केंद्रीय योजनाओं में केंद्र और राज्य का 90:10 फीसदी हो अंशदान; बिहार सरकार का नीति आयोग को पत्र
बिहार सरकार ने केन्द्र से केन्द्रीय योजनाओं में 90 फीसदी अंशदान का अनुरोध किया है। नीति आयोग की बैठक से पहले बिहार ने आयोग को अपना अनुरोध पत्र भेज दिया था। जिसमें केंद्र से अपना अंशदान 90 फीसदी करने पर विचार करने की बात कही है।

बिहार ने केन्द्र से केन्द्रीय योजनाओं में 90 फीसदी अंशदान का अनुरोध किया है। नीति आयोग की 10वीं शासी परिषद की बैठक के पूर्व बिहार ने आयोग को अपना अनुरोध पत्र भेज दिया था। शनिवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शासी परिषद की बैठक आयोजित की गयी। योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के तहत राष्ट्रीय विकास एजेंडा से संबंधित योजनाओं में 75 फीसदी से 90 फीसदी तक अंशदान केन्द्र सरकार का रहता था। शेष अंशदान राज्य का होता था।
लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय विकास एजेंडा से संबंधित सभी 21 योजनाओं का केन्द्र व राज्य सरकार का वित्तीय पैटर्न 60:40 कर दिया गया है। कुछ केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में तो केन्द्र व राज्य सरकार का अंशदान 50:50 कर दिया गया है। वित्तीय पैटर्न के इस बदलाव से राज्य को अपनी प्राथमिकता वाली योजनाओं के लिए कम राशि उपलब्ध हो पाती है। यादव ने कहा कि बिहार के तीव्र एवं सतत विकास के लिए लगातार बड़े संसाधनों के निवेश की आवश्यकता है।
राज्य के विकास की अनिवार्यताओं को देखते हुए हमने केन्द्र से अनुरोध किया है कि वह अपना अंशदान 90 फीसदी करने पर विचार करे। इसी तरह विकसित बिहार 2047 के लिए बिहार ने पांच, दस व 22 वर्षों के तीन चरण में लक्ष्यों का निर्धारण किया है।
पूर्वोदय योजना के तहत तय इन लक्ष्यों को 2030 के लिए अल्पकालीन, 2035 के लिए मध्यकालीन व 2027 के लिए दीर्घकालीन लक्ष्य तय किया है। इसके कहत अगले 10 वर्षों के लिए बिहार को 15.68 लाख रुपए की आवश्यकता होगी। बिहार ने कहा है कि तीव्रगति से प्रगति कर रहे राज्य के लिए केन्द्र स्तर पर विशेष रणनीति बनायी जाए। साथ विकसित बिहार 2047 के लिए आवश्यक संसाधन मुहैया करायी जाए।