वीकेएसयू : संबद्ध डिग्री कॉलेजों में बहाल नहीं हो सके स्थायी प्राचार्य
-प्रभारी प्राचार्य के भरोसे संचालित हैं वीर कुंवर विवि के 55 संबद्ध कॉलेज, मात्र आठ से दस कॉलेजों में ही स्थायी प्राचार्य

-प्रभारी प्राचार्य के भरोसे संचालित हैं वीर कुंवर विवि के 55 संबद्ध कॉलेज -मात्र आठ से दस कॉलेजों में ही स्थायी प्राचार्य, पत्र का नहीं हुआ अनुपालन -चयन समिति गठित कर स्थाई प्राचार्य नियुक्ति करने का जारी हुआ था पत्र आरा। निज प्रतिनिधि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के अधिकतर संबद्ध डिग्री कॉलेज प्रभार के सहारे संचालित हैं। प्रभार के सहारे संचालित डिग्री कॉलेजों में शैक्षणिक से लेकर अन्य कार्य सही ढंग से संपादित नहीं हो पा रहे हैं। वहीं प्रभारी प्राचार्य बनाये जाने के बाद वरीयता को लेकर विवाद भी है। विवाद के कारण कॉलेजों का कार्य प्रभावित हो रहा है।
मालूम हो कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय अंतर्गत 65 संबद्ध डिग्री कॉलेज हैं, लेकिन इनमें से मात्र आठ से दस कॉलेजों में ही स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति है। शेष कॉलेजों में प्रभारी प्राचार्य ही हैं। बता दें कि वीर कुंवर सिंह विवि अंतर्गत आने वाले सभी संबद्ध डिग्री कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति को ले एक वर्ष पहले ही विवि प्रशासन ने पत्र जारी किया था, लेकिन विवि के पत्र को अधिकतर कॉलेजों ने गंभीरता से नहीं लिया। इस कारण कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति का मामला अधर में है। स्थिति यह है कि संबद्ध कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य के भरोसे संचालित हैं। चयन समिति गठित करने को मांगा गया था प्रस्ताव बता दें कि वीर कुंवर सिंह विवि ने संबद्ध कॉलेजों में शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार सहित अन्य मामलों के निदान को ले कदम उठाते हुए स्थायी प्राचार्य की बहाली की पहल की थी। इसके लिए वर्ष 2023 में सबसे पहले पत्र जारी किया गया था। इसके बाद इस वर्ष फरवरी में कॉलेजों को आखिरी स्मार पत्र जारी कर प्रस्ताव मांगा गया था, लेकिन प्रभारी प्राचार्य के भरोसे संचालित कॉलेजों ने प्रस्ताव नहीं भेजा। इस कारण इन कॉलेजों में नियुक्ति की कवायद शुरू नहीं हो पायी है। बता दें कि संबद्ध डिग्री कॉलेजों में चयन समिति के माध्यम से प्राचार्य की नियुक्ति होनी है। चयन समिति गठित कर होनी थी नियुक्ति मालूम हो कि चयन समिति गठित करने को ले प्रस्ताव मांगा गया था। इनमें मात्र आठ से दस कॉलेजों का ही प्रस्ताव विवि को प्राप्त हुआ, जबकि अधिकतर कॉलेजों ने प्रस्ताव नहीं दिया। जहां स्थाई प्राचार्य नहीं हैं, वहां पूरी प्रक्रिया अपनाकर स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति करने का पत्र जारी हुआ था। विवि प्रशासन ने प्राचार्य और शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर चयन समिति गठित करने के संबंध में संबद्ध कॉलेजों के शासी निकाय के सचिव और प्राचार्य को एक बार फिर से निर्देश दिया था, लेकिन कॉलेजों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। बता दें कि प्रस्ताव के आलोक में चयन समिति गठित कर नियुक्ति होनी थी। कॉलेज के ऐसे विषय जहां शिक्षक नियुक्त किए जाने हैं, वहां भी समिति के माध्यम से बहाली होनी थी। विवि अधिनियम के तहत होने चाहिए स्थायी प्राचार्य बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 (अद्यतन संशोधित 2013) परिनियम 7 (2) में वर्णित अर्हता के आलोक में योग्यताधारी प्राचार्य और शिक्षकों की स्थायी नियुक्त सुनिश्चित करने के लिए नियमानुसार राष्ट्रीय समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कर चयन समिति गठित करने की प्रक्रिया शुरू करने का फरमान जारी हुआ था। कॉलेज को शासी निकाय से प्रस्ताव प्राप्त कर प्राचार्य एवं शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता एवं मानक संलग्न कर विश्वविद्यालय को प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा गया था, ताकि विश्वविद्यालय की ओर से चयन समिति का गठन किया जा सके। बावजूद आदेश का अनुपालन नहीं हुआ। जानकारों की मानें तो जहां स्थायी प्राचार्य नहीं है, वे प्रभारी प्राचार्य का अनुमोदन करने का ही नाम भेजते हैं। निर्णय नहीं ले पाते हैं प्रभारी प्राचार्य स्थायी प्राचार्य नहीं रहने से अधिकतर संबद्ध कॉलेजों में विवाद है। कई जगहों पर वरीयता को लेकर भी विवाद चल रहा है। इससे कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मियों को परेशानी उठानी पड़ती है। समय पर वेतन आदि का भुगतान भी नहीं हो पाता है। वहीं प्रभारी प्राचार्य निर्णय भी नहीं ले पाते हैं। वहीं नैक आदि कार्य में भी कॉलेज आगे नहीं बढ़ पाता है। क्या कहते हैं अधिकारी स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति के मामले में कॉलेजों के शासी निकाय को एक बार फिर स्मार पत्र भेजा जायेगा। कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति आवश्यक है। प्रो शंभू शरण शर्मा, कॉलेज इंस्पेक्टर, वीकेएसयू
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