Kalazar Elimination Campaign Indoor Spraying and Patient Identification in Buxar Villages आशा कार्यकर्ताएं घर-घर करेंगी कालाजार के लक्षण वाले मरीजों की खोज, Buxar Hindi News - Hindustan
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आशा कार्यकर्ताएं घर-घर करेंगी कालाजार के लक्षण वाले मरीजों की खोज

बक्सर के सदर के दो पंचायतों के चार गांवों में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर रोगियों की पहचान कर रही हैं। कालाजार के लक्षणों की जांच की...

Newswrap हिन्दुस्तान, बक्सरThu, 5 June 2025 09:17 PM
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आशा कार्यकर्ताएं घर-घर करेंगी कालाजार के लक्षण वाले मरीजों की खोज

छिड़काव सदर के दो पंचायतों के चार गांवों में चल रहा है अभियान 12 सप्ताह तक लगातार दवाओं का सेवन करना पड़ता है बक्सर, हमारे संवाददाता। कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में इस रोग से प्रभावित इलाकों में इंडोर रेसिडेंशियल स्प्रे दवाओं का छिड़काव कराया जा रहा है। वहीं, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय प्रभावित गांवों में घर-घर कालाजार रोगी खोज अभियान शुरू कर दिया है। प्रभावित गांवों में आशा कार्यकर्ताएं घर घर जाकर कालाजार के लक्षण की जांच करेंगी। उसकी रिपोर्ट स्थानीय पीएचसी में देगी। इस संबंध में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि पिछले तीन सालों में जहां पर भी रोगी मिले थे।

उन पंचायत व गांवों को चिन्हित किया गया है। उसी आधार पर घर घर खोज अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता भी लोगों को जागरूक भी कर रही है। साथ ही, उन्हें इलाज की पूरी जानकारी दी जाएगी। पीकेडीएल कालाजार उन्मूलन की राह में एक बड़ी बाधा: डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि कालाजार उन्मूलन की राह में त्वचा का कालाजार एक बड़ी बाधा साबित होता है, क्योंकि इसका संक्रमण तेजी से फैलता है। इस रोग से एलडी बॉडी नामक परजीवी त्वचा कोशिकाओं पर आक्रमण कर उन्हें संक्रमित कर देता और वहीं रहते हुए विकसित होकर त्वचा पर घाव के रूप में उभरने लगता है। इसके कारण मरीज को बार-बार बुखार आने लगता है। साथ ही, भूख में कमी, वजन का घटना, थकान महसूस होना, पेट का बढ़ जाना इसके लक्षण के रूप में दिखाई देने लगते हैं। ऐसे व्यक्ति को तुरंत नजदीक के अस्पताल में जाकर अपनी जांच करानी चाहिए। ठीक होने के बाद भी कुछ व्यक्ति के शरीर पर चकत्ता या दाग होने लगता है। उन्होंने बताया कि पीकेडीएल का इलाज पूर्ण रूप से किया जा सकता है। इसके लिए लगातार 12 सप्ताह तक लगातार दवाओं का सेवन करना पड़ता है। रोग से बचने के लिए मरीजों को कालाजार के इलाज के दौरान दवाओं का कोर्स पूरा करने की सलाह दी जाती है।

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