। यह छाल खाता है। इसी की वजह से डाल फटती है। इसकी रोकथाम के लिए जब पेड़ में फल नहीं हो तो जुलाई,अगस्त व अक्टूबर माह में प्रोफेनोफाउस 40% व सैपरमेथरीन 04% नामक दवा को दो एमएल प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर पूरे पेड़ के शाखाओं पर नीचे से उपर की ओर स्प्रे करना चाहिए। किसान निरंजन कुमार, मुकेश कुमार, बंटी कुमार, गोलू कुमार ने आम का फल फट जाता है और फल सड़ जाता है। डॉ. रणधीर ने बताया कि रेड वैनेड कैटर पिलर नामक कीड़ा का प्रकोप है। यह कीड़ा आम के पेड़ों के फटे छिलका के अंदर छुपकर बैठा रहता है। आम का फल सुपारी के आकर का होता है और फल का साइज बढ़ने लगता है तब यह अंडा देकर तितली बनकर उड़ जाता है और फल पेड़ में ही सड़ने लगता है। इसके के लिए अक्टूबर व फरवरी में प्रोफेनोफाउस 40% व सैपरमेथरीन 04% नामक दवा को दो एमएल प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर जड़ से लेकर पूरे डालियों पर स्प्रे करना चाहिए। फल फटने से रोकने के लिए क्लोरीफौरीफास 50% और सैपरमेथरिन 5% को एक एमएल प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर 15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करना चाहिए। मई माह के प्रथम सप्ताह के बाद आम के पेड़ों पर किसी प्रकार का छिड़काव नहीं करना है।

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