अक्टूबर में पूरा हो सकता है मुक्तिधाम को संवारने का कार्य
बक्सर के चरित्रवन स्थित मुक्तिधाम का निर्माण कार्य 07 करोड़ 36 लाख 59 हजार 329 रुपये की लागत से हो रहा है। वर्तमान में 40 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। अगले दो महीने में कास्टिंग कार्य पूरा होने की...

02 विद्युत चालित और 04 लकड़ी शवदाह गृह का निर्माण हो रहा 07 करोड़ 36 लाख 59 हजार 329 रूपये से संवारा जा रहा मोक्षधाम को अभी 60 प्रतिशत कार्य पड़ा है अधूरा, दो माह में कास्टिंग कार्य होगा पूरा बक्सर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। शहर के चरित्रवन स्थित मुक्तिधाम (श्मशान घाट) परिसर का निर्माणाधीन कार्य आगामी अक्टूबर तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। वर्तमान में 40 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो पाया है। बुडको के जेई ऋतुराज ने बताया कि अगले दो महिने में कास्टिंग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। पूरे परिसर में छह अलग-अलग ब्लॉक होंगे। हालांकि इसे पिछले वर्ष पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था।
लेकिन कई कारणों के चलते निर्माण कार्य में लगातार व्यवधान आते रहने से अबतक योजना को पूरा नहीं किया जा सका है। मुक्तिधाम यानि श्मशान घाट की बदहाली दूर करते हुए परिसर को संवारने की प्रशासनिक कवायद तेज हो गई है। पिछले दिनों डीएम अंशुल अग्रवाल खुद मुक्तिधाम निर्माणाधीन स्थल का जायजा लेते हुए कार्य को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया था। बुडको के सूत्रों के अनुसार, मुक्तिधाम परिसर को संवारने के लिए 07 करोड़ 36 लाख 59 हजार 329 रूपये की प्राक्कलित राशि बनाई गई है। इसके तहत यहां 02 विद्युत चालित और 04 लकड़ी चालित शवदाह गृह का निर्माण कराया जायेगा। बुडको के जेई ऋतुराज से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, निर्माणाधीन परिसर में स्टॉफ रूम, शॉप रूम, स्टोर रूम, बैठने व वक्त गुजारने के लिए वेटिंग हॉल, टॉयलेट, बाथरूम, रजिस्ट्रेशन रूम, गार्ड रूम व परिसर विकास के अन्य कार्यों का तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें दो गेट बनेंगे। बुडको के पूर्व के जेई अंजनी के अनुसार, जमीन का एनओसी 02 जून 2023 को मिला था। वहीं एकरारनामा के अनुसार, वर्ष 2023 की 20 मार्च को कार्य प्रारंभ की तिथि निर्धारित थी। वहीं निर्माण कार्य को वर्ष 2024 के 19 मार्च तक पूरा करना था। एनओसी मिलते ही कार्य को शुरू कर दिया गया था। लेकिन, बीच में मामला कोर्ट में चले जाने के कारण कार्य को साढ़े सात महिने के लिए रोक दिया गया। बाद में कोर्ट का फैसला आने के बाद सदर एसडीओ धीरेन्द्र कुमार मिश्र द्वारा दिये मौखिक निर्देश के आलोक में गत 13 मई से पुन: निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। ऐसे में बीते वर्ष के 31 दिसंबर तक शेष कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया। लेकिन इसके बाद परिसर में मौजूद चार पेड़ को हटाने के लिए वन विभाग को पत्र दिया गया। बीते मार्च में वन विभाग द्वारा पेड़ को हटाकर एनओसी दिया गया। जिसके बाद से कार्य तेजी से जारी है। बता दें कि चरित्रवन में अवस्थित मुक्तिधाम (श्मशान घाट) पर शवों का दाह संस्कार करने आने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एक तरफ जहां यहां आने वाले मार्गों की साफ-सफाई की स्थिति बेहद बदहाल है वहीं, घाट किनारे भी लोगों को कोई विशेष सुविधा प्राप्त नहीं होती। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यहां प्रतिदिन औसतन 30 से 35 शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। उत्तरायणी गंगा होने के चलते ऐसी मान्यता है कि यहां अंतिम संस्कार करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। उत्तरायण गंगा तट पर स्थित यहां के मुक्तिधाम की महत्ता काशी के मणिकर्णिका की तरह बताई गई है। यहीं वजह है कि यहां जिले के अलावा सीमावर्ती यूपी, आरा, रोहतास व कैमूर जिले के लोग भी दाह संस्कार के लिए आते है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जल्द ही इस मुक्तिधाम की तस्वीर बदलने वाली है। निश्चय टू योजना के तहत मुक्तिधाम का कायाकल्प किया जा रहा है। बुडको के कार्यपालक अभियंता कामेश्वर प्रसाद ने बताया कि वर्तमान में 40 प्रतिशत कार्य हो पाया है। बीते दिनों कई कारणों से कार्य में विलंब हुआ। लेकिन अक्टूबर तक निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है। इसके लिए संबंधित संवेदक पर नकेल कसी गई है।
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