दो शराब माफियायों को पांच - पांच साल की कैद
छपरा में विशेष न्यायाधीश श्रीकांत सिंह ने रसूलपुर के परमात्मा मांझी और रविशंकर मांझी को अवैध शराब के कारोबार के लिए पांच-पांच साल की कठोर सजा सुनाई। दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।...

सजा के साथ-साथ आर्थिक जुर्माना भी लगा पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर शराब की बरामदगी की थी छपरा, नगर प्रतिनिधि। विशेष न्यायाधीश उत्पाद द्वितीय के प्रभारी न्यायाधीश जिला एवं सत्र न्यायाधीश 13 श्रीकांत सिंह ने रसूलपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी की सुनवाई शनिवार को पूरी कर ली। सजा की बिंदु पर सुनवाई के पश्चात रसूलपुर निवासी परमात्मा मांझी और रविशंकर मांझी को 30 (ए) बिहार मद्य निषेध उत्पादन अधिनियम 2018 के अंतर्गत पांच-पांच साल की कठोर कारावास दी। एक- एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माना दंड नहीं देने पर अतिरिक्त छह माह की सजा सुनाई है। मालूम हो कि 25 मार्च 2022 को रसूलपुर थाना के पुलिस अवर निरीक्षक छवीनाथ यादव ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
उन्होंने कहा था कि संध्या गश्ती के दौरान उन्हें गुप्त सूचना मिली कि ग्राम रसूलपुर के परमात्मा मांझी और रविशंकर मांझी अपने घर के बाउंड्री के अंदर से अवैध शराब का धंधा कर रहे है। सूचना पर सूचक ने उक्त स्थल पर पुलिस बल के साथ छापेमारी की तो पुलिस देख कर उक्त स्थल से दोनों भागने लगे। पुलिस टीम ने अभियुक्तों को खदेड़ कर पकड़ा और बाउंड्री के अंदर तलाशी ली तो बोरे में रखी 66 लीटर देसी शराब बरामद हुई।पुलिस द्वारा न्यायालय में आरोप पत्र 30 अप्रैल 2022 को समर्पित किया गया। न्यायालय द्वारा 27 जून 2022 को आरोप गठन किया गया। विशेष लोक अभियोजक उत्पाद सर्वजीत ओझा व उनके सहयोगी अनिल कुमार पांडेय द्वारा न्यायालय में कुल चार गवाहों की गवाही कराई गई। बचाव पक्ष की ओर से हरि मोहन सिंह ने न्यायालय में अपना पक्ष रखा। विशेष लोक अभियोजक उत्पाद सर्वजीत ओझा ने कहा कि बिहार में शराब बंद होने के बावजूद इन माफियाओं द्वारा शराब का कारोबार किया जा रहा है। इसलिए कठोर से कठोर सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई और शराब का कारोबार नहीं करे।
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